पुलवामा हमले के 100 घंटे के भीतर जैश नेतृत्व का सफाया : सेना

श्रीनगर। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि उसने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के नेतृत्व का सफाया कर दिया, जिसने इस घातक हमले की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था। यह बयान 15 कॉर्प्स कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल के. एस. ढिल्लो ने जम्मू एवं कश्मीर में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिया। संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व राज्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि पुलवामा हमले को पाकिस्तान की धरती से संचालित जेईएम ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस) और पाकिस्तानी सेना के सहयोग से अंजाम दिया था।
ढिल्लों ने कहा, "पुलवामा आतंकी हमले के 100 घंटे के भीतर ही हमने कश्मीर घाटी में जेईएम पर कड़ा प्रहार किया है, जिसे पाकिस्तान स्थित जेईएम द्वारा संचालित किया जा रहा है।"
उन्होंने यह भी कहा कि अभियान में मारे गए दो आतंकवादियों व एक स्थानीय आतंकी का विवरण सोमवार को दिया गया था।
ढिल्लों ने कहा, "स्थानीय कमांडरों में ज्यादातर पाकिस्तानी थे। उन पर गुरुवार को हुए हमले को नियंत्रित करने, समन्वय करने, साजिश रचने व इसके क्रियान्वयन का जिम्मा था। यह स्थानीय कमांडर घाटी में जेईएम के शीर्ष नेतृत्वकर्ता थे।"
चूंकि जेईएम नेतृत्व को पहले से ही ट्रैक किया जा रहा था, ऐसे में माड्यूल की विशेष सूचना पर भारतीय अभियान रविवार की रात को शुरू किया गया।
राज्य में आंतकवादी गतिविधियों से सहानुभूति रखने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, "कश्मीर में जो कोई भी बंदूक उठाएगा, उसका सफाया कर दिया जाएगा, जब तक कि वह आत्मसमर्पण न कर दे।"
उन्होंने कहा, "मैं कश्मीरी युवाओं के माता-पिता, खास तौर से माताओं से एक बात कहना चाहूंगा क्योंकि मैं समझता हूं कि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, आप के जरिए मैं आपके बेटों को आत्मसमर्पण करने व उनसे मुख्यधारा में शामिल होने का आग्रह करता हूं।"
पुलवामा जिले में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने पिंगलेना गांव में आतंकवादियों के एक ठिकाने को घेर लिया, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई, जो रविवार की रात भर चली और रुक-रुक कर सोमवार की शाम तक चली।
इसमें पाकिस्तान समर्थित जेईएम के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। इसमें से दो पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनकी पहचान कामरान व अब्दुल रशीद उर्फ गाजी उमर के रूप में हुई है। मुठभेड़ में एक मेजर, तीन जवान शहीद हो गए व एक नागरिक भी मारा गया।
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