समावेशी भारत, महिला सशक्तीकरण, मजबूत अर्थव्यस्था सरकार की प्राथमिकता: कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। उन्होंने अपने अभिभाषण में नई नरेंद्र मोदी सरकार के अगले पांच साल के कामकाज का जिक्र किया। देश की प्रगति में महिलाओं की समान भागीदारी और महिला सशक्तीकरण को केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उद्योग और कॉरपोरेट क्षेत्र के सहयोग से महिलाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने ‘तीन तलाक’ और ‘निकाह-हलाला’ जैसी कुप्रथाओं के उन्मूलन को भी जरूरी बताया।
कोविंद ने कहा कि महिला सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए,राज्यों के सहयोग से अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के दंड अधिक सख्त बनाए गए हैं और नए दंड प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।‘बेटी-बचाओ, बेटी-पढ़ाओ’ अभियान से भ्रूण हत्या में कमी आई है और देश के अनेक जिलों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों के लिए भी सुविधाओं में बढ़ोतरी को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ‘दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ‘राष्ट्रीय आजीविका मिशन’ के तहत ग्रामीण अंचलों की 3 करोड़ महिलाओं को अब तक 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया जा चुका है।
हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की बड़ी भागीदारी का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इस बार, महिलाओं ने पहले की तुलना में अधिक मतदान किया है और उनकी भागीदारी पुरुषों के लगभग बराबर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा के इतिहास में सबसे बड़ी संख्या में, 78 महिला सांसदों का चुना जाना नए भारत की तस्वीर प्रस्तुत करता है।
कोविंद ने कहा कि ‘उज्ज्वला योजना’ द्वारा धुएं से मुक्ति, ‘मिशन इंद्रधनुष’ के माध्यम से टीकाकरण, ‘सौभाग्य’ योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन, इन सभी का सर्वाधिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत बने घरों की रजिस्ट्री में भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है और हमारा 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है।
कोविंद ने कहा, ‘लोगों के जीवनस्तर में सुधार में आर्थिक विकास अहम भूमिका निभाता है। आज भारत दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मुद्रास्फीति कम है, राजकोषीय घाटा नियंत्रण में है। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रभाव बिल्कुल साफ है।’
कृषि के बारे में उन्होंने कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने के लिये पिछले पांच साल में कई कदम उठाये गये हैं। इनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाना और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्षण विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी शामिल हैं। इसके अलावा दशकों से अटकी सिंचाई परियोजनाओं का पूरा किया गया है तथा फसल बीमा योजना लागू की गयी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस कड़ी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि महत्वपूर्ण है। इसके जरिये केवल तीन महीनों में 12,000 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं। इस योजना के दायरे में अब सभी किसानों को लाया गया है। इस पर सालाना 90,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
उन्होंने कहा, ‘जीएसटी लागू होने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की सोच साकार हुई है। हम जीएसटी को और अधिक सरल बनाने के प्रयास जारी रखेंगे।’
भारत को निकट भविष्य में मिलेंगे राफेल विमान, अपाचे हेलीकॉप्टर
सेना एवं सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण का काम तेजी से आगे बढ़ने की ओर ध्यान दिलाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान और ‘अपाचे’ हेलीकॉप्टर निकट भविष्य में मिलने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आधुनिक राइफल से लेकर तोप, टैंक और लड़ाकू जहाज तक भारत में बनाने की नीति को सफलता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बन रहे रक्षा गलियारा इस मिशन को और मजबूती प्रदान करेंगे। अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करते हुए रक्षा उपकरणों के निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सैनिकों और शहीदों का सम्मान करने से सैनिकों में आत्म-गौरव और उत्साह बढ़ता है तथा हमारी सैन्य क्षमता मजबूत होती है। इसीलिए सैनिकों और उनके परिवार-जनों का ध्यान रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि ‘वन रैंक वन पेंशन’के माध्यम से पूर्व सैनिकों की पेंशन में बढ़ोतरी करके तथा उनकी स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करके, उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
कृषि उत्पादकता बढ़ाने को 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी सरकार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने एवं क्षेत्र में व्यापक सुधार के लिये कदम उठा रही है। कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए अगले कुछ साल में 25 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक सुधारों के लिये मुख्यमंत्रियों की एक समिति के गठन का निर्णय किया गया है। कोविंद ने कहा, ‘मजबूत ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार पर ही सशक्त राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का निर्माण संभव है। हमारे किसान, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के आधार स्तंभ हैं। राज्यों को कृषि विकास में पूरी मदद मिले, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।’
राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘किसान हमारा अन्नदाता है। उसकी सम्मान-राशि की पहुंच बढ़ाते हुए, अब ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ का लाभ देश के प्रत्येक किसान के लिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।’
उन्होंने कहा कि इस योजना (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) के माध्यम से सिर्फ तीन महीने में ही 12 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के पास पहुंचाई जा चुकी है। हर किसान को इस योजना के दायरे में लाए जाने के बाद, अब इस योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 90 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
‘राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण’ की प्रक्रिया को प्राथमिकता से लागू किया जाएगा
अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को देश की सुरक्षा के लिए ‘गंभीर खतरा’ करार देते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे क्षेत्रों में ‘राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण’ की प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर अमल में लाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर, पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके भारत ने अपने इरादों और क्षमताओं को प्रदर्शित किया है। भविष्य में भी अपनी सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।’
राष्ट्रपति ने कहा कि नया भारत ‘संवेदनशील’ भी होगा और ‘आर्थिक रूप से समृद्ध’ भी। लेकिन इसके लिए देश का सुरक्षित होना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यही कारण है कि आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए विदेशी, आतंरिक सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इससे देश के अनेक क्षेत्रों में सामाजिक असंतुलन की समस्या भी उत्पन्न हो रही है। इसके साथ ही आजीविका के अवसरों पर भी भारी दबाव अनुभव किया जा रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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