रिपब्लिक भारत, इंडिया टुडे समेत न्यूज़ चैनल्स ने पंजशीर में तालिबान पर हमले के नाम पर पुराने वीडियो दिखाये

रिपब्लिक भारत ने 23 अगस्त को अपने शो ‘ये भारत की बात है’ में अफ़गानिस्तान की बात की. पूरे शो में चैनल ने तालिबान के साथ पंजशीर की लड़ाई के बारे में बात करते हुए कई विज़ुअल्स दिखाए. आधे घंटे के इस शो में 1 मिनट 38 सेकंड पर ऐंकर सैयद सोहेल कहते हैं, “आइये एक और तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं तालिबान को कैसे पटकनी दी. देखिये ज़रा तस्वीरें. ये तालिबानी लड़ाके आप देख रहे हैं. तालिबानी आतंकी, जिन्हें धमाका कर मार दिया. पंजशीर के लड़ाकों ने तालिबान को धूल चटा दी है, कम से कम ये तस्वीर ये बयां कर रही है.” दावा किया गया कि पंजशीर घाटी के बाहर तालिबान के आतंकी मौजूद थे जिन्हें वहां के लड़ाकों ने हरा दिया. (आर्काइव लिंक)
रिपब्लिक भारत के इस शो को ‘पब्लिक TV‘ नाम के एक पेज ने पोस्ट किया जिसे लाखों व्यूज़ और लाइक्स मिले.
ये वीडियो टाइम्स नाउ, TV9 भारतवर्ष और ABP न्यूज़ ने भी चलाया. TV9 भारतवर्ष ने दावा किया कि 800 तालिबानी बिना लड़े ढेर हो गए. टाइम्स नाउ ने बताया कि अफ़गानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा कि पंजशीर घाटी के आस-पास तालिबान अपने लड़ाकों को इकठ्ठा कर रहा है. ABP न्यूज़ ने 23 अगस्त के 2 शो में ये वीडियो दिखाया. (पहला शो, दूसरा शो)
रिपब्लिक भारत ने एक और विज़ुअल दिखाते हुए दावा किया कि तालिबानी आतंकी घाटी पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी ताबड़तोड़ गोलीबारी होने लगी और कई तालिबानी आतंकी ढेर हो गए. ये दृश्य रिपब्लिक भारत के शो के इस वीडियो में 2 मिनट 46 सेकंड के बाद देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे ने भी ये विज़ुअल कई बार चलाए और इसे पंजशीर घाटी का दृश्य बताया. (आर्काइव लिंक)
BIG #Breaking#Exclusive Interview of @AmrullahSaleh2 on @IndiaToday-
I wished that Prez @ashrafghani stayed and became a rallying point. He didn't remain loyal to his promises.
We reject the Emirate of the Taliban, their dictatorship.#Afghanistan #Taliban #Kabul #Panjshir https://t.co/ehXg3P7Txm— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) August 24, 2021
चैनल ने ये फ़ुटेज दिखाते हुए बताया कि ये पंजशीर घाटी की 23 अगस्त की घटना थी.
फ़ैक्ट-चेक
पहला वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमने देखा कि @CWC_Today द्वारा ट्वीट किए गए इस वीडियो के जवाब में कई लोगों ने कहा कि ये पुराना वीडियो है. एक यूज़र ने मार्च 2020 का एक फ़ेसबुक पोस्ट शेयर किया जिसमें ये वीडियो शामिल था. ये वीडियो फ़ेसबुक पेज ‘Egy Army – Police का पोस्ट है.
इसके बाद हमने फ़ेसबुक पर की-वर्ड्स सर्च किया तो हमें इसी पेज (Egy Army – Police) द्वारा 1 मई 2020 को अपलोड किया गया ये वीडियो मिल गया. यानी, ये वीडियो हाल में पंजशीर द्वारा तालिबानियों पर हमले का बिलकुल भी नहीं हो सकता.
इस वीडियो को मार्च 2020 में रेडिट पर भी अपलोड किया गया था.
दूसरा वीडियो
इंडिया टुडे और रिपब्लिक भारत द्वारा दिखाये गये वीडियो की पड़ताल के लिए भी हमने ट्विटर पर की-वर्ड्स सर्च किया. हमने देखा कि एक ट्वीट के जवाब में इसे यमन का पुराना वीडियो बताया गया है.
यूट्यूब पर इसे 16 अगस्त 2021 को यमन में चल रहे युद्ध का बताकर अपलोड किया गया था. ऑल्ट न्यूज़ को ऐसा ही एक वीडियो ट्विटर पर मिला जिसे 4 अगस्त को ट्वीट किया गया था. इस वीडियो में गोली से बचने के लिए भागते हुए शख्स के अलावा हमलावरों को भी देखा जा सकता है.
نجل العميد علي صالح الكليبي المصعبي قائد اللواء 19 مشاه أنجاه الله من وابل رصاص لأكثر من 20 #حوثي يرمونه بالرصاص
كل هذا الحقد والكراهية والعدواه والبغضاء في قلوب الحوثيين لكل يمني خرج يدافع عن شرفه وكرامة وأرضه من غلمان ايرلو
ولكن عناية الله حفظة هذا البطل#عامر_الحميقاني pic.twitter.com/3BrWIouyNT
— عامر الحميقانيAmer Al_Homaiqani🇾🇪 (@amerAlhamiqaniu) August 4, 2021
ऊपर दिये गये वीडियो के एक फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यमन की कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं और ‘यमन मिलिट्री मीडिया’ हैंडल का एक ट्वीट भी मिला. इस ट्वीट में यमन के ऑपरेशन अल-निसार अल-मुबीन फेज़ 2 की कुछ तस्वीरें थीं और साथ ही वीडियो का लिंक दिया गया था.
صور من مشاهد عملية النصر المبين (المرحلة الثانية) "تطهير مدريتي ناطع ونعمان" بمحافظة البيضاء"
https://t.co/L8fLhTu4hW
https://t.co/Xa6uYsqSkh pic.twitter.com/l8MMtol9QQ— الإعلام الحربي اليمني (@MilitaryMediaY0) July 31, 2021
वीडियो ‘यमन मिलिट्री मीडिया’ के यूट्यूब चैनल पर 30 जुलाई को पोस्ट किया गया था. ये वीडियो ऑपरेशन ‘अल-निसार अल-मुबीन फेज़ 2’ की प्रेस ब्रीफ़िंग का था. इसमें यमन का एक आर्मी ऑफ़िसर ऑपरेशन के बारे में जानकारी देता हुआ दिखता है जिस दौरान वो कुछ विज़ुअल्स भी दिखाता है. वीडियो में 15 मिनट 30 सेकंड के बाद वो दृश्य दिखता है जिसे इंडिया टुडे ने ये कहकर दिखाया कि वो 23 अगस्त की पंजशीर घाटी की घटना थी.
हमने इंडिया टुडे के विज़ुअल और ‘यमन मिलिट्री मीडिया’ के यूट्यूब चैनल पर मिले दृश्य की तुलना की. इन्हें देखकर ये साफ़ हो गया कि ये वीडियो पंजशीर घाटी का बिलकुल भी नहीं है.
इंडिया टुडे और रिपब्लिक भारत ने जिस वीडियो को पंजशीर घाटी का हालिया वीडियो बताया, उसका लम्बा वर्ज़न 31 जुलाई को ‘यमन मिलिट्री मीडिया’ ने अपलोड किया था. भारतीय न्यूज़ चैनलों पर उस वीडियो का कुछ हिस्सा धुंधला कर दिखाया गया और दावा किया गया कि ये तालिबानी लड़ाकों पर हमले का दृश्य है.
अब पंजशीर के बारे में थोड़ा जान लेते हैं. ये अफ़ग़ानिस्तान का ऐसा प्रांत है, जो हमेशा तालिबान के नियंत्रण से बाहर रह है. इस बार भी तालिबान पंजशीर पर क़ब्ज़ा करना चाहता है. इसी वजह से तालिबान ने अपने लड़ाकों को पंजशीर के आस-पास इकठ्ठा कर दिया है. इन सब के बीच भारतीय मडिया ने पुराने वीडियोज़ चलाते हुए ये दिखाया कि पंजशीर ने तालिबान के परखच्चे उड़ा दिए.
कुल मिलाकर कुछ मीडिया संगठनों ने तालिबानी आतंकियों पर पंजशीर लड़ाकों का हमला दिखाने के लिए ऐसे पुराने वीडियो चला दिये जो अफ़ग़ानिस्तान के थे ही नहीं. इनमें एक वीडियो मार्च 2020 से इन्टरनेट पर मौजूद है तो दूसरा वीडियो यमन का है.
साभार : ऑल्ट न्यूज़
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