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डेली राउंडअप: झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल गिरफ़्तार, श्रीलंका के राष्ट्रपति नहीं देंगे इस्तीफ़ा और अन्य खबरें

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल को आज प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में तीन दिनों की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया जिसने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है।

 

 

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झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

रांची/भाषा: झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल को आज प्रवर्तन निदेशालय ने करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में तीन दिनों की लंबी पूछताछ के बाद देर शाम गिरफ्तार कर विशेष अदालत में पेश किया जिसने उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है।

झारखंड की खान सचिव एवं 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी पूजा सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय ने तीन दिनों तक चली लंबी पूछताछ के बाद करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में आज शाम लगभग पांच बजे गिरफ्तार कर लिया ।

इसके बाद सिंघल को प्रवर्तन निदेशालय के न्यायाधीश प्रभात कुमार की विशेष अदालत में पेश किया जहां से उन्हें चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया । ईडी के अनुरोध पर मामले की जांच के लिए सिंघल की पांच दिनों की रिमांड लेने की भी जांच एजेंसी को अनुमति दे दी।
   
प्रवर्तन निदेशालय के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि विशेष अदालत ने इस मामले की सुनवाई अपने निवास पर रात्रि लगभग नौ बजे की और ईडी की मांग पर उसे पांच दिनों के लिए पूजा सिंघल को हिरासत में लेकर पूछताछ की अनुमति दे दी है।
   
उन्होंने बताया कि अदालत ने पूजा सिंघल को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है जिसके चलते आज रात उन्हें रांची में होतवार स्थित बिरसामुंडा जेल भेज दिया गया जहां से बृहस्पतिवार को ईडी उसे पांच दिनों की रिमांड पर लेगी और भ्रष्टाचार के मामलों में आगे की पूछताछ और जांच करेगी।
   
प्रवर्तन निदेशालय ने पूजा के खिलाफ जिस मामले में कार्रवाई की है, वह खूंटी जिले में उनके उपायुक्त रहने के दौरान मनरेगा में किये गये कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि सिंघल एवं उनके दूसरे पति अभिषेक झा अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन सिंह के यहां से बरामद 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जबकि ऐसा माना जाता है कि सिंघल की अवैध कमाई का धन उनके सीए सुमन सिंह ही शेल कंपनियों के माध्यम से जगह-जगह निवेश किया करते थे।
   
छह मई को देश के विभिन्न राज्यों में दो दर्जन स्थानों पर की गयी छापेमारी और लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने सात मई को पूजा सिंघल के चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। उसके पास से ईडी ने 17 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की थी जिसका उनके पास कोई हिसाब नहीं था। सुमन को अदालत में पेश कर ईडी पहले ही रिमांड पर ले चुकी है।

ईडी के सूत्रों का कहना है कि अब इस मामले में पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा और सिंघल के व्यापारिक हिस्सेदार एजेंसी के राडार पर हैं और शीघ्र ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा का रांची के बरियातू इलाके में पल्स अस्पताल है।

आगरा के डॉ भीमराव आंबडेकर विश्वविद्यालय ने प्रश्नपत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द की

आगरा/भाषा: उत्तर प्रदेश में आगरा स्थित डॉ भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने कुछ विषयों के प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने के बाद उनकी परीक्षाएं बुधवार को रद्द कर दीं।

अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की जांच करने के लिए एक समिति गठित की है।

पुलिस अधीक्षक (नगर) विकास कुमार ने कहा कि इस संबंध में लोहामंडी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर अजय तनेजा ने कहा कि बीएससी द्वितीय और तृतीय वर्ष की जूलॉजी और गणित की परीक्षा बुधवार को पूर्वाह्न 11.30 बजे से होनी थी।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “ हालांकि आगरा कॉलेज के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने जूलॉजी और गणित की परीक्षा से ठीक 45 मिनट पहले देखा कि कुछ छात्र समूहों में बैठे थे, अपने मोबाइल फोन में व्यस्त थे।”

उन्होंने कहा कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों ने छात्रों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए और "उन्हें बीएससी तृतीय वर्ष के जूलॉजी और गणित के प्रश्न पत्रों से संबंधित सामग्री मिली।’’

तनेजा ने बताया कि बोर्ड की बैठक हुई और परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया।

श्रीलंका के राष्ट्रपति पद नहीं छोड़ेंगे, इस सप्ताह नये प्रधानमंत्री की नियुक्ति की घोषणा की

कोलंबो/भाषा: संकट में घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने पद छोड़ने से बुधवार को इनकार कर दिया लेकिन कहा कि वह इसी हफ्ते नये प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल की नियुक्ति करेंगे जो संवैधानिक सुधार पेश करेगा। देश में गंभीर आर्थिक संकट के चलते सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।

संकट के बीच प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले महिंदा राजपक्षे अपने करीबियों पर हमले के मद्देनजर एक नौसेना अड्डे पर सुरक्षा घेरे में हैं।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में गोटबाया (72) ने यह भी कहा कि नये प्रधानमंत्री एवं सरकार को नियुक्त करने के बाद संविधान में 19वें संशोधन की सामग्री तैयार करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पेश किया जाएगा जो संसद को और शक्तियां प्रदान करेगा।

गोटबाया ने कहा, ‘‘मैं युवा मंत्रिमंडल नियुक्त करूंगा जिसमें राजपक्षे परिवार का कोई सदस्य नहीं होगा।’’ उन्होंने देश को अराजक स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए राजनीतिक दलों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। अपने संबोधन से कुछ मिनट पहले गोटबाया ने पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ बातचीत की।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘नयी सरकार के प्रधानमंत्री को नया कार्यक्रम पेश करने एवं देश को आगे ले जाने का मौका दिया जाएगा।’’

राष्ट्रपति के बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद पिछले दो दिनों से देश में कोई सरकार नहीं है। उनके इस्तीफे के बाद अंतरिम सरकार का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति बिना मंत्रिमंडल के ही देश को चलाने के लिए अधिकार प्राप्त हैं। इस सप्ताह के प्रारंभ में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए गोटबाया ने कहा कि नौ मई को जो कुछ हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने कहा, ‘‘हत्याओं, हमले, धौंसपट्टी, संपत्ति को नष्ट करना और उसके बाद के जघन्य कृत्यों को बिल्कुल ही सही नहीं ठहराया जा सकता। ’’

उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक को जांच करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका पुलिस एवं सैन्यबल को हिंसा फैलाने वालों के विरूद्ध कड़ाई से कानून लागू करने का आदेश दिया गया है।

रक्षा मंत्रालय के सचिव कमल गुणरत्ने ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को त्रिंकोमाली स्थित नौसेना अड्डे पर ले जाया गया है जहां वह सुरक्षा घेरे में हैं।

राजधानी में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सैनिकों और सैन्य वाहनों को सड़कों पर तैनात कर दिया गया। कोलंबो और उपनगरों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना के विशेष बलों को भी तैनात किया गया है।

श्रीलंका अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इससे निपटने में सरकार की विफलता को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच महिंदा को सुरक्षा मुहैया करायी गई है। विपक्षी दल भी उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) नेता महिंदा 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति थे और उस दौरान उन्होंने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ क्रूर सैन्य अभियान चलाया था।

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