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लेफ़्ट से राइट तक: भारतीय सेना की कार्रवाई का समर्थन, आपसी तनाव घटाने और कूटनीति पर ज़ोर की वकालत

भारत के सभी राजनीतिक दलों जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों शामिल हैं, पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना की कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” का पूरा समर्थन किया है और अपनी एकजुटता जताई है।
Colonel Sophia Qureshi, Wing Commander Vyomika Singh
कर्नल सोफ़िया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सेना की कार्रवाई की जानकारी दी।

भारत के सभी राजनीतिक दलों जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों शामिल हैं, पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में  भारतीय सेना की कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” का पूरा समर्थन किया है और अपनी एकजुटता जताई है। 

कांग्रेस पार्टी ने इस संबंध में आज 7 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग की और इसके बाद मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि–

“हमारे भारतीय सशस्त्र बलों पर हम गर्व करते हैं, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK के आतंकी ठिकानों पर साहसिक कार्रवाई करते हुए मुंहतोड़ जवाब दिया है। 

हम अपने जांबाज सैनिकों के साहस, दृढ़ संकल्प और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं। 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दिन से ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साफ तौर पर सशस्त्र बलों और सरकार के साथ एकजुटता से खड़े होकर सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ हर निर्णायक कार्रवाई का समर्थन किया था। 

पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के सभी रूपों के विरुद्ध भारत की राष्ट्रीय नीति स्पष्ट और अडिग है। 

महान भारत देश की राष्ट्रीय एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सभी स्तर पर एकजुटता की सर्वाधिक जरूरत है।

कांग्रेस पार्टी देश के वीर जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इतिहास गवाह है कि हमारे नायकों ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखते हुए देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी शहादत दी है। ये बात देश और दुनिया को मालूम है। 

हम हमारे सैनिकों को देश की रक्षा, एकता और आजादी को महफूज रखने के लिए पूरा समर्थन दे रहे हैं।

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इन बातों का समर्थन किया और कहा कि हम अपनी सशस्त्र सेनाओं को पूरा समर्थन देते हैं।

भारत के सभी वाम दलों ने भी इस कार्रवाई को समर्थन देते अपनी एकजुटता दोहराई। 

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पोलित ब्यूरो ने एक बयान जारी कहा कि– “भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों और ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से अंजाम दिया गया। सशस्त्र बलों के अनुसार, ये हमले केंद्रित, नियंत्रित और गैर-उकसावे की प्रकृति के थे, जिन्हें नौ स्थानों पर सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में, सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया।

इन कार्रवाइयों के साथ-साथ पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखा जाना चाहिए कि वह पहलगाम में निर्दोष लोगों के नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार लोगों को भारत को सौंपे और यह सुनिश्चित करे कि उसकी ज़मीन से कोई भी आतंकवादी कैंप संचालित न हो।

भारतीय सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश की एकता और अखंडता की रक्षा की जाए।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का भी बयान आया है। पार्टी महासचिव डी राजा ने अपने X हैंडल पर पोस्ट किया–

“भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में स्थित आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत को मान्यता देती है। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए उस वीभत्स आतंकवादी हमले के बाद की गई है, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई।

इस तरह की गंभीर उकसावे वाली घटना और निर्दोष जानों की क्षति के मद्देनज़र, CPI का मानना है कि भारत के पास आतंकवाद के इन स्रोतों के ख़िलाफ़ सख़्त प्रतिक्रिया देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा था। इन हमलों की लक्षित प्रकृति—जिसमें पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया और केवल आतंकवादी ढांचे पर फोकस किया गया—इस बात को दर्शाती है कि यह एक संतुलित और गैर-उकसावे वाली कार्रवाई थी, जो जवाबदेही सुनिश्चित करने के साथ-साथ पूर्ण युद्ध की आशंका से बचती है।

साथ ही, CPI भारत सरकार से आग्रह करती है कि वह तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलाए ताकि आतंकवाद के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सहमति और सामूहिक संकल्प को और मज़बूत किया जा सके। हम इस बात को दोहराते हैं कि आगे किसी भी तरह के तनाव को रोकने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए राजनयिक रास्तों को प्राथमिकता दी जाए तथा राजनीतिक समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएं।

हम पाकिस्तान सरकार से भी अपील करते हैं—जो स्वयं भी आतंकवाद की मार झेल चुकी है—कि वह अपनी ज़मीन से संचालित सभी आतंकी नेटवर्कों को तत्काल समाप्त करे। केवल क्षेत्रीय स्तर पर एक साझा संकल्प ही इस हिंसा के चक्र को समाप्त कर सकता है और हमारे लोगों के लिए दीर्घकालिक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है।

यह समय एकजुटता, संकल्प और भारत की जनता के न्यायप्रिय और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का होना चाहिए।”

भाकपा (माले) केन्द्रीय कमेटी ने भी “ऑपरेशन सिंदूर” पर अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि आपसी तनाव घटाने और कूटनीति पर जोर हो, एक और युद्ध से बचा जाय!

अपने विस्तृत बयान में माले ने कहा– “भारत सरकार और सेना ने बताया है कि पिछली रात 7 मई की सुबह से पहले सीमापार पाकिस्तान में नौ आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों को नष्ट कर दिया गया है. भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि यह ऑपरेशन विश्वसनीय इंटेलिजेन्स जानकारी के आधार पर बिल्कुल सटीक, सधी हुई और सीमित दायरे में किया गया है. पाकिस्तान का कहना है कि इसमें बच्चों और महिलाओं समेत आम नागरिक भी मारे गये हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू और कश्मीर में सीमा पार से गोलीबारी होने और कई नागरिकों के मारे जाने की सूचनायें भी मिल रही हैं। 

एक और भारत-पाक युद्ध के ख़तरनाक संकेत स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं। पूरी कोशिश होनी चाहिए कि दो परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों के बीच युद्ध न होने पाये। आतंकवाद को ख़त्म करने और तनाव कम करने के लिए हर तरह के गैर-सैनिक कूटनीतिक विकल्पों की सम्भावनाओं की तलाश जारी रहनी चाहिए।  

भारत सरकार ने दो सौ से अधिक जिलों में सिविलियन मॉक ड्रिल कराने की भी घोषणा की है। इतने बड़े पैमाने पर ऐसी कवायद इससे पहले 1971 में हुई थी जब भारत और पाकिस्तान एक बड़े युद्ध में आमने-सामने आये थे। मॉक ड्रिल सुरक्षा के प्रति आम नागरिकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए कराई जाती है, हमें ध्यान रखना होगा कि इसके बहाने देश के अन्दर युद्धोन्माद का माहौल बना कर आंतरिक वातावरण बिगाड़ने के लिये इसका इस्तेमाल न हो पाये। 

स्पष्ट है कि जिन महिलाओं ने पहलगाम आतंकी हमले में अपने पतियों को खोया है, उन्हें न्याय दिलाने के लिए इस कार्यवाही का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखा गया है। पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए जरूरी है कि हम उनके विचारों का सम्मान करें और शांति व सौहार्द बनाये रखने के उनके आह्वानों और सुरक्षा में रह गयी कमियों जिनके कारण वह भयानक आतंकी हमला हुआ, के प्रति उनकी चिन्ताओं को भी साझा करें. हिमांशी नरवाल और शैला नेगी जैसी बहादुर महिलाओं के ख़िलाफ़ कई असरदार राजनीतिक लोगों समेत सभी नफरती ट्रोल अभियान चलाने वालों पर कार्यवाही होनी चाहिए।  

पहलगाम आतंकी हमला और अब ऑपरेशन सिंदूर के बाद इंटरनेट पर झूठे दावों और फेक न्यूज़ की बाढ़ ही आ गई है। फेक न्यूज़ और दुष्प्रचार पर रोक लगनी चाहिए लेकिन इसके बहाने अभिव्यक्ति व विरोध करने की आज़ादी का दमन हरगिज नहीं होना चाहिए। भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर, लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और राजनीतिक व्यंगकार माद्री काकोटी, डिजिटल न्यूज चैनल 4पीएम नेटवर्क के खिलाफ लगाये फर्जी आरोप, और अब पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी के यूट्यूब चैनल का अचानक 'गायब' हो जाने का मतलब दरअसल विरोध के स्वरों पर चल रहे हमलों को राष्ट्रविरोधी कह कर और तेज किया जा रहा है।  

हम भारत सरकार से दमन की नीति को छोड़ने की मांग करते हैं और सभी न्यायपसन्द भारतीयों से हर तरह के आतंक, घृणा और दमन के विरुद्ध संगठित होने और शांति, सौहार्द एवं लोकतंत्र को बुलन्द करने का आह्वान करते हैं।
 
हम पाकिस्तान की सरकार से भी कहना चाहते हैं कि वह पाकिस्तान में आतंकी कैम्पों को बंद करे, साथ ही पाकिस्तान की जनता से भी आतंक और युद्ध के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने अपील करते हैं। भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक और युद्ध हरगिज़ नहीं, इसकी जगह परस्पर तनाव कम करने के लिए दोनों और से दबाव बनना चाहिए। 

अन्य सभी दलों और नेताओं ने भी इसी तरह का समर्थन जताया है। 

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने X हैंडल पर लिखा– “पराक्रमो विजयते!”

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लिखा– “पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने की भारतीय सेना की ‘आपरेशन सिंदूर’ कार्रवाई गौरवमय व सराहनीय।”

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान जारी किया– “भारत, भारतीयों और भारतीय सेना ने कभी भी अपने देश में किसी भी प्रकार के आतंकवाद और अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया है और ना ही कभी करेंगे।

भारतीय सेना ने हर बार माताओं की कोख, बहनों की कलाई, और उनके माथे के सिंदूर की रक्षा की है।

हम सत्य, अहिंसा और शांति को मानने वाले लोग है। हम भारतीय कभी गलत नहीं करते लेकिन अगर कोई हमारे साथ गलत करता है तो फिर हम सहते नहीं। आतंकवाद को पोसने वाले लोग यदि हमारी एकता, अखंडता और संप्रभुता पर प्रहार करेंगे तो हमें एकजुट होकर मुँह तोड़ जवाब देना आता है। आतंकवाद के विरुद्ध इस लड़ाई में 140 करोड़ भारतवासी भारतीय सेना और सरकार के साथ है।

हिंदुस्तान ज़िंदाबाद! भारतीय सेना ज़िंदाबाद! जय हिंद!” 

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने X हैंडल पर लिखा– “हमें भारतीय सेना और अपने वीर जवानों पर गर्व है। आतंकवाद के खिलाफ़ इस लड़ाई में 140 करोड़ भारतवासी भारतीय सेना के साथ खड़े हैं। भारतीय सेना का साहस, हर देशवासी का विश्वास है। हम सब साथ हैं—आतंकवाद के खिलाफ़ एकजुट हैं। 

जय हिंद, जय भारत।”

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