देश ही नहीं विदेश के कारोबारियों को भी जीएसटी से घाटा, कहा अब नहीं आएंगे भारत

आऩन-फानन में जीएसटी लागू करना देश की अर्थव्यवस्था को किस कदर नुकसान पहुंचा रहा है कि वह हर दिन सामने आ रहा है। दिल्ली में हर साल इंटरनेशनल ट्रेड फेयर लगता है और इस बार इसमें भाग लेने आने आए कारोबारियों पर जीएसटी की तगड़ी मार पड़ी है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में तुर्की, श्रीलंका, अफगानिस्तान, थाईलैंड जैसे तमाम देशों के कारोबारी अपने सामानों की बिक्री और प्रदर्शनी के लिए आए हैं। लेकिन इस बार जीएसटी की ऊंची दरों की वजह से उनका धंधा मंदा है। इस फेयर में पिछले 19 साल से स्टॉल लगा रहे तुर्की के एक कारोबारी ने बताया कि जीएसटी की वजह से उनकी बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
वह कहते हैं कि यही हाल रहा तो वह अगले साल ट्रेड फेयर में नहीं आएंगे। स्टॉल के लिए हमने साढ़े 19 लाख दिए हैं लेकिन हर दिन सिर्फ 20000 ही कमा पा रहे हैं। ऐसे में स्टॉल की कीमत नहीं निकाल पाएंगे। फिर कमाएंगे क्या।
विदेशी कारोबारियों का कहना है कि उन पर दोहरी मार पड़ रही है। उन्हें स्टेट जीएसटी भी देना पड़ रहा है और इंटग्रेटेड जीएसटी भी। इस वजह से चीजें महंगी हो रही है और ग्राहक उन्हें नहीं खरीद रहा है। कालीन बेचने वाले अफगानिस्तान के एक कारोबारी ने कहा कि इस साल अब तक वह दो-तीन कालीन भी नहीं बेच पाए हैं।
शरजाह के एक कपड़ा व्यापारी ने बताया कि यह दूसरा साल है जब उन्हें घाटा हो रहा है। पिछले साल नोटबंदी की वजह से घा हुआ था और इस साल जीएसटी की मार पड़ी है। देश के अंदर राज्यों से आए स्टॉल्स में भी बिक्री नहीं हो रही है। मिजोरम पेवेलियन में सेल्स गर्ल का काम रही एक युवती न बताया कि जीएसटी की वजह से बिक्री पर फर्क पड़ा है। ज्यादातर ग्राहक चाहते हैं कि बिल में जीएसटी न जोड़ा जाए। लेकिन हमें तो सरकार को जीएसटी देना है। बिक्री न होने से घाटा का सामना करना पड़ रहा है।
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