फ़िलिस्तीनी विदेश मंत्री ने इज़रायल के वार क्राइम की जांच में सहयोग को दोहराया

फिलिस्तीनी विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के दौरे को लेकर इजरायल द्वारा उनके विशेष यात्रा परमिट को रद्द करने के एक दिन बाद सोमवार 22 मार्च को उन्होंने आईसीसी प्रोसिक्यूटर से संपर्क बनाए रखने के अपने इरादे को दोहराया और कहा कि कब्जे वाले क्षेत्र में इजरायल के वार क्राइम को लेकर आईसीसी की जांच में बाधा डालने के इजरायल के प्रयास के बावजूद जारी रहेगा। फिलिस्तीनी डब्ल्यूएएफए समाचार एजेंसी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया।
अल-मलिकी ने नवनियुक्त आईसीसी प्रोसिक्यूटर के साथ-साथ निवर्तमान प्रोसिक्यूटर फतोउ बेनसौदा से मुलाकात की थी जिन्होंने इस महीने आईसीसी के युद्ध अपराधों और मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच शुरु करने की घोषणा की थी जो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हो रहा है।
पड़ोसी जॉर्डन के साथ इजरायल-नियंत्रित सीमा के जरिए पार कर कब्जे वाले वेस्ट बैंक में विदेश मंत्री के लौटने के तुरंत बाद इजरायल के अधिकारियों ने उनके विशेष वीआईपी यात्रा परमिट को रद्द कर दिया। ये परमिट फिलिस्तीनी सरकार के अधिकारियों को विदेश की यात्रा के साथ साथ वेस्ट बैंक में इजरायल की कई चौकियों से गुजरने को आसान बनाता है।
इजरायली सुरक्षा बलों ने कथित तौर पर विदेश मंत्री के आगमन पर रोक लगा दी और उनसे लगभग डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। विदेश मंत्री के अनुसार इजरायल के अधिकारियों ने फिलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल को भी चेतावनी दी कि वे आईसीसी के साथ फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के संवाद को खतरे की रेखा मानते हैं और यदि उनके निरंतर आईएसी के साथ समन्वय जारी रखने पर पीए पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी। इजरायल की कार्रवाइयों को स्पष्ट रूप से अवैध और मनमाने तरीके से बताते हुए विदेश मंत्री ने अपनी बैठक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के आईसीसी को उसके युद्ध अपराधों की जांच में पूर्ण सहयोग का वादा किया।
आईसीसी जांच फिलीस्तीनी और इजरायल दोनों पक्षों द्वारा फिलिस्तीन में किए गए युद्ध अपराधों की जांच करेगी। इस जांच में 2014 में गाजा पर इजरायल के हमले के दौरान इजरायली सेना द्वारा फिलिस्तीनियों की हत्याओं के साथ-साथ इजरायल के सुरक्षा बलों द्वारा 2018 के ग्रेट रिटर्न विरोध के साप्ताहिक मार्च के दौरान गाजा-इज़रायल सीमा पर मारे गए फिलिस्तीनियों के मामले शामिल हैं।
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