देश में व्यापार घाटा बढ़कर रिकॉर्ड स्तर 25.6 अरब डॉलर पर पंहुचा

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आकड़ों के मुताबिक जून के महीने में 63.6 अरब डॉलर का आयात किया गया है, जबकि इस बीच निर्यात 37.9 अरब डॉलर का हुआ है, यानी जून के माह के दौरान व्यापर घाटा बढ़कर अपने रिकार्ड स्तर 25.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। हालांकि पिछले साल जून 2021 में सालाना आधार पर व्यापार घाटा 9.61 अरब डॉलर रहा था |
साथ ही इस साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) तक व्यापार घाटा 70.25 अरब डॉलर रहा था, वही इस तिमाही (अप्रैल से जून) में व्यापार घाटा 31.42 अरब डॉलर रहा है। लेकिन सालाना आधार पर देखे तो पिछले जून 2021 के मुकाबले जून 2022 में व्यापार घाटा बढ़कर सबसे ज्यादा यानी 25.6 अरब डॉलर हो गया है।
सालाना आधार पर जून के महीने में निर्यात 16.78 फीसदी बढ़कर 37.94 अरब डॉलर हो गया है। जबकि आयात में 51 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और जून के महीने में 63.6 अरब डॉलर का आयात किया गया है।
सालाना आधार पर पिछले तीन महीने में व्यापार घाटा
मई के महीने में 63.2 अरब डॉलर का आयात किया गया था, जबकि इस बीच 38.9 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था यानी मई के महीने में 24.3 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रहा था। अप्रैल के महीने में 58.26 अरब डॉलर का आयात किया गया था, जबकि 38.19 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। यानी अप्रैल के महीने में 20.7 अरब डॉलर व्यापार घाटा रहा था |
हालांकि मार्च के महीने में आयात 60.74 अरब डॉलर का किया था, जबकि निर्यात 42.22 अरब डॉलर का हुआ था। मार्च के महीने में ज्यादा निर्यात के कारण व्यापार घाटा 18.51 अरब डॉलर रहा था। लेकिन मार्च के बाद से एक बार फिर व्यापार घाटा बहुत तेजी से बढ़ा है।
व्यापार घाटा बढ़ने के कारण
व्यापार घाटे के कारणों की बात करे तो, व्यापार घाटे के बढ़ने का पहला कारण यह रहा है कि पिछले कुछ समय से कुछ वस्तुओं जैसे क्रूड पेट्रोलियम, कोयला और सोने के आयात में बहुत ज़्यादा बढ़ोतरी हुई है | जबकि निर्यात में इसके आधे से भी बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिसके कारण व्यापार घाटा बढ़ा है। सालाना आधार पर जून 2022 में क्रूड पेट्रोलियम के आयात में 94 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जून के महीने में 20.73 अरब डॉलर के क्रूड पेट्रोलियम का आयात किया गया है।
जून 2021 में 1.88 अरब डॉलर कोयले का आयात किया गया था,जबकि जून 2022 में सालाना आधार पर 6.4 अरब डॉलर कोयले का आयात किया गया है | साथ ही जून 2021 में सोने के आयात में सालाना आधार पर 0.96 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी, जबकि सालाना आधार पर जून 2022 में 2.61 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
साथ ही दूसरा कारण रुपये की क़ीमत में गिरावट रहा है, मौजूदा समय में रूपया 79 रुपये प्रति डॉलर से ऊपर पहुंच गया है। जिसके कारण आयात किए जाने वाली सभी वस्तुओं के आयात में हमे ज़्यादा पैसा चुकाना पड़ा रहा है। जिसके कारण व्यापार घाटा बढ़ा है, साथ ही सरकार के पास डॉलर के भंडार में भी कमी आयी है।
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