दिल्ली अपडेट : हिंसाग्रस्त इलाकों में तनावपूर्ण शांति, चार और शव मिले
*प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद, बोर्ड परीक्षाओं में बच्चे हुए शामिल
*नफ़रती भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट 4 को करेगा सुनवाई
*घायल डीसीपी की हालत में सुधार
*हिरासत और गिरफ़्तार लोगों के ब्योरे की मांग

दिल्ली : उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा/हमले के करीब एक हफ्ते बाद रविवार को स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण बनी रही। देर शाम तो इस कदर अफवाह का दौर चला कि हर कोई हैरान-परेशान हो गया। इन इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती जारी है।
इस बीच, गोकलपुरी और शिव विहार इलाके के नाले से चार और शव बरामद किए गए। हालांकि पुलिस के अनुसार यह स्पष्ट नहीं कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं। यही वजह है कि प्रशासन ने इन मौतों के साथ अपने आंकड़ों को अपडेट नहीं किया है।
उधर, उत्तर पूर्व दिल्ली के कुछ इलाकों में लोगों ने नकदी संकट की शिकायत की है क्योंकि हिंसा के बाद से इलाके के बैंक और एटीएम बंद पड़े हैं।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि उसने मामले में अबतक 254 प्राथमिकी दर्ज की है और 903 लोगों को हिरासत में लिया है या गिरफ्तार किया है। शस्त्र कानून के तहत 41 मामले दर्ज किए गए हैं।
अधिकारी ने बताया कि गत तीन दिन में उत्तरपूर्वी दिल्ली में किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और इसकी सूचना प्रशासन को देने का आह्वान किया है।
पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रविवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब हिंसा की झूठी खबर फैली। इसके चलते दिल्ली मेट्रों ने भी बिना कारण बताए सात स्टेशनों को बंद कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की।
पुलिस ने बताया कि गोकलपुरी इलाके में रविवार को नाले से तीन शव और शिव विहार के नाले से एक शव बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं। प्रशासन ने मौतों के आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार से अबतक खुफिया विभाग के कर्मचारी अंकित सहित कई दंगा पीड़ितों के शव नाले से बरामद किए गए हैं।
स्कूल 7 मार्च तक बंद
उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में स्कूलों को सात मार्च तक बंद कर किया गया है। इस तरह अब स्कूल होली की छुट्टियों के बाद ही खुल पाएंगे।
इस बीच हिंसा प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने सोमवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं दीं।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों का भौतिक विज्ञान का और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का संगीत का पेपर था।
सीबीएसई ने रविवार को कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित हिस्सों में बोर्ड परीक्षाओं को टालने से छात्रों के मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला सुरक्षित करने के मौके बाधित होंगे।
नगदी का संकट
जाफराबाद निवासी आदिल खान ने बताया कि यमुना विहार के बी ब्लॉक स्थित कई बैंक शाखाएं और एटीएम 23 फरवरी को हिंसा और दंगे शुरू होने के बाद से बंद हैं।
हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित शिव विहार में मोबाइल रिचार्ज की दुकान चलाने वाले 27 वर्षीय मोहम्मद आलम ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’को बताया कि उनकी दुकान गत चार दिनों से बंद है। उन्होंने कहा, ‘‘ बैंक और एटीएम बंद होने से कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। लोगों के पास नकदी नहीं है।’’
मुस्तफाबाद में रहने वाले कैलाश कुमार ने कहा कि उनका परिवार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित पैतृक घर जाना चाहता है लेकिन यात्रा के लिए वे पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं।
कुमार ने बताया कि बैंक और एटीएम के साथ अधिकतर किराना दुकान भी बंद है और आवश्यक वस्तुओं की कमी हो गई है।
पुलिस ने बताया कि वह हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। हालांकि, संकरी गलियों में खामोशी छाई हुई है जहां पर एक हफ्ते पहले तक रेहड़ी पटरी की दुकाने लगती थी और लोगों की भीड़ हुआ करती थी।
पुलिस की मौजूदगी के बाद भी तनाव
मोहम्मद यूनुस (45) ने कहा, ‘‘पुलिस की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है। हम लोग ईद, होली, दिवाली साथ मनाते थे। मैंने अपने जीवन में कभी ऐसे हालात का सामना नहीं किया है। जो हिंसा में शामिल थे वे इस इलाके से नहीं थे, वे बाहर से आए थे।’’
यूनुस की शिवविहार में कपड़ों की दुकान है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान उन्हें उनके हिंदू पड़ोसियों ने बचाया और दंगाइयों से मेरी दुकान को बचाने के लिए उन्होंने बाहर बोर्ड पर लिखे दुकान के नाम को मिटा दिया।
लापता लोगों के परिजन परेशान
हिंसा के दौरान लापता हुए लोगों के परेशान रिश्तेदारों की जीटीबी अस्पताल के शव गृह के सामने कतारे लगी हुई हैं जहां पर दंगा पीड़ितों के शव रखे गए हैं।
अपने 25 वर्षीय सबसे छोटे भाई सलमान की तस्वीर लिए हुए शवगृह पहुंची नबी जान उम्मीद कर रही है कि मृतकों में उनका भाई नहीं हो। नबी जान ने बताया कि सलमान मजदूरी करता है और 26 फरवरी को गोकलपुरी गया था। वह फोन रखता था लेकिन वह बंद आ रहा है और
यह नहीं पता चल रहा कि उसके साथ क्या हुआ।
उन्होंने बताया कि शव गृह में मौजूद शवों में उनके भाई का शव नहीं है।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद से एक महिला का 19 वर्षीय बेटा लापता है जब उसने शवगृह में शव देखा तो बेहोश होकर गिर गई। हालांकि, बाद में परिवार ने पुष्टि कि महिला के बेटे का शव नहीं है।
सूत्रों ने बताया कि शनिवार तक शवगृह में मौजूद छह लाशों की पहचान नहीं हो सकी थी, बाद में दो की पहचान हुई और परिवार ने दावा किया। एक शव जली हुई हालत में है।
वकील ममतेश शर्मा और पैरा लीगल स्वयंसेवी आशा मित्तल शहादरा जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण का सहायता केंद्र स्थापित किया है और वे परिवार के लापता सदस्यों की जानकारी लेने आने वाले लोगों की मदद करने और अस्पताल प्रशासन और पुलिस में समन्वय का काम कर रहा है।
शर्मा ने बताया, ‘‘अबतक 35 परिवारों ने हमसे संपर्क किया है। कुछ शवों की पहचान हो चुकी है बाकी को हमने बताया कि वे उन वार्ड में जाए जहां पर घायलों को भर्ती कराया गया है। हम पुलिस से भी समन्वय कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि कोई लापता व्यक्ति पुलिस की हिरासत में तो नहीं है।’’
घायल डीसीपी की हालत में सुधार
दिल्ली पुलिस के कार्यवाहक आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने दिल्ली में हिंसा के दौरान घायल हुए डीसीपी अमित शर्मा से रविवार को मुलाकात कर सेहत की जानकारी ली।
अमूल्य पटनायक के शनिवार को सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे श्रीवास्तव ने पटपड़गंज में मैक्स अस्पताल पहुंचकर शर्मा के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। शर्मा 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान घायल हो गए थे।
एक पारिवारिक मित्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, “उनकी सेहत में सुधार है और उन्हें आज वार्ड में स्थानांतरित किये जाने की उम्मीद है। उनकी सर्जरी हुई है। अब वो खाना खा रहे हैं और गंभीर चोट से उबर रहे हैं।”
हिंसा के शिकार लोगों को तत्काल सहायता मिलनी शुरू हुई: दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार ने रविवार को कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में पिछले सप्ताह हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों को 25,000 रुपये की तत्काल सहायता मिलनी शुरू हो गई है।
आप सरकार ने एक बयान में कहा कि हिंसा प्रभावित चारों मंडलों में अधिकारियों ने पीड़ितों को उनके घर के दरवाजे पर तत्काल राहत के रूप में वित्तीय सहायता वितरित करना शुरू कर दिया है।
बयान में कहा गया, ‘‘दिल्ली में हाल की हिंसा से प्रभावित परिवारों को रविवार को 25,000 रुपये की तत्काल वित्तीय सहायता मिलनी शुरू हुई... साथ ही, कुछ प्रभावित लोग सीधे एसडीएम कार्यालय आए और उन्हें राशि प्राप्त हुई। इसके अलावा, नुकसान के आकलन की प्रक्रिया रविवार को भी जारी रही।’’
आप सरकार ने इससे पहले मुआवजे के पैकेज के साथ-साथ दंगा पीड़ितों के लिए राहत और पुनर्वास उपायों की घोषणा की थी।
ट्विटर के जरिये केजरीवाल ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक राहत पहुंचे यह सुनिश्चित करने के लिए वह व्यक्तिगत रूप से कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग अपने घरों में लौट आएं और पड़ोसी उनका स्वागत करें।
हिरासत और गिरफ़्तार लोगों के ब्योरे की मांग
इस बीच, मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखकर कानून के अनुरूप उन लोगों के नाम और पते बताने की मांग की है जिन्हें राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया है।
इस पत्र पर नेशनल कैम्पेन फॉर पीपुल्स राइट टू इंफॉरमेशन की सह समन्वयक अंजलि भारद्वाज, अधिवक्ता प्रशांत भूषण, भाकपा नेता एन्नी राजा, अमृता जौहरी और अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं।
नफ़रती भाषणों पर FIR की याचिका पर चार मार्च को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा को कथित तौर पर भड़काने वाले नफ़रती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली एक याचिका पर चार मार्च को सुनवाई करने का सोमवार को निर्णय किया।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ दंगा पीड़ितों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हुई।
दंगा पीड़ितों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोन्जाल्विस ने इस याचिका का उल्लेख तत्काल सुनवाई के लिए किया था।
गोन्जाल्विस ने कहा कि हाल में हुई हिंसा के चलते लोगों के मरने की खबर आना बदस्तूर जारी रहने के बावजूद दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टाल दी है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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