मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक, ममता, केसीआर और अमरिंदर शामिल नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक यहां शुरू हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र का संकट और नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा को लेकर चिंता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल शामिल हो रहे हैं। लेकिन बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के के चंद्रशेखर राव शामिल नहीं हुए।
राष्ट्रपति भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री कर रहे हैं। नई मोदी सरकार के कार्यकाल में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं।
नीति आयोग में इन मुद्दों पर चर्चा होगी:-
1. नदियों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के संबंध में
2. कृषि क्षेत्र में केंद्र द्वारा नए प्रयास करने की आवश्यकता के संबंध
3. वन अधिनियम में संशोधन करने की आवश्यकता जिससे आदिवासियों को रोका जा सके और उनके जीवन में तब्दीली लाई जा सके
4. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों /आदिवासी क्षेत्रों में ऐसी नीति बनाई जाने की आवश्यकता जिससे वहां प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के बजाय वहां निवेश/ निवेश आकर्षित किए जाने के प्रयासों के संबंध में
Improving governance in LWE areas, along with continuous efforts for better rail/road communication, education, telecommunication, skill development opportunities, healthcare and other services, will be focal discussion points under the agenda of the #FifthGCM. pic.twitter.com/o8WIclgSVP
— NITI Aayog (@NITIAayog) June 15, 2019
प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाग ले रहे हैं।
ममता बनर्जी और चंद्रशेखर राव ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया इससे पहले इन्होंने 23 मई को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में भी भाग नहीं लिया था। ममता ने नीति अयोग की बैठक में भाग लेने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि "इसका कोई लाभ नहीं है, क्योंकि इस संस्था के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं।"
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को तीन पेज का पत्र लिखा था जिसमें ममता ने कहा है कि बैठक में भाग लेने का कोई लाभ नहीं हैं, क्योंकि इसकी कार्यसूची राज्य की सलाह के बिना केंद्र सरकार तय करती है।
इसके आलावा चंद्रशेखर राव ने सिंचाई परियोजना के शुभारंभ की तैयारियों में व्यस्त होने की बात कही है। वहीं अमरिंदर ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से इनकार किया है। वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
संचालन परिषद की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भविष्य की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं। अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संचालन परिषद की चार बैठकें हो चुकी हैं। संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे। इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है।
संचालन परिषद की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई।
इसी तरह संचालन परिषद की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने तथा वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर बल दिया था। संचालन परिषद की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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