महाराष्ट्र के कारोबारी ने किसानों के नाम पर लिया 5,400 करोड़ रूपये का लोन

महाराष्ट्र के कारोबारी ने किसानों के नाम पर हज़ारों करोड़ के कथित तौर पर फर्जी लोन लेने का मामला सामने आया है। विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने यह सनसनीखेज खुलासा करते हुए सबको चौंका दिया। उन्होंने सदन में कहा कि किसानों के नाम पर कारोबारी ने 2015 में फर्जी दस्तावेज बनाकर 5,400 करोड़ रूपये का लोन लिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने सदन में कहा कि गंगाखेड़ शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड के प्रमोटर रत्नाकर गुट्टे ने 22 शेल कंपनिया बना कर यह घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि यह व्यापारी राज्य का छोटा निरव मोदी है अगर समय से कार्रवाई नहीं की गई तो यह भी विदेश भाग जाएगा।
नियम 289 के तहत उन्होंने उन्होंने सदन में यह सवाल उठाया था। उनके अनुसार कंपनी ‘गंगाखेड़ शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड’ के प्रमोटर रत्नाकर गुट्टे ने फर्जी तरिके से लोन लेकर समुह की विभिन्न कंपनियो द्वारा लिये गए कर्ज को अलग-अलग खातों में हस्तांतरित किया गया।
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उन्होंने सदन को बताया कि गंगाखेड़ शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड ने ‘हार्वेस्ट एंड ट्रांस्पोर्ट स्कीम’ के तहत 27000 से अधिक किसानों के नाम पर लोन लिया था। उन्होंने कंपनी पर आरोप लगाया है कि कंपनी ने 40 से 50 लाख तक का फर्जी लोन एक-एक किसानों के नाम पर लिया है।
राकांपा के नेता ने यह भी कहा कि जिनके नाम पर कंपनी ने लोन लिया है अब बैंको से उनके यहां नोटीस आने लगा है जिनमें से कईयों के कर्ज 25 लाख से ज्यादा हैं।
सदन को उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले कि एफआईआर 5 जुलाई को ही हो चूकी है लेकिन अभी तक प्रशासन इसमें ढ़ील बरते हुआ है। इस मामले में कोई भी गिरफ्तारी या कंपनी से संबधित किसी भी व्यक्ति से पुछताछ भी नहीं हुई है।
महाराष्ट्र विधानसभा के सभापति रामार्जे निंबालकर ने राकांपा नेता द्वारा उठाये गए सवालों पर संज्ञान लिया है और भाजपा सरकार से इस मामले पर सदन में जवाब देने को कहा है। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा है कि इस जांच के लिए कोर्ट की तरफ से कोई विशेष विशेष जांच दल का गठन किया गया है या नहीं। ज्ञात हो कि इससे पहले भी फर्जी दस्तावेजों की बदौलत देश के बैंको से हज़ारों करोड़ रूपये का लोन कई कारोबारियो ने लिया है। विजय माल्या, निरव मोदी व मेहुल चौकसी ऐसे ही कुछ व्यापारियों के नाम हैं जो बैंको से कर्ज लेकर विदेश में छुपे बैठे हैं। धनंजय मुंडे ने सदन में यह भी अंदेशा जताया है कि अगर प्रशासन सही समय पर सचेत नहीं हुआ तो यह कारोबारी भी विदेश भाग जाएगा।
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