जेएनयू छात्र संघ चुनाव : वाम गठबंधन की फिर से जीत!

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर लाल हो गया है। छात्र संघ चुनाव में मुख्य पैनल के सभी चार पदों वाम मोर्चे की जीत साफ़ दिख रही है। अध्यक्ष पद पर वाम मोर्चे के उम्मीदवार आइशे घोष, उपाध्यक्ष पद पर साकेत मून, महासचिव पद पर सतीश चंद्र यादव और संयुक्त सचिव पद पर मोहम्मद दानिश ने जीत हासिल की।
हालांकि औपचारिक रूप से अभी तक परिणाम घोषित नहीं किये गए हैं लेकिन जितने भी रुझान बताए गए हैं, उनसे ये साबित हो गया है की एक बार फिर से जेएनयू लाल ही रहेगा।
तमाम कोशिशों के बावजूद भी इस बार आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के हाथ कुछ नहीं आया है।
अभी तक क्या-क्या हुआ?
जेएनयू छात्र संघ के लिए 6 सितंबर को वोट डाले गए थे। इस दौरान क़रीब 67.9% मतदान हुआ था।
इसके बाद मतगणना 6 सितबंर को ही रात 9 बजे से होनी थी लेकिन वो नहीं हुई। इस दौरन काफ़ी हंगामा और विवाद हुआ। इसके बाद अंततः 11 से 12 घंटे की देरी से मतगणना शुरू हो सकी। क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू को 17 तारीख़ तक अंतिम रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन छात्रों का आरोप है कि एबीवीपी और प्रशासन जो कि इसबार एक ख़ास विचारधारा के समर्थन में खुलकर काम करता दिख रहा था उसने जानबूझ कर मतगणना के दौरान खलल डालने की कोशिश की।
शुक्रवार और शनिवार की दोपहर तक तो दिन भर इसी को लेकर उहापोह और हंगामा होता रहा। वाम मोर्चे के मुताबिक़ अपनी हार सामने देखकर एबीवीपी इस तरह की कोशिशें कर रही थी क्योंकि उन्हें पता था कि एबीवीपी सेंट्रल पैनल में हार ही चुकी है और मुशिकल ही है कि वो कोई काउंसलर पद भी जीते। अभी तक के नतीजे यह दिखा भी रहे हैं
हंगामे और विवाद के बाद शुरू हुए मतगणना में 5762 वोटों में से 5050 बैलट के गिने जा चुके हैं। लेफ्ट गठबंधन ने सभी सेंट्रल पैनल पोस्ट पर बढ़त बना रखी है। अध्यक्ष पद के लिए लेफ्ट आइशे घोष 2069 वोटों के साथ आगे चल रही हैं। सभी चारों पदों पर वाम मोर्चा के उम्मीदवार चुने जाने की संभावना है क्योंकि जितने मतदान की गणना बाक़ी है उससे कहीं अधिक उनका अपने प्रतिद्वंदी से अंतर है।
आपको बता दें कि वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रैटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने 'लेफ्ट यूनिटी' गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। इसके अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), कांग्रेस के छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और बिरसा-आंबेडकर-फूले स्टूडेंट एसोसिएशन(बापसा) के उम्मीदवार सामने थे। निर्दलीयों ने भी इस चुनाव में अपनी क़िस्मत आज़माई।
लेफ़्ट कैंडिडेट आइशे घोष 2069 से ज़्यादा वोट हासिल कर चुकी हैं। उनके बाद बापसा के जितेंद्र सुना चल रहे हैं। उन्हें अब तक 985 वोट मिले हैं।
अध्यक्ष
1. आइशे घोष (Left)- 2069
2. जितेंद्र सुना (BAPSA)- 985
3. मनीष जांगिड़ (ABVP)-981
4. प्रशांत कुमार (NSUI)-665
5. प्रियंका भारती (CRJD)-137
6. राघवेंद्र मिश्रा (निर्दलीय)-47
7. NOTA -75
उपाध्यक्ष
1. साकेत मून (Left)-3028
2. श्रुति अग्निहोत्री (ABVP)-1065
3. रिषिराज यादव (CRJD)- 216
4. NOTA- 484
महासचिव
1. सबरीश पीए (ABVP)- 1182
2. सतीश चंद्र यादव(LEFT)- 2228
3. वशीम (BAPSA)- 1070
4. NOTA -459
संयुक्त सचिव
1 मोहम्मद दानिश(Left)- 2938
2 सुमंत्र कुमार साहू(ABVP)-1310
3 NOTA- 634
इसके अलावा सभी स्कूल के काउंसलर की भी बात करें तो वहां भी 'लेफ़्ट यूनिटी' गठबंधन ने भारी बढ़त ले रखी है। अभी तक के रुझानों मुताबिक़ सभी स्कूलों को मिलाकर कुल 43 काउंसलर में से केवल 1 पर ABVP को बढ़त है,2 पर NSUI और एक ही BAPSA को मिलती दिख रही है।
यानी 39 काउंसलर के पद भी 'लेफ़्ट यूनिटी' गठबंधन जीत रहा है।
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