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तिरछी नज़र: आँखों में जलन, सीने में तूफ़ान सा क्यों है!

बिहार का रिजल्ट… उसमें भी दिल्ली के वायु प्रदूषण का असर है। प्रदूषण आँखों में जलन और सीने में तूफ़ान ही नहीं लाता है, दिमाग़ को भी प्रदूषित करता है। देश को चलाने वाला सारा दिमाग़ दिल्ली में ही है…
DELHI INDIA GATE
तस्वीर प्रतीकात्मक प्रयोग के लिए।

सुबह सुबह गुप्ता जी का फ़ोन आ गया। बोले, क्या बात है आजकल दिखते नहीं हो। क्या सुबह घूमना बंद कर रखा है। 

क्यों भाई, एक्यूआई नहीं देखते हो। प्रदूषण का इतना बुरा हाल है कि सुबह सुबह तो एक्यूआई सात सौ के पार पहुंच जाता है। बाहर घूमने के फायदे से ज्यादा नुकसान हैं। आँखों में जलन, सीने में तूफान सा उठने लगता है। वो शायर ने क्या कहा था, आज से चालीस पचास साल पहले ही कह दिया था। जरूर दिल्ली एनसीआर के लिए ही कहा होगा। 

गुप्ता जी की याददाश्त इस मामले में जरा तेज है। बोले नहीं, नहीं, आप गलत गा रहे हैं। शेर अर्ज है, उन्होंने इस तरह से कहा जैसे उनका ही शेर हो– 

सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है,

इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है।

फ़िल्म गमन में था। 1978 में आई थी फ़िल्म। शहरयार ने लिखा था।

जरूर शायर ने भविष्य में टाइम ट्रेवल किया होगा, मैंने कहा। पचास साल पहले ही आज के दिल्ली एनसीआर से मिल लिया। प्रदूषण का कितना अच्छा वर्णन किया है।

इस बार भी इतना अधिक प्रदूषण हो रहा है। दीवाली के अगले दिन से ही हो रहा है। इस बार तो दीवाली पर ग्रीन पटाखे फोड़े थे। यह बात अलग है, ग्रीन होने की वजह से थोड़ा ज्यादा फोड़ लिए। कुछ लोगों को ग्रीन से इतना प्यार है कि जहाँ ग्रीन देखते हैं, तोड़ने फोड़ने लग जाते हैं।

वैसे ये ग्रीन पटाखे भी सुप्रीम कोर्ट के आर्डर की वजह से फोड़े। सरकार जी आर्डर देते तो सिंदूरी फोड़ते। ऑपरेशन सिंदूर अभी चालू तो है ना। कोई क्रिकेट मैच हो तो पता चले। हम बिना हाथ मिलाये ट्रॉफी जीत लें।

हमारे पंजाब में तो इस बार पराली जलाई नहीं गई। बाढ़ के कारण फ़सल ही नहीं हुई तो पराली जलाते कहाँ से। फिर भी दिल्ली में एक्यूआई बदस्तूर बढ़ा हुआ है। खबर है पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब में पराली जलाई गई और हवा का रुख दिल्ली की ओर कर दिया। हमने पानी बंद किया था, उसने हवा हमारी ओर भेज दी। बस बढ़ गया दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई। हो सकता है दिल्ली का ब्लास्ट और श्रीनगर में धमाका उसके ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा हो। वह ऑपरेशन सिंदूर निभा रहा है और हम मैच का इंतजार कर रहे हैं।

और बिहार का रिजल्ट, मतलब चुनाव परिणाम। उसमें भी दिल्ली के वायु प्रदूषण का असर है। प्रदूषण आँखों में जलन और सीने में तूफान ही नहीं लाता है, दिमाग़ को भी प्रदूषित करता है। देश को चलाने वाला सारा दिमाग़ दिल्ली में ही है। सरकार जी हैं, गृह मंत्री जी हैं, सुप्रीम कोर्ट है, चुनाव आयोग है। इनमें से एक भी प्रदूषित हो जाए तो बेड़ा गर्क है। और सभी प्रदूषित हो जाएं तो बिहार चुनाव का रिजल्ट है। समझे क्या!

(लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

 

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