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‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी, सरकार ने की सर्वदलीय बैठक

सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने सरकार और सशस्त्र बलों को पूरा समर्थन दिया। प्रधानमंत्री फिर बैठक से अनुपस्थित रहे।
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22 अप्रैल के पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के एक दिन बाद सरकार ने आज, गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बलाई और सभी दलों को अभी तक की गई कार्रवाई से अवगत कराया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में भी शामिल नहीं हुए। जिस पर कांग्रेस समेत कई दलों ने खेद जताया है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी नेताओं को जानकारी दी।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री ने पहली बार आधिकारिक तौर पर एक आंकड़ा साझा करते हुए बताया कि "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह अभियान अभी जारी है। और अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने सशस्त्र बलों और सरकार को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया, विभिन्न सुझाव दिए और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा विशेष रूप से सीमा क्षेत्रों में सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई।

आपको बता दें कि 6-7 मई की रात को भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले के सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें 15 नागरिकों की मौत हो गई और 43 लोग घायल हुए, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है और सोशल मीडिया पर रक्तदान की अपीलें की जा रही हैं।

बैठक के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने सरकार और सशस्त्र बलों को "पूर्ण समर्थन" देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि बैठक में उन्हें बताया गया कि कुछ "गोपनीय जानकारियां" सार्वजनिक नहीं की जा सकतीं। खड़गे ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने एक "विशेष संसद सत्र" बुलाने की मांग की ताकि देश को एक "सकारात्मक संदेश" दिया जा सके।

जब प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो खड़गे ने कहा: "हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा करें। हम उन जवानों को सलाम करते हैं जिन्होंने वीरता दिखाई है। हम चाहते थे कि वे आकर हमें जानकारी दें, लेकिन वे नहीं आए। पिछली बैठक (24 अप्रैल) में भी वे शामिल नहीं हुए थे..."

हम चाहते थे कि इस सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री जी भी आएं और संक्षिप्त में अपनी बात रखें कि किस तरह भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लिया और हमारे जवानों ने हिम्मत दिखाई।

हम हमारे जवानों को सलाम करते हैं और उनका अभिनंदन करते हैं।

हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री खुद आकर सारी बातें… pic.twitter.com/mon0B32o3f

 

सर्वदलीय बैठक में सीपीआई(एम) की ओर से राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार अनुपस्थिति पर खेद जताया और उनकी मौजूदगी वाली बैठक व संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की।

ब्रिटास ने संदेह जताया कि सिर्फ सैन्य कार्रवाई से आतंकवाद खत्म होगा, और ज़ोर दिया कि सरकार को राजनयिक प्रयास व अंतरराष्ट्रीय दबाव जारी रखना चाहिए। उन्होंने सीमावर्ती इलाक़ों के लोगों की सुरक्षा और राहत सुनिश्चित करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ाई के बिना आतंकवाद से लड़ाई अधूरी है। उन्होंने पहलगाम और कश्मीर के लोगों की एकजुटता और सहानुभूति की सराहना करते हुए मांग की कि सभी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर भेजा जाए।

इस बीच पाकिस्तान के साथ तनाव काफ़ी बढ़ता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस बैठक में नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने, गलत जानकारी और फर्जी खबरों से निपटने और महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

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