उत्तर प्रदेश: पेपर लीक की रिपोर्ट करने वाले पत्रकार गिरफ्तार

अमर उजाला के साथ काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार दिग्विजय सिंह आज सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने यूपी बोर्ड के 12 वीं कक्षा के अंग्रेजी प्रश्न पत्र के लीक होने के बारे में समाचार रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उन्हें परेशान और प्रताड़ित किया। जब उन्हें ले जाया जा रहा था तब भी उन्होंने प्रशासन पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है।
अमर उजाला के बलिया संस्करण ने जिस दिन दोपहर 2 बजे से परीक्षा होनी थी, उस दिन सुबह लीक हुए पेपर को प्रकाशित किया था। समाचार रिपोर्ट में कोडेड सीरियल नंबर 316 ईडी और 316 ईआई भी थे। एक दिन पहले 29 मार्च, 2022 को पेपर ने संस्कृत के एक प्रश्न पत्र की हल की हुई कॉपी भी प्रकाशित की थी। बताया गया कि आजमगढ़ संभाग के शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक ने जांच में संस्कृत का प्रश्नपत्र बाहर होने की बात स्वीकार की थी।
GOOSEBUMPS !
जेल जाने से पहले किसी पत्रकार की कभी इतनी रीढ़ और हिम्मत देखी है ?ये “अमर उजाला” के बलिया पत्रकार दिग्विजय सिंह हैं
इनका गुनाह ये है कि इन्होंने #PaperLeak ख़बर का खुलासा अपने अख़बार में किया था।पुलिस इनके दो और साथी अजीत ओझा,मनोज गुप्ता को भी जेल भेज चुकी है 1/2 pic.twitter.com/OI13qMwHTR
— Vinod Kapri (@vinodkapri) March 31, 2022
सिंह के मुताबिक, यूपी पुलिस उससे पूछ रही है कि उसे जानकारी कहां से मिली। उन्होंने जवाब दिया, "मेरे स्रोतों से।" उन्होंने साथी पत्रकारों से बात करते हुए यह बात बताई जब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा था।
उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रशासन, खासकर बलिया जिले के प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। समाचार रिपोर्ट में प्रकाशित पेपर लीक के आरोपों की जांच के बजाय अब यूपी पुलिस ने अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह और अजीत कुमार ओझा को बलिया से गिरफ्तार कर लिया है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, मनोज गुप्ता के रूप में पहचाने जाने वाले एक अन्य व्यक्ति को भी उठाया गया है। बताया गया है कि प्रशासन अब तक लीक मामले में दो पत्रकारों समेत 22 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है।
अमर उजाला के पत्रकार दिग्विजय सिंह ने बलिया ज़िला प्रशासन पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुख्यमंत्री @myogiadityanath से आग्रह है कि पत्रकारों का उत्पीड़न करने वाले बलिया पुलिस प्रशासन के खिलाफ निष्पक्ष जाँच करवाई जाए। 2/2 pic.twitter.com/CDzMavYZqf
— Vinod Kapri (@vinodkapri) March 31, 2022
अंग्रेजी का पेपर 30 मार्च को होना था, लेकिन लीक होने के बाद 24 जिलों में इसे रद्द कर दिया गया। सत्य हिंदी के अनुसार ये जिले हैं बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकोट, प्रतापगढ़, गोंडा, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, जालौन , महोबा, अंबेडकर नगर और गोरखपुर।
अब पत्रकारों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई ने पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं और मीडिया बिरादरी ने बलिया कोतवाली पर धरना दिया। अजीत ओझा' का आरोप है कि पुलिस ने भी उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें बलिया कोतवाली ले आई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनसे 'लीक प्रश्न पत्र' भी मांगा और पुलिस उन्हें "अपराधी की तरह" पुलिस स्टेशन ले गई।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार यह ध्यान हटाने और पत्रकारों पर दोष मढ़ने का प्रयास प्रतीत होता है। मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स कर रही है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, बसपा प्रमुख मायावती और आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह सहित विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे को उठाया है, जिन्होंने इस तरह के भ्रष्टाचार के लिए सरकार पर आरोप लगाया है।
साभार : सबरंग
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