मूडीज ने जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 9.6 फ़ीसदी किया

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए भारत के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है। इस क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का पिछला अनुमान 13.9 फ़ीसदी था। इसे घटाकर 9.6 फ़ीसदी कर दिया है।
मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के हालात पर मैक्रोइकोनॉमिक ऑफ इंडिया इकोनामिक शॉक फ्रॉम सेकंड वेव नाम से रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था जिस बुरे दौर से गुजरी इतने बुरे दौर से दूसरे लहर के दौरान नहीं गुजरेगी। वैक्सीनेशन की तेज गति की वजह से जून की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटेगी।
अर्थव्यवस्था के संकेतक बताते हैं कि अप्रैल और मई के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ा। धीरे-धीरे राज्य लगाए गए प्रतिबंध को हटाएंगे और धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी।
मूडीज के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर के सर उठाने की वजह से साल 2021 में अर्थव्यवस्था के हालात पर अनुमान लगाना बहुत मुश्किल था। अर्थव्यवस्था बहुत अनिश्चित हो चुकी थी। लेकिन अब लग रहा है कि सबसे बड़ा अनुमान अप्रैल से लेकर जून की तिमाही तक ही सीमित रहेगा। साल 2021 में जीडीपी ग्रोथ रेट 9.6 फ़ीसदी हो सकती है और साल 2020 में यह 7 फ़ीसदी तक होने की संभावना रहती है।
भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर गत वर्ष 2019-20 के दौरान 4 फ़ीसदी थी। अगले साल कोरोना महामारी का कहर बरपा और भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2020 - 21 के दौरान माइनस 7 फ़ीसदी के साथ उल्टे पांव चल पड़ी।
मूडीज का कहना है कि अगर तेजी से वैक्सीनेशन की गति बढ़ती है तभी बंद पड़ी अर्थव्यवस्था को गति मिल पाएगी। कई लोगों ने अपनी नौकरी खोई है। कई लोगों की आमदनी पहले से कम हुई है। प्राइवेट कंजप्शन कम हुआ है। अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इन स्थितियों में भी बदलाव की जरूरत है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ
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