दिल्ली : डीडीए ने रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण को दी मंज़ूरी

नयी दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर 2019 में शहरी निकाय द्वारा ढहाए गए गुरु रविदास मंदिर की नई इमारत के लिये उसके द्वारा आवंटित की गई जमीन के भू-उपयोग में बदलाव को मंजूरी दी है।
अधिकारियों ने कहा कि नई इमारत जहांपनाह सिटी फॉरेस्ट क्षेत्र में बनेगी।
दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत भूमि “उसी जगह पर” आवंटित की गई है जहां दक्षिण दिल्ली के वन क्षेत्र में पुरानी इमारत स्थित थी।
डीडीए के शीर्ष निर्णायक निकाय अथॉरिटी ने एक डिजिटल बैठक के दौरान आवंटित की गई 400 वर्ग मीटर जमीन के भू-उपयोग को बदलने के फैसले को मंजूरी दी।
बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने की जो इस शहरी निकाय के प्रमुख भी हैं।
पिछले साल अक्टूबर में डीडीए ने भूखंड के आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और भू-उपयोग में बदलाव की सिफारिश भी की थी।
भू-उपयोग में बदलाव को मंजूरी मिलने के बाद अब इसे अंतिम अधिसूचना के लिये केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।
एलजी के दफ्तर की तरफ से बैठक में हुए फैसलों को लेकर ट्वीट किया गया।
ट्वीट में कहा गया, “आईएलबीएस अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार और धार्मिक उद्देश्य के लिये जहांपनाह सिटी फॉरेस्ट में संत गुरु रविदास जी मंदिर के भू-उपयोग में बदलाव के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।”
आपको बता दे दरअसल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 10 अगस्त,2019 को तुगलकाबाद में संत रविदासमंदिर गिरा दिया था। जिसके बाद से दलित समाज में भारी गुस्सा था। इसको लेकर दिल्ली में बड़े बड़े आंदोलन हुए। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से दोबारा मंदिर बनाने की मांग की थी। 21 अगस्त 2019 को इस मंदिर के पुनः निर्माण के लिए देश भर के दलित समाज के लोगों दिल्ली में एकत्रित हुए झंडेवालान से रामलीला मैदान तक रैली निकली जिसमें 50 हज़ार से अधिक लोगो के शामिल होने का दावा किया गया था। इसके बाद से केंद्र सरकार पर दबाव था कि वो इस मंदिर का निर्माण कराए इतने लंबे संघर्ष के बाद आख़िरकार सरकार ने मंजूरी दी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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