यह कैसी आरक्षण श्रेणी है जिसमें 90 प्रतिशत भारतीय समाहित हैं

ईडब्ल्यूएस आरक्षण आर्थिक आधार पर लाभ की बात करता है जबकि संविधान में सामाजिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण की बात की गयी है। इसलिए यह संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है। इस आरक्षण के नियम से आरक्षण के लिए बनाई गयी 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा का उल्लंघन होता है। 8 लाख की सीमा कैसे तय की गयी? यह तो इतनी बड़ी सीमा है कि इसके अंतर्गत भारत के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग आ जाएंगे? आरक्षण अगर सामाजिक न्याय का औजार है तो इसे गरीबी उन्मूलन के औजार के तौर पर सरकार क्यों इस्तेमाल कर रही है?
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