बिहार: 30 जून को वामपंथी दल संयुक्त रूप से बढ़ती महंगाई के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन

देशभर में पेट्रोल, डीजल की लगातार बढ़ती कीमतें और अब जिस तरह से खुदरा महंगाई बढ़ रही है, इसके ख़िलाफ़ बिहार के वामदलों ने मोर्चा खोल दिया है। पाँच वामपंथी दलों सी.पी.आई.(एम), सी.पी.आई., सी.पी.आई.(माले) लिबरेशन, अ.भा.फारवर्ड ब्लाॅक, आर.एस.पी. की बिहार इकाइयों के राज्य नेतृत्वकारी की बैठक में सर्वसम्मति से 16 से 30 जून तक महंगाई के खिलाफ अभियान चलाने एवं संघर्ष आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि 'आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि से आम जनता की रोजी-रोटी पर भयंकर हमला किया जा रहा है। कोविड महामारी से त्रस्त जनता को सहायता प्रदान करने के बजाय, भारत सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल, की कीमतों में वृद्धि का असर बाजार की तमाम वस्तुओं की कीमतों पर हो रहा है। खाद्य पदार्थो की कीमतों में पाँच गुणा वृद्धि हुई है। चावल, दाल, सब्जी, खाद्य, तेल की कीमतें आकाश चूम रही हैं। इस महंगाई की मार से गरीबों से लेकर मध्यवर्गीय लोगों का घरेलू बजट प्रभावित हो गया है। गाँवों एवं शहरों में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। '
आगे कहा गया है कि 'इस परिस्थिति का लाभ जहाँ काला बाजारी करने वाले उठा रहे हैं, वहीं उत्पादकों को उसका न्यूनतम मूल्य भी नहीं मिल रहा है। महामारी के दौर में आवश्यक दवाओं की कालाबाजारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिये।'
वामपंथी दलों ने आयकर के दायरे से बाहर के परिवारों को छः महीने तक 7500 रूपये देने, परिवार के प्रति सदस्यों को 10 किलो अनाज के साथ-साथ दालें, खाद्य तेल, चीनी, मसाले, चाय आदि मुहैय्या कराने की माँग की है।
वामपंथी दलों ने 16 से 30 जून तक महंगाई, विरोधी पखवाड़ा मनाने एवं 30 जून को वामपंथी दलों द्वारा बिहार के सभी जिला मुख्यालयों पर संयुक्त मार्च एवं प्रधानमंत्री मोदी के पुतले को जलाने का आह्वान किया है।
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