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योगी सरकार का एक और अजीब फ़ैसला , हज हाउस को किया भगवा

“योगी आदित्यनाथ जिस गोरखनाथ पीठ से आते हैं वहाँ की ही एक मशहूर कहावत है “मन न रंगाये, रंगाये जोगी कपड़ा” ,यानी वो जोगी पाखंडी है जो अपना मन नहीं सिर्फ कपडे रंगवाता है ,ये कहावत इस फैसले पर ठीक बैठती है I"
haj house
image courtesy : Deccan Chronicles

उत्तरप्रदेश सरकार के अजीब फैसलों की सूची में एक और फ़ैसला जुड़ गया है I योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार ने हज हाउस, जिसमें हज पर जाने वाले मुस्लिम तीर्थ यात्री रुकते हैं , को भगवा रंग में रंगवा दिया है. योगी सरकार का यह फैसला कल (5 जनवरी) से ही देश भर के अखबारों की सुर्खियाँ बटोर रहा है I

इस निर्णय में सियासत की छाप साफ़ तौर पर देखी जा सकती है I इस निर्णय से पहले योगी आदित्यनाथ की इस सरकार ने 100 स्कूल बसों ,50 यूपी ट्रांसपोर्ट बसों , और काफी सारे पुलिस स्टेशनों को भी भगवा रंग में रंगवा दिया था I

इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री भवन जो कि पहले सफ़ेद और नीले रंग से रंगा हुआ था , को भी हाल ही में भगवा कर दिया गया है I

इस पर रिहाई मंच के महाचिव राजीव यादव (जो कि 2005 से साम्प्रदायिकता के खिलाफ काम कर रहें हैं) ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा “ इस सरकार के पास विकास की कोई  योजना नहीं है , इसीलिए सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के कार्य कर रही है I उत्तर प्रदेश में भयंकर बेरोज़गारी है और अस्पतालों की स्थिति इतनी ख़राब है कि ऑक्सीज़न की कमी से बच्चे मर रहे हैं , पर सरकार इन सब मुद्दों पर काम करने के बजाये धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रही है I"

उन्होंने आगे जोड़ा “योगी आदित्यनाथ जिस गोरखनाथ पीठ से आते हैं वहाँ की ही एक मशहूर कहावत है “मन न रंगाये, रंगाये जोगी कपड़ा” ,यानी वो जोगी पाखंडी है जो अपना मन नहीं सिर्फ कपडे रंगवाता है ,ये कहावत इस फैसले पर ठीक बैठती है I"

योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार इससे पहले भी अजीब निर्णय लेने के लिए चर्चा में रही है I हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार करीबन 20,000 हज़ार “राजनीतिक रूप प्रेरित” मामले रद्द करने की कवायत ( जिसमें मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ पर केस शामिल हैं ) के लिए चर्चा में आयी थी I इससे पहले पिछले साल ही गाय के लिए एम्बुलेंस चलाने ( जबकि उसी दौरान गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 70 बच्चों की ऑक्सीज़न की कमी से मौत हुई थी) ,रोमियो स्क्वाड चलाने ( जिसे बाद में काफी विरोध झेलना पड़ा था ) और हजारों किसानों के कर्ज़ माफ़ी के नाम पर कुछ पैसों से 100 रुपये तक कर्ज़ माफ़ करने,जैसे अजीब फैसले लिए गए हैं I

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