संगमाओं के बीच की लड़ाई

मेघालय में चुनावों दो मुख्य मुद्दों पर लड़ा गया था - एक था विकास और दूसरा धर्म I विकास और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा गया, जबकि धार्मिक स्वतंत्रता को बीजेपी के खिलाफ मुद्दा बनाया गया I कोई कुछ भी कहे पर असल लड़ाई संगमाओं के बीच में थी I 2010 से कांग्रेस के मुख्य मंत्री मुकुल संगमा , अपनी सीट से जीत गए हैं वे बीजेपी के बकुल हाजोंग के सामने लड़ रहे थे I दूसरे संगमा NPP से सम्बंधित हैं I वह हैं अगाथा संगमा, कोनराड संगमा, थॉमस संगमा और जेम्स संगमा , ये सभी सांसद पूर्नो ए संगमा के बच्चे हैं I NPP को बीजेपी का फ्रंट कहा जा रहा है, क्योंकि उसने मणिपुर में सरकार बनाने में बीजेपी का समर्थन किया था और वह संसद में बीजेपी का सहयोगी भी है I पर मेघालय में NPP का बीजेपी के साथ सीधा गठजोड़ नहीं था I
दूसरी तरफ मेघालय में बीजेपी ने बहुत ख़राब प्रदर्शन किया, शायद उसपर लगे इसाई विरोधी होने के धब्बे को वह हटा नहीं पाई , इस हार की एक ये भी वजह रही होगी I वहीं NPP ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है , NPP और कांग्रेस ने करीब एक तिहाई सीटे प्राप्त की I अब सवाल ये है कि क्या NPP बीजेपी के साथ गठबंधन करेगी I कांग्रेस से पास वहाँ एक साफ़ बहुमत नहीं है, पर अगर दोनों पार्टियों का वहाँ गठबंधन हो तो 60 सीटों की इस विधान सभा में दो तिहाई बहुमत आ सकता है I पर अगर ऐसा होता है तो NPP अपनी विश्वसनीयता खो देगी , क्योंकि उसने कांग्रेस के खिलाफ मेघालय में बहुत प्रचार किया था I जहाँ एक तरफ मुख्यधारा की मीडिया सिर्फ राष्ट्रीय पार्टियों पर ही अपनी नज़रें गडाये रखी थी वहीं मेघालय की काफी छोटी पार्टियाँ भी बीजेपी से ज़्यादा सीटें जीती हैं , जैसे ड हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPD) को बीजेपी से ज़्यादा सीटें मिलीं और युनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) और पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट(PDF) भी भगवा पार्टी से ज़्यादा सीटें लाई है I
विलियम नगर सीट पर चुनाव को स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि इस सीट से NCP के उम्मीदवार जोनाथोने संगमा IED हमले में मारे गए थे I उनकी पत्नी अब NCP की टिकट से चुनाव लड़ेंगी, उन्हें सहानुभूति के वोट मिलने के असार हैं I
फिलहाल ये लग रहा है कि मेघालय त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रहा है I कांग्रेस और NPP के बीच स्थानीय पार्टियाँ ही परिवर्तनशील हैं I NPP बीजेपी के साथ नहीं जाएगी पर वो बीजेपी के विधायकों को अपने पाले में ला सकती है I बीजेपी के साथ अगर वो आते हैं तो उनपर इसाई विरोधी ठप्पा लग सकता है, इसी वजह से वह नागालैंड और मेघालय में इस ठप्पे से दूर रहना चाहेगी I स्थानीय पार्टियों में बेहतर सबसे चुनने की स्थिति में UDP हैं , वैसे फिलहाल वह HSPD और GNC के साथ गठबंधन में है I वैसे मेघालय में Anti Incumbency का माहौल के बावज़ूद भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर आयी है I इस कारण हो सकता है कि कांग्रेस कुछ दूसरी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बना ले I
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