जहांगीरपुरी हिंसा में अभी तक एकतरफ़ा कार्रवाई: 14 लोग गिरफ़्तार

जिसका डर था, वही हुआ... रामनवमी के जुलूस से देश भर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग अभी बुझी नहीं थी कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के रोज़ राजनीतिक पार्टियों और हिंदुत्ववादी संगठनों ने दिल्ली सहित देश भर में शोभायात्रा निकाली और जैसी हिंसा 10 अप्रैल को 6 राज्यों में देखी गई थी वैसी ही हिंसा अब राजधानी दिल्ली के उत्तरी इलाके में हुई।
जहांगीरपुरी में भड़की हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं। ख़बर लिखे जाने तक दिल्ली पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ़्तार किया है। यह सभी 14 लोग मुस्लिम समुदाय के हैं। 16 अप्रैल शाम की हिंसा के बाद 17 अप्रैल की सुबह से इलाक़े में तनाव है। पुलिस का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।
क्या है पूरा मामला?
जहांगीरपुरी के निवासी और सीटू से जुड़े विपिन ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा, "बजरंग दल के कार्यकर्ता हनुमान जयंती के जुलूस निकाल रहे थे। सी ब्लॉक की जामा मस्जिद से होकर 2 जुलूस पहले निकल चुके थे। जब तीसरा आया तब शाम का टाइम था, उनसे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि हमारा इफ़्तार का टाइम है आप आगे चले जाओ।"
मीडिया में चल रहे वीडियो के अनुसार बजरंग दल कार्यकर्ताओं के पास तलवार, डंडे, हॉकी स्टिक थे।
द वायर में छपी रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद विवाद बढ़ा और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मस्जिद पर भगवा झंडा लहराने की कोशिश की, और वह लोग तेज़ आवाज़ में गाने चला रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके बाद दोनों पक्षों की ओर से पत्थरबाज़ी हुई जिसमें लोग घायल भी हुए। पुलिस के अनुसार दोनों समुदायों में हुई हिंसा में कुछ वाहनों को भी आग लगा दी गई।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कुल 9 व्यक्तियों को चोटें आई हैं, जिनमें एक सबइंस्पेक्टर को हाथ पर गोली लगी है। रिपोर्ट के अनुसार मेधालाल मीणा के हाथ पर गोली लगी।
पुलिस का कहना है कि एक मुस्लिम व्यक्ति ने पुलिस पर हमला किया जिसमें एसआई के हाथ पर गोली लगी। पुलिस ने बताया कि गोली चलाने वाले शख़्स की उम्र 22 साल है। पुलिस ने बताया कि उसे गिरफ़्तार किया गया तो उसके पास एक अवैध पिस्तौल भी बरामद की गई है।
मेरा बच्चा बेकसूर है, वह 16 साल का है : गिरफ़्तार व्यक्ति के परिवार ने कहा
न्यूज़क्लिक ने गोली चलाने के आरोप में गिरफ़्तार हुए शख़्स की भाभी से बात की तो तस्वीर कुछ और ही सामने आई। उन्होंने बताया कि लड़का 22 नहीं बल्कि 16 साल का नाबालिग है जिसे पुलिस फंसाना चाह रही है। न्यूज़क्लिक से बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरा लड़का बेकसूर है, वह 16 साल का है, घर पे सो रहा था पुलिस आई और उसे घसीट कर ले गई, सिर्फ़ बनियान पैंट में था, कट्टा कहाँ से बरामद कर लिया पुलिस ने? उसका आधार कार्ड बर्थ सर्टिफिकेट(तस्वीर नीचे देखें) सब में उसकी उम्र 16 साल की है पुलिस 22 कहाँ से बता रही है।"
लड़के की भाभी ने इल्ज़ाम लगाया कि पुलिस ने लड़के को बहुत पीटा है और उनकी भी पिटाई की गई है। न्यूज़क्लिक से बात करते वक़्त वह जगजीवन अस्पताल में थीं जहाँ पुलिस गिरफ्तार किए गए सभी लोगों का मेडिकल टेस्ट करवाने ले गई थी। रोते-रोते उन्होंने कहा, "मैं रोज़े में हूँ मेरी तबीयत ख़राब है पुलिस मेरे बच्चे को फंसा रही है।"
भाभी ने कहा, "इसको पहले भी पुलिस जेल ले गई थी, पुलिस की साज़िश है यह सब। मैं सुबह 7 बजे से यहाँ बैठी हूँ, रात को भी इन्होंने बहुत मारा हमें।"
इस बीच सभी राजनीतिक दलों ने हिंसा की निंदा करते हुए सबसे शांति बनाने की अपील की।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, "लोगों से कहना चाहता हूं कि उन्हें शांति व्यवस्था बनाए रखनी है क्योंकि बिना उसके देश तरक्की नहीं कर सकता। एजेसिंया, पुलिस और दिल्ली में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है तो केंद्र सरकार दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखें।"
उधर, वामपंथी पार्टियों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम रविवार को जहांगीरपुरी जा रही है।
हालात को लेकर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक का कहना है, "स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। माहौल शांतिपूर्ण है। हम लोगों के साथ लगातार संपर्क में हैं और शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रहे हैं। सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस अधिकारी यहां मौजूद हैं। प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।"
इस बीच बीजेपी ने इस हिंसा का इस्तेमाल भी मुस्लिम विरोधी बयानबाज़ी के लिए करना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर यह तक कह दिया है कि यह एक आतंकी हमला है और जिन लोगों की गिरफ़्तारी हुई है वह शाहीन बाग़ आंदोलन में भी थे।
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दावा किया कि ये बड़ी साजिश का हिस्सा है और इस मामले की तुरंत गहराई से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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