तबाह होता देश, ध्यान भटकाने के सरकारी-फार्मूले और मलेरकोटला का 'योगी-ज्ञान'
कोरोना से जन-क्षति के वास्तविक आकड़े भयावह तस्वीर पेश करते हैं. हैरत की बात कि हमारी निर्वाचित सरकार इस तबाही से ज्यादा चिंतित नहीं दिखती. उसकी ज्यादा चिंता अपने 'सुप्रीम-लीडर' की 'इमेज' बचाने की है, जिसे बीते आठ सालों के दौरान बेतहाशा सरकारी प्रचार और टीवी चैनलों के जरिये बनाया गया. इस काम में सरकार, पार्टी और पूरे संघ परिवार ने दिल्ली से बंगाल तक काम तेज कर दिया है. उधर यूपी के सीएम ने मलेरकोटला पर कुछ 'नया ज्ञान' बांटा है. आज के ऐसे कुछ जवलंत सवालों पर वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण.
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