COP26: वॉल स्ट्रीट ने जलवायु संकट वित्तपोषण की शुरूआत की

अब अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी ग्लासगो में हुई संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज के तहत कुछ वास्तविक काम करने की तैयार हो रहे हैं, जबकि, राष्ट्रपति जोए बाइडेन ने कन्वेंशन के दौरान फोटो खिचवाए और मूर्खतापूर्ण सार्वजनिक टिप्पणी करके वापस अमरीका लौट आए थे।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के हवाले से बताया गया है कि केरी और चीनी प्रतिनिधिमंडल ग्लासगो में हुई "अपनी बातचीत और आदान-प्रदान को जारी रखेंगे" - यानी, जलवायु परिवर्तन के लिए चीन के विशेष दूत ज़ी झेंहुआ और सीओपी 26 में चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख झाओ यिंगमिन और पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय के उप-मंत्री इस वार्ता में शामिल रहेंगे।
आने वाले दिनों में ग्लासगो में केरी, चीन के साथ सबसे महत्वपूर्ण वार्ताकार होंगे। ग्लासगो शिखर सम्मेलन में अपने लिखित भाषण में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन प्रस्ताव रखे हैं: "पहला, हमें बहुपक्षीय सहमति बनाए रखने की जरूरत है ... दूसरा, हमें ठोस कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। और कि, सपने तभी सच होंगे जब हम उन पर अमल करेंगे।
"सभी पक्षों को अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने, यथार्थवादी लक्ष्य रखने और एक बेहतरीन दृष्टिकोण अपनाने साथ जलवायु कार्रवाई उपायों को राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है। विकसित देशों को न केवल स्वयं अधिक करना चाहिए, बल्कि विकासशील देशों को बेहतर करने में मदद करने के लिए सहायता भी प्रदान करनी चाहिए। तीसरा, हमें हरित संक्रमण में तेजी लाने की जरूरत है... और आगे एक नया मार्ग तलाशने की जरूरत है जो संरक्षण के साथ विकास को बढ़ावा देता है।"
यह इस तरह की पृष्ठभूमि में हो रहा है जब बाइडेन ने अपने चीनी समकक्ष का ग्लासगो में सार्वजनिक रूप से उपहास किया था और फिर वास्तविक काम केरी के हवाले कर मंच छोड़ कर चले गए थे।
लेकिन सिन्हुआ की एक जबरदस्त टिप्पणी ने जोए बाइडेन को याद दिलाया दिया होगा कि "चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्थाएं हैं। उनका प्रतिद्वंद्वी होना कोई नियती नहीं हैं, जैसा कि वाशिंगटन में कुछ संकीर्ण सोच वाले चीन पर भविष्यवाणी करते हैं। यह तब और भी सच हो जाता है जब वैश्विक समुदाय को जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी गंभीर की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
यह तय है कि जलवायु वित्त और जलवायु न्याय प्रमुख टेम्पलेट होंगे जिन्हें विश्व समुदाय देख रहा है। केरी ने मंगलवार को संकेत दिया कि जलवायु वित्त पर बड़ी घोषणाएं होने वाली हैं। केरी ने प्रेस के एक समूह से कहा दोस्तों, "सौ अरब डॉलर से कुछ नहीं होगा।“
"इसके लिए खरबों डॉलर की जरूरत है। उन्होंने कहा, और इसे पूरा करने का एकमात्र तरीका यह है कि यदि खरबों डॉलर इसमें आने हैं … तो इस संक्रमण में निवेश के लिए दसियों खरबों डॉलर की घोषणा की गई है।“
लेकिन विकासशील देश 13 साल से इसी तरह के वादों को सुन रहे हैं और उन्हें जल्द से जल्द हकीकत में बदलने की जरूरत है। कोविड-19 महामारी के प्रति अमीर देशों की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि जब उन्हें काम करने की जरूरत महसूस होती है, तो वे तेजी से काम कर सकते हैं। लेकिन वैक्सीन वितरण में भारी मात्रा में असमानता जलवायु संकट को घेरने वाली गतिशीलता को भी दर्शाती है।
ग्लासगो शिखर सम्मेलन में राजनीतिक नेताओं की ओर से जो प्रदर्शन किया गया, उसे केवल बेईमानी के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जैसा कि एक एक्टिविस्ट ने बीबीसी को बताया। कि जलवायु संकट के केंद्र में भारी असमानताएं मौजूद हैं।
भारी उम्मीदों को बढ़ाते हुए, केरी वास्तव में उस प्रतिज्ञा का जिक्र कर रहे थे जो विकसित देशों ने 2009 में वर्ष 2020 तक 100 बिलियन डॉलर जुटाने के लिए की गई थी ताकि विकासशील देशों को उत्सर्जन कम करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अनुकूल होने में मदद मिल सके। छह साल पहले पेरिस में, उन्होंने वास्तव में इसे 2025 तक बढ़ाने का वादा किया था - यानी 2020 से 2022 तक हर साल 100 अरब डॉलर देने का वादा।
जलवायु वित्तपोषण पर रिपोर्टिंग अपारदर्शी है। तो, कुछ आँखों का घुरना भी जरूरी है और क्योंकि इस पर जश्न मनाना जल्दबाज़ी होगी। विशेष रूप से, जैसा कि यह स्पष्ट नहीं है कि केरी द्वारा किया गया वादा यानि "दसियों खरब" डॉलर कौन देगा?
याहू न्यूज का अनुमान है कि ऐसा लगता है कि निजी क्षेत्र जलवायु वित्त में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा। केरी ने याहू न्यूज द्वारा पूछे जाने पर कहा कि "मैं आपको एक उदाहरण देता हूं," कि धन कौन प्रदान करेगा। "मेरे कार्यालय ने अमेरिका में छह सबसे बड़े बैंकों के साथ काम किया है - गोल्डमैन सैक्स, मॉर्गन स्टेनली, वेल्स फारगो, स्टेट स्ट्रीट, बैंक ऑफ अमेरिका और जेपी मॉर्गन - वे सार्वजनिक रूप से कई महीने पहले खड़े हुए हालांकि उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था, और उन्होंने घोषणा की थी कि वे अगले 10 वर्षों में 4.1 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करेंगे।"
तो असली बात यह है। यानि बड़ा पैसा कर्ज़ और निवेश (अनुदान के मुकाबले) के रूप में आ रहा है। इसका मतलब वॉल स्ट्रीट आगे बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि शी जिनपिंग ने अपने लिखित भाषण में इस बात पर जोर दिया था कि चीन "हरित, निम्न-कार्बन और सर्कुलर आर्थिक प्रणाली को तेज गति से बढ़ावा देगा, और इसे औद्योगिक संरचना में समायोजित करते हुए आगे बढ़ेगा ... हम हरित और निम्न-कार्बन ऊर्जा के लिए संक्रमण को गति देंगे साथी नवीकरण ऊर्जा का सख्ती से विकास करेंगे, और बड़े पवन चक्की और फोटोवोल्टिक बिजली स्टेशनों की योजना बनाकर उनका निर्माण करेंगे…
'ऊर्जा, उद्योग, निर्माण और परिवहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों को और कोयला, बिजली, लोहा और इस्पात, और सीमेंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए विशिष्ट कार्यान्वयन योजनाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कार्बन के संदर्भ में सहायक उपायों के साथ जोड़ा जाएगा जिन्हे वित्त और कराधान, और वित्तीय प्रोत्साहन के साथ जोड़ा जाएगा। ये सारे उपाय स्पष्ट रूप से परिभाषित समय सारिणी, रोडमैप और ब्लूप्रिंट के साथ कार्बन पीक और कार्बन तटस्थता प्रदान करने के लिए "1+ एन" नीति ढांचा तैयार करेंगे।"
स्पष्ट रूप से, चीन के "दोहरे कार्बन" लक्ष्यों को रखने से आने वाले दशकों में अमेरिकी कंपनियों के लिए सबसे बड़ी "हरित क्रांति" के मद्देनजर विशाल बाजार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
चीन का चौथा अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो (सीआईआईई) गुरुवार को शंघाई में शुरू हुआ है, चीनी मीडिया ने बताया कि यह आयोजन "कम कार्बन की चर्चा का केंद्र बन गया" है। चीनी आयोजकों ने "कम कार्बन ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी क्षेत्र" नामक एक विशेष क्षेत्र की स्थापना की और लगभग 50 वैश्विक कंपनियां कार्बन से संबंधित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर रही हैं जो चीनी कंपनियों को स्वच्छ ऊर्जा में स्थानांतरित करने में मदद कर सकती हैं।
सीआईआईई के उद्घाटन समारोह में लेट द ब्रीज ऑफ ओपननेस ब्रिंग वार्मथ टू द वर्ल्ड शीर्षक से एक मुख्य भाषण में, शी जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि "खुलापन समकालीन चीन की पहचान रही है।" उन्होंने कहा, "चीन उच्च स्तर के खुलेपन को मजबूती से बढ़ावा देगा... चीन हरित और निम्न-कार्बन विकास और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग में गहराई से शामिल होगा, और ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप और डिजिटल इकोनॉमी पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर व्यापक और प्रगतिशील समझौते में शामिल होने के लिए सक्रिय रूप से काम करेगा।”
सिन्हुआ ने बताया कि लगभग 200 अमेरिकी कंपनियां सीआईआईई में भाग ले रही हैं, जो दुनिया की पहली समर्पित आयात प्रदर्शनी है। इसमें अमेरिकी कंपनियों का प्रदर्शनी क्षेत्र सबसे बड़ा है।
निश्चित रूप से, जब केरी ग्लासगो में जलवायु वित्त की बात करते हैं, तो चीन शंघाई में इस बारे करके जता रहा है। गुरुवार को, चीन के सिनोपेक ने 20 वर्षों तक सालाना 4 मिलियन टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदने के लिए अमेरिकी कंपनियों के साथ दो मेगा अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है, जो दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे बड़ा दीर्घकालिक एलएनजी सौदा है।
चीन के ऊर्जा संक्रमण के लिए इसकी प्रासंगिकता के अलावा, बड़े पैमाने पर एलएनजी सौदा चीन-अमेरिका व्यापार सौदे (बीजिंग को अमेरिका से 52.4 अरब डॉलर तक ऊर्जा आयात बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध) के चरण एक की प्रगति का प्रतीक है, जो बदले में अन्य लंबित व्यापार मुद्दों को हल करने का मार्ग खोलता है, विशेष रूप से वाशिंगटन द्वारा पारस्परिक कदम के रूप में चीनी उत्पादों पर शुल्क हटाने का रास्ता खोलता है।
स्पष्ट रूप से, शी जिनपिंग और बाइडेन के बीच एक फलदार बैठक हो, इसके लिए मंच साफ हो गया है, इस बैठक के इस वर्ष के भीतर होने की उम्मीद है, जो जलवायु परिवर्तन में सहयोग के साथ बैठक की गहरी सफलता की तरफ इशारा करता है।
एम.के. भद्रकुमार एक पूर्व राजनयिक हैं। वे उज़्बेकिस्तान और तुर्की में भारत के राजदूत रह चुके हैं। व्यक्त विचार व्यक्तिगत हैं।
अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें
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