यूपी: दलित महिला से सामूहिक बलात्कार, महिला सुरक्षा पर विफल योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में महिलाओं से दुराचार की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। महिला सुरक्षा के तमाम वादे करने वाली बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इस मोर्चे पर विफल ही नजर आती है। ताजा मामला मुजफ्फरनगर के शामली जिले से सामने आया है, जहां अहाता गोस गढ़ गांव में चार लोगों ने 30 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया है।
शनिवार, 16 नवंबर को पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना गुरुवार 15 नवंबर को तब हुई जब महिला शौच के लिए खेतों में गई थी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला को खीचकर गन्ने के खेत में ले गए और सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों ने विरोध करने पर पीड़िता की पिटाई भी की।
थानाभवन थाना प्रभारी संदीप बालियान ने बताया तीनों आरोपियों की पहचान सचिन, सोसिंग और रोहित के रूप में की हुई है और चौथे आरोपी की पहचान अभी तक नहीं हो पायी है। सभी आरोपी फरार हैं।
उन्होंने कहा कि पीड़िता के पति की तहरीर पर संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पीड़िता को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेज दिया गया है।
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बता दें कि 15 नवंबर को ही नोएडा में एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की खबर सामने आई थी। जिसके बाद आज फिर एक बालात्कार की खबर ने सबको हिलाकर रख दिया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में बीजेपी की योगी सरकार 2017 से सत्ता में है लेकिन कानून-व्यवस्था के अन्य मोर्चों के साथ ही सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी नाकाम ही रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध पूरे देश में सबसे ज़्यादा हैं। वर्ष 2017 में यूपी में महिलाओं के प्रति कुल 56,011 अपराध दर्ज हुए जबकि पूरे देश में उस वर्ष ऐसे कुल 3.60 लाख अपराध दर्ज किए गए थे।
वर्ष 2015 में प्रदेश में महिलाओं के प्रति कुल 35908 और 2016 में 49,262 अपराध दर्ज किए गए थे। इनमें से 2524 मामले दहेज हत्या, 12,600 घरेलू हिंसा और 15,000 अपहरण के मामले थे। 2017 में प्रदेश में बलात्कार के कुल 4246 मामले दर्ज हुए।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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