क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के एनेक्सेशन को लेकर यूएन की इज़रायल को चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की एक वर्चुअल बैठक में 24 जून को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इज़रायल से कहा कि वह क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों (सेटलमेंट) और जॉर्डन वैली के अपने प्रस्तावित एनेक्सेशन प्रक्रिया को आगे न बढ़ाए क्योंकि यह "द्वि-राष्ट्र समाधान को नुकसान पहुंचा सकता है"।
गुटेरेस ने कहा, “अगर इसे लागू किया जाता है तो ये एनेक्सेशन अंतरराष्ट्रीय क़ानून का सबसे गंभीर उल्लंघन होगा जो द्वि-राष्ट्र समाधान की संभावना को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और बातचीत की नई संभावनाओं को कम कर सकता है। मैं इज़रायली सरकार से आह्वान करता हूं कि वे इस योजना को छोड़ दें।”
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृ्त्व में इज़रायल की नई गठबंधन सरकार ने पिछले महीने घोषणा की है कि वह उन क्षेत्रों के लिए एनेक्सेशन प्रक्रिया शुरू करेगी जिनमें क़ब्ज़े वाले फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक में जॉर्डन घाटी के अलावा बस्तियां स्थित हैं। नेतन्याहू सरकार का कहना है कि इस साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित तथाकथित "प्लान ऑफ द सेंचुरी" में इन क्षेत्रों को इज़रायल के लिए चिन्हित किया गया था।
फिलिस्तीनियों और अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ट्रम्प की इस योजना को एकतरफा और इज़रायल के प्रति पूरी तरह से पक्षपाती बताते हुए ख़ारिज कर दिया है। पैलेस्टिनियन अथॉरिटी (पीए) और अन्य फिलिस्तीनी समूहों ने चेतावनी दी है कि इस एनेक्सेशन प्रक्रिया से बड़े पैमाने पर विद्रोह होगा। पीए ने इज़रायल सरकार के साथ सभी प्रकार का समन्वय ख़त्म करने की भी घोषणा की है।
इस बीच 25 से अधिक यूरोपीय देशों के 1000 से अधिक सांसदों ने इज़रायल को लिखे एक संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किया जिसमें कहा गया है कि वह क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को मिलाने की अपनी योजना को छोड़ दे।
क़ब्ज़े वाले पूर्वी येरुशलम में अपने कार्यालय से बोलते हुए मध्य पूर्व के संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत निकोले म्लादेनोव ने कहा कि “यह समझते हुए कि दोनों तरफ के लोगों को अपने पैतृक आवास में रहने का अधिकार है, 27 साल पहले इज़रायली और फिलिस्तीनी नेता बिना किसी एकतरफा कार्रवाई के बातचीत के ज़रिए इस झगड़े के समाधान के लिए और शांति के लिए समझौते करने के लिए बेहतर लेकिन कठिन मार्ग में प्रक्रिया को प्रारंभ किया था।" उन्होंने कहा कि इज़रायल का एकतरफा फैसला हमें "पहले की तुलना में उस लक्ष्य से आगे" ले जाएगा।
इज़रायल ने यूएनएससी के प्रस्तावों का बार-बार उल्लंघन करते हुए जून 1967 से सीरिया के गोलन हाइट्स के साथ साथ फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक, गाजा और पूर्वी यरुशलम पर क़ब्ज़ा कर लिया। यूएन का ये प्रस्ताव क़ब्ज़ा को समाप्त करने पर बल देता है। इज़रायल ने अवैध रूप से 1967 में पूर्वी येरुशलम और 1981 में गोलन हाइट्स पर क़ब्ज़ा कर लिया। इसने 1967 से पूर्वी येरुशलम और वेस्ट बैंक सहित फिलिस्तीनी ज़मीनों पर सैकड़ों अवैध इज़रायली बस्तियों का निर्माण किया है।
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