हैती के लोग अपने संविधान की रक्षा के लिए लामबंद हुए, दुनिया भर के संगठनों ने एकजुटता दिखाई

गत 29 मार्च को जनमत संग्रह का 34 वां सालगिरह मनाया गया। इसके चलते वर्ष 1987 में हैती का संविधान अंगीकार किया गया था। ऐतिहासिक उपलब्धि की याद में और वर्तमान अवैध सरकार के अधीन इसके खिलाफ हमले के मद्देनजर हैती के हजारों लोग संविधान की रक्षा में और इसे स्थानांतरित करने के लिए राष्ट्रपति शासन की वापसी के लिए प्रस्तुत नए संविधान को लेकर डी-फैक्टो प्रेसिडेंट जोवेनेल मोइसे के निर्णय को खारिज करने के लिए देश भर की सड़कों पर उतर आए।
ये संविधान 29 मार्च 1987 को अपनाया गया था। यह 1986 के लोकतांत्रिक आंदोलन की मुख्य उपलब्धि है। इस आंदोलन के चलते 29 साल के डुवेलियर परिवार की तानाशाही का पतन हुआ था।
राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस के साथ-साथ अन्य शहरों में भी कई प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि मोइसे संविधान का सम्मान करें और राष्ट्रपति पद छोड़ें क्योंकि उनका कार्यकाल 7 फरवरी को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। उन्होंने मोइसे से अपना समर्थन वापस लेने के लिए अमेरिकी सरकार, यूएन और ओएएस से भी मांग की है। मोइसे का कार्यकाल समाप्त हो गया है और जनवरी 2020 से एक आदेश के जरिए पद पर बने हुए हैं।
इस बीच दुनिया भर के विभिन्न सामाजिक और प्रगतिशील संगठनों ने 29 मार्च को हैती के साथ अंतर्राष्ट्रीय एकता दिवस का आह्वान किया और विश्व के विभिन्न हिस्सों में हैती के लोगों के संघर्ष का समर्थन करने के लिए प्रदर्शन किया।
मोइसे की तानाशाही, अमेरिकी साम्राज्यवाद और हैती में लूटपाट को समाप्त करने की मांग के लिए कई देशों में सॉलिडरीटी प्रोग्राम का आयोजन किया गया था।
विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने अमेरिकी दूतावासों, संयुक्त राष्ट्र और ओएएल कार्यालयों के बाहर हैती में इनके हस्तक्षेप की समाप्ति और हैती लोगों के आत्मनिर्णय और संप्रभुता के लिए सम्मान को लेकर प्रदर्शन किया।
लोगों ने अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया। सोशल मीडिया नेटवर्क पर #NoDictatorshipInHaiti, #DownWithUSImperialism, #LongLiveHaiti, #FreeHaiti #HandsOffHaiti, #HaCantBreathe जैसे हैशटैग चलाए।
हैती के हालात की निंदा की करते हुए और सरकार से मोइसे सरकार को मान्यता देने से रोकने का आग्रह करते हुए कुछ संगठनों ने अपनी सरकारों को पत्र लिखा है।
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