मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं... हर रंग में मैं मिलती हूं

मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
माथे पे बिंदी लगाती हूं
अज़ान में सर ढक लेती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
यूपी बिहार में साड़ी
पंजाब में सूट पहनती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
दरगाह में हाथ फैलाती हूं
मंदिर में हाथ जोड़ती हूं
भंडारे में मैंने सब्ज़ी खाई है
लंगर में दाल मखनी खाई
और खिलाई है
सबीलों से शरबत भी मैं पीती हूं
गुरुदारे में सेवा करके
सवाब मैं कमाती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
रमज़ान में मैंने रखे रोज़े
और प्यार में करवा चौथ का
व्रत भी रख लेती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
संस्कृत स्कूल में पढ़ी
उर्दू की शायरी सुनती हूं
कबीर के दोहे और
प्रेमचंद की कहानियां
फ़ैज़ के शेर पढ़ती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
गायत्री मंत्र याद है मुझे
मिलाद में नात पढ़ती हूं
गुरुबानी सुन के सुकून मिलता है
नमाज़ में सजदा,
गुरुद्वारे में माथा टेकती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
दिवाली में जलाए दीये
ईद में सेवई खाई
लोहड़ी में किया भांगड़ा
क्रिसमस में हर साल
चर्च में कैंडिल जलाई
और होली में गुलाल लगाती हूं
रमज़ान में इफ़्तार कराती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
मैं बड़ों के पैर छूती
झुककर सलाम भी करती हूं
मैं जामिया की चंदा यादव भी हूं
जेएनयू की शेहला राशिद भी हूं
मैं लदीदा भी हूं, सदफ़ जाफर भी हूं
स्वरा भास्कर भी हूं
और हमारी एकता को
भारत मां ने पल्लू में बांधा है
हिजाब सा सर पर बैठाया है
तुम कितना साड़ी खींचोगे
मैं आदम हव्वा की औलाद हूं
द्रोपदी सा तेज़ रखती हूं
मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूं
हर रंग में मैं मिलती हूं
उम्मे कुलसुम
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