तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि की बर्खास्तगी की स्टालिन की मांग उचित: सिब्बल

नयी दिल्ली: राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की राज्यपाल आर एन रवि की बर्खास्तगी की मांग का समर्थन करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्ष शासित राज्यों के राज्यपाल ‘अस्थिरता पैदा करते हैं और हस्तक्षेप करते हैं’।
स्टालिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि रवि ‘साम्प्रदायिक घृणा को भड़काते हैं’ और तमिलनाडु की शांति के लिए ‘खतरा’ हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा, ‘‘राज्यपाल के व्यवहार और कदम ने साबित किया है कि वह पक्षपात कर रहे हैं और राज्यपाल के पद पर रहने के लायक नहीं है। रवि को शीर्ष पद से हटाया जाना चाहिए है।’’
सिब्बल ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘(भीम राव) आंबेडकर ने राज्यपालों को लेकर कहा था कि यह केवल एक नामपात्र का पद है... उसे प्रशासन में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों का हिंदुत्व एजेंडा है, वे अस्थिरता पैदा करते हैं और हस्तक्षेप करते हैं तथा घृणा पैदा करते है। रवि की बर्खास्तगी को लेकर स्टालिन की मांग उचित है।’’
Ambedkar on Governors :
“..said functionary..a purely ornamental functionary.. no power of interference in administration..”Governors in opposition ruled states :
1) have Hindutva agenda
2)destabilise & interfere
3) incite hateStalin is right to ask for Ravi’s removal
— Kapil Sibal (@KapilSibal) July 10, 2023
केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के सहयोग से निर्दलीय सदस्य के रूप में राज्यसभा में निर्वाचित हुए थे।
उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ने के मकसद के साथ हाल में एक गैर-चुनावी मंच ‘इंसाफ’ का गठन किया है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
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