एशियाई खेल: रोशिबिना देवी ने वुशु में रजत पदक जीता, मणिपुर को समर्पित किया

हांगझोउ: भारत की नाओरेम रोशिबिना देवी ने गुरुवार को यहां एशियाई खेलों की महिला 60 किग्रा वुशु सांडा फाइनल में स्थानीय दावेदार वू शियाओवेई के खिलाफ 0-2 की शिकस्त के साथ रजत पदक जीता। उन्होंने यह पदक मणिपुर हिस्सा के पीड़ितों को समर्पित किया।
रोशिबिना का गृह राज्य मणिपुर इस साल मई से हिंसा से जूझ रहा है।
"This Silver medal is dedicated to the people of Manipur. I tried my best in this game. I will rectify the faults I made in this game and play better. I will train harder for the upcoming World Championships in November," says Roshibina Devi Naorem, who won Silver medal in Wushu… pic.twitter.com/fU8CXwKK19
— ANI (@ANI) September 28, 2023
विरोधी कुकी जातीय समुदाय के दबदबे वाले चूरचांदपुर के करीबी बिष्णुपुर के क्वाशिफाई गांव की रहने वाली मैतेई समुदाय की रोशिबिना को स्थानीय खिलाड़ी को कड़ी टक्कर देने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा।
मणिपुर में दोनों समुदायों के बीच हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है जबकि घायलों का आंकड़ा भी काफी अधिक है।
रोशिबिना ने रजत पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में हिंसा जारी है। मैं अपने गांव नहीं जा सकती। मैं यह पदक उन लोगों को समर्पित करना चाहती हूं जो हमारी रक्षा कर रहे हैं और वहां पीड़ा सह रहे हैं।’’
मणिपुर की इस खिलाड़ी ने रोते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या होगा, लड़ाई तो जारी है। यह कब रुकेगा और पहले की तरह सामान्य जिंदगी कब लौटेगी।’’
रोशिबिना को गत चैंपियन शियाओवेई के खिलाफ जूझना पड़ा और उन्होंने चीन की खिलाड़ी को अच्छी शुरुआत करने का मौका दिया। जजों ने दो दौर के बाद शियाओवेई को विजेता घोषित किया।
चीन की खिलाड़ी पहले दौर से ही आक्रामक दिखी और उन्होंने रोशिबिना को गिराकर अंक बनाए।
मणिपुर की खिलाड़ी ने वापसी करते हुए शियाओवेई का पैर पकड़कर उन्हें सीमा रेखा से बाहर करने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही जिससे चीन की खिलाड़ी ने 1-0 की बढ़त बनाई।
दूसरे दौर में चीन की खिलाड़ी ने रोशिबिना के शरीर के ऊपरी हिस्से पर प्रहार से अंक जुटाए और जीत दर्ज की।
रोशिबिना ने 2018 में जकार्ता खेलों में कांस्य पदक जीता था।
रोशिबिना ने बुधवार को विश्व चैंपियनशिप की रजत और कांस्य पदक विजेता वियतनाम की थी थू थुइ एनगुएन को 2-0 से हराकर कम से कम रजत पदक सुनिश्चित किया था।
इस भारतीय खिलाड़ी ने बुधवार को अपने माता-पिता से बात की और उन्होंने अपनी बेटी को मणिपुर हिंसा से ध्यान नहीं भटकने देने और फाइनल पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मेरे से कहा कि मैं मैच पर ध्यान दूं ना कि अन्य चीजों पर। मेरा परिवार ठीक है। मैं उनसे नियमित रूप से बात नहीं करती क्योंकि मेरे कोच कहते हैं कि वहां हो रही हिंसा से मेरा ध्यान भटक जाएगा।’’
रोशिबिना ने कहा, ‘‘हमने बहुत अच्छी तैयारी की और हम यहां अच्छा प्रदर्शन कर सके और रजत पदक जीता।’’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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