मणिपुर की घटना और राज्य में 80 दिनों की हिंसा पर संसद में बयान दें प्रधानमंत्री: खरगे

नयी दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना और राज्य में 80 दिनों की हिंसा के विषय पर संसद के भीतर बयान देना चाहिए।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मणिपुर की हिंसा को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी तरह से असहाय नजर आई हैं।
खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आपने कल संसद के भीतर बयान नहीं दिया। यदि आप उस घटना से आक्रोशित होते तो कांग्रेस शासित राज्यों के साथ झूठी तुलना करने की बजाय सबसे पहले अपने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त कर सकते थे।’’
.@narendramodi ji,
You did not make a statement inside the Parliament, yesterday.
If you were angry then instead of making false equivalence with Congress governed states, you could have first dismissed your Chief Minster of Manipur.
INDIA expects you to make an elaborate…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 21, 2023
उन्होंने कहा, ‘‘भारत आपसे अपेक्षा करता है कि आप आज संसद में न केवल एक घटना पर, बल्कि 80 दिनों की हिंसा पर बयान देंगे। मणिपुर को लेकर राज्य और केंद्र में आपकी सरकार बिल्कुल असहाय और संवेदनहीन दिख रही है।’’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा रोकने और बातचीत सुनिश्चित करने के लिए मणिपुर में तटस्थ प्रशासन होना चाहिए। इसलिए मैंने कहा है कि राष्ट्रपति शासन वांछित है।’’
In Manipur, the Meiteis, the Kukis and the Nagas have to live together under whatever legal arrangements are accepted by all
Each ethnic group has grievances against another group. Irrespective of who is right or wrong, eventually the three groups must talk to each order and…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 21, 2023
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।
राज्य में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर मेइती समुदाय द्वारा पहाड़ी जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) वाले दिन मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई थी और अभी तक इसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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