वाम दलों ने की लखीमपुर घटना की कड़ी निंदा, सीपीआई-एम के राज्य सम्मेलन में शहीद किसानों को श्रद्धांजलि

वाम दलों ने लखीमपुर खीरी की घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए अपना रोष प्रकट किया है। और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सीपीआई-एम के इलाहाबाद में चल रहे 23वें राज्य सम्मेलन में इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।
सीपीआई-एम महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे वीर और दृढ़निश्चयी किसानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।
The sacrifice of our brave and determined farmers will not be allowed to go in vain.
Our respects to those who have paid with their lives. https://t.co/Poo2f5hHB3— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 4, 2021
येचुरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि भाजपा और मोदी सरकार को किसानों पर की गई बर्बरता के शिकार लोगों तक राजनीतिक दलों को नहीं पहुंचने देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र के इस क्रूर दमन की कड़ी निंदा करते हैं।
The BJP and Modi government have no business to not allow political parties to reach victims of the barbarism inflicted on farmers yesterday.
Strongly condemn this draconian throttling of democracy. https://t.co/wgm4adyGFv— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 4, 2021
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक वीडियो साझा करते हुए येचुरी ने प्रधानमंत्री से उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। इस वीडियो में खट्टर अपने समर्थकों को किसानों को सबक़ सिखाने की बात कर रहे हैं और लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं।
येचीर ने कहा- क्या हमें उम्मीद करनी चाहिए कि हमारे "मूक" पीएम अपनी पार्टी के सीएम के बयान पर बोलेंगे या अपने केंद्रीय मंत्री के बेटे पर कथित तौर पर यूपी में किसानों की हत्या कर रहे हैं, या लोकतंत्र और कानून के शासन के बारे में व्याख्यान केवल विदेशी दर्शकों के लिए हैं? यह एक भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री हैं जो मोदी सरकार के कठोर कृषि कानूनों के खिलाफ दृढ़ लेकिन शांतिपूर्वक विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान कर रहे हैं।
येचुरी ने कहा कि इस तरह के बयान के बाद उन्हें सीएम बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
This is the CM of a BJP ruled state calling for vigilantism & violence against farmers who have been determinedly but peacefully protesting against draconian farm laws of the Modi govt.
He doesn't have any right to continue to be CM after such a statement.https://t.co/aJTV5vJ3k8— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 3, 2021
सीपीआई-एमएल यानी भाकपा माले ने भी लखीमपुर खीरी की घटना पर गहरा शोक और रोष प्रकट किया है। पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य का कहना है कि किसानों के खिलाफ बीजेपी की घिनौनी जंग दिनों-दिन तेज़ होती जा रही है। उन्होंने बताया कि माले की एक टीम लखीमपुर खीरी में तथ्य और अपडेट इकट्ठा करने के लिए पहुंच चुकी है। किसान आंदोलन को बल पूर्वक दबाया नहीं जा सकता।
A team of @cpimlliberation comprising Comrades Krishna Adhikari, Ishwari Prasad Kushwaha, Shriram Chaudhary and Afroz Alam has rushed to #Lakhimpur_Kheri to gather facts and updates from the local people and protesting farmers. The farmers' movement cannot be suppressed by force.
— Dipankar (@Dipankar_cpiml) October 3, 2021
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