ट्रंप प्रशासन के प्रतिबंधों को हटाने के बाद परमाणु समझौते में लौटने का ईरान का वादा

रविवार 7 फरवरी को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनी ने कहा कि, "अमेरिका अपने प्रतिबंधों को बयानों और कागजों पर नहीं बल्कि हकीकत में उठा लेता है और ईरान इन प्रतिबंधों में छूट की पुष्टि कर लेता है तो वह जेसीपीओएए [ज्वाइंट कम्प्रीहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन] की शर्तों में लौट आएगा।" खामेनी राजतंत्र से अपने त्याग और 1979 में इस्लामिक क्रांति में शामिल होने की बरसी के मौके पर वायु सेना के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
खामेनी ने जोर देकर कहा कि अमेरिकियों और यूरोपीय लोगों को ईरान पर अपनी खुद की कोई भी शर्त थोपने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने जेसीपीओए या ईरान परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन किया है। वह सेक्रेट्री ऑफ स्टेट एंथनी ब्लिंकन की मांग पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उनकी मांग थी कि अमेरिका को इस समझौते में फिर से शामिल होने के क्रम में ईरान को पहले इस समझौते के लिए अपने सभी शर्तों पर वापस लौटना होगा।
जेसीपीओए पर साल 2015 में ईरान और अमेरिका के साथ पांच अन्य देशों द्वारा हस्ताक्षर किया गया था। हालांकि, डोनाल्ड ट्रम्प ने इस समझौते को एकपक्षीय होने का आरोप लगाते हुए साल 2018 में एकतरफा तरीके से हटने की घोषणा की थी और ईरान को इसके मिसाइल कार्यक्रम और इसकी क्षेत्रीय नीतियों सहित इस समझौते पर फिर से चर्चा करने के लिए मजबूर करने के लिए ईरान पर अपने तथाकथित "अधिकतम दबाव" अभियान के तहत विभिन्न एकतरफा प्रतिबंध लगाए गए थे।
तेहरान इस समझौते का पालन करने और ईरान को अमेरिकी प्रतिबंधों से बचाने के लिए प्रभावी उपाय करने के लिए अपने यूरोपीय हस्ताक्षरकर्ताओं को चेतावनी देने के बाद पिछले साल इस समझौते के लिए अपनी कुछ प्रतिबद्धताओं से वापस होना शुरू कर दिया। इसने यह सुनिश्चित किया है कि ये सभी कदम जेसीपीओए के प्रावधानों के तहत रहें और एक बार जब अमेरिका इस समझौते में शामिल हो जाता है और प्रतिबंधों को हटा देता है तो यह कुछ ही दिनों के भीतर पूरी तरह पालन करने लगेगा।
रविवार को सीबीएस न्यूज के साथ अपने साक्षात्कार के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका के दृष्टिकोण को दोहराया। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस समझौते के उल्लंघन को रोकने के लिए तेहरान के लिए अपने प्रतिबंधों को हटाएगा तो इस पर बाइडन ने नकारात्मक में जवाब दिया।
बाइडन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प के फैसले को पलटने और इस समझौते में फिर से शामिल होने का वादा किया था। हालांकि, उनके पदभार संभालने के बाद से उनके प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है जिसको लेकर ईरान ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ईरान के खिलाफ ट्रम्प की गलत नीतियों का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।
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