मोदी सरकार ने पूरे किए अपने वादे, बेरोज़गारी के आंकड़ों में दिखता विकास!

2014 में दो करोड़ रोज़गार देने का वादा करके आने वाली सरकार अब रोजगार के सवाल पर बात भी नहीं करना चाहती है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक प्रत्येक एक घंटे में देश का एक नागरिक बेरोजगारी व गरीबी के कारण आत्महत्या कर लेता है। भाजपा सरकार नव युवकों के लिए नई भर्तियां नहीं निकाल रहे हैं। बल्कि जो भर्ती खोली भी गईं उनको पूरा करने में सालों साल का समय लग रहा है। आप को हैरानी होगी इस तथ्य को जानकर कि एसएससी सीजीएल-2018 की परीक्षा का नोटिफिकेशन 5 मई, 2018 को जारी किया गया था और फाइनल प्रोसेस आज 2021 की वर्तमान तारीख तक पूरा नहीं हो पाया है। सीजीएल 2019 के 2 ही चरण हो पाए हैं। क्या इसी डिजिटल इंडिया की बात हमारे देश के महानुभाव करते हैं जहाँ एक प्रतियोगी परीक्षा को 3 साल का अंडर ग्रेजुएट कोर्स बना दिया जाता है? एसएससी सीजीएल की वेकैंसी 2012 में 16119 थी, जो 2020 में घटकर 6,506 रह जाती हैं, यानि लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट।
इन्हीं लचर व्यवस्थाओं की त्रासदी झेल रहे छात्र और अध्यापकों ने आज 25 फरवरी को ऑनलाइन आंदोलन चलाया हुआ है, जिस के तहत वो सरकार से युवाओं को रोज़गार देने की मांग कर रहे हैं।
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