ज़ियोनिस्ट को बड़ा झटका, यूएस फेडरल जज ने बीडीएस-विरोधी क़ानून को संविधान-विरोधी बताया

अमेरिका में ज़ियोनिस्ट को बड़ा झटका देते हुए फेडरल जज ने आदेश दिया कि बायकॉट, डाइवेस्टमेंट एंड सैंक्शन मूवमेंट के खिलाफ कानून संवैधानिक विरोधी हैं। सोमवार 24 मई को यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर द नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ जॉर्जिया ने पत्रकार और फिल्म निर्माता एबी मार्टिन द्वारा दायर एक याचिका पर तब एक आदेश जारी किया जब उन्हें 2016 की जॉर्जिया स्टेट लॉ के अनुसार बीडीएस मूवमेंट से खुद को दूर नहीं करने के लिए एक विश्वविद्यालय में सभा में बोलने से रोक दिया गया था।
फरवरी 2020 में यूनिवर्सिटी सिस्टम ऑफ जॉर्जिया और जॉर्जियन स्टेट के खिलाफ मार्टिन ने काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर), सीएआईआर लीगल डिफेंस फंड और पार्टनरशिप फॉर सिविल जस्टिस फंड (पीसीजेएफ) के साथ याचिका दायर की थी। बीडीएस मूवमेंट से दूरी बनाने पर उनकी असहमति के बाद यूनिवर्सिटी के साहित्यिक कार्यक्रम में जॉर्जिया साउदर्न यूनिवर्सिटी द्वारा रोके जाने के चलते मार्टिन ने ये याचिका दायर की थी।
जॉर्जिया स्टेट द्वारा 2016 में पारित कानून के अनुसार जॉर्जिया साउदर्न यूनिवर्सिटी जैसे राज्य-संचालित या राज्य-वित्त पोषित संस्थानों के इंडिपेंडेंट कॉन्ट्रैक्टर्स जो 1,000 अमेरिकी डॉलर और इससे अधिक के लेनदेन शामिल है उसको एक संकल्प पर हस्ताक्षर करना पड़ता है कि वे इजरायल के किसी भी बहिष्कार में भाग नहीं लेंगे।
मार्टिन को 28 फरवरी को 2020 इंटरनेशनल क्रिटिकल मीडिया लिटरेसी कॉन्फ्रेंस के लिए मुख्य संदेश बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था और यूनिवर्सिटी द्वारा यात्रा और रहने के खर्च के साथ 1,000 अमेरिकी डॉलर के मानदेय का भुगतान किया जाना था।
ये आदेश देने वाले जज मार्क कोहेन ने 29-पृष्ठ के फैसले में कहा कि ये कानून "प्रथम संशोधन द्वारा संरक्षित स्वाभाविक रूप से भावनात्मक आचरण को प्रतिबंधित करता है, मार्टिन के बोलने की स्वतंत्र के अधिकार को दबाता है और संतोषजनक राज्य हित को आगे बढ़ाने के लिए न ही कुछ अनुकूल किया जाता है।"
मार्टिन का ये केस अमेरिका में बीडीएस विरोधी कानून के खिलाफ पहली कानूनी चुनौतियों में से एक था और इस फैसले से इसी तरह के अन्य प्रांतीय कानूनों पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब फिलिस्तीन के इजरायली उपनिवेशीकरण का दुनिया भर में व्यापक रूप से विरोध किया जा रहा है।
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