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जानिए, निर्मला सीतारमण के इस बजट की बड़ी बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश कर रही हैं। उन्होंने कहा, भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था।
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भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर मौजूदा आर्थिक सुस्ती के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट पेश करने जा रही हैं। उम्मीद है कि वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘फील गुड’’ बजट पेश करें। इस फील गुड बजट में पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती, ग्रामीण और कृषि सेक्टर के लिए रियायतें, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की परियोजनाओं के लिए आवंटन जैसे कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। आज पेश होने वाला यह आम बजट निर्मला सीतारमण का दूसरा बजट है। साथ ही मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का भी यह दूसरा बजट है।

 
इस समय देश की इकोनॉमी सुस्ती से गुजर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में GDP के 5 फीसद रहने का अनुमान है। यह 11 साल की सबसे कम आर्थिक वृद्धि होगी। वैश्विक स्तर की बात करें, तो भू-राजनीतिक क्षेत्र में तनाव बना हुआ है। दुनिया की पहली और दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच पिछले काफी समय से ट्रेड वॉर चल रहा था। हालांकि, इसमें अब तनाव कम हुआ है। ऐसी घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों में वित्त मंत्री के लिए बेहतर आर्थिक वृद्धि को प्राप्त करने वाला बजट पेश करना एक बड़ी चुनौती है।
 

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अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, मुद्रास्फीति नियंत्रण में: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और बैंकों का बही खाता साफ सुथरा हुआ है। वित्त मंत्री ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि हमारा मकसद लोगों की आय और खरीद क्षमता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि 2014-19 के दौरान सरकार ने कामकाज के संचालन में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने माल एवं सेवा कर को ऐतिहासिक संरचनात्मक सुधार करार देते हुए कहा कि इससे देश आर्थिक रूप में एकीकृत हुआ है। 

बजट का लक्ष्य रोजगार, मजबूत कारोबार, महिलाओं का कल्याण: सीतारमण

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि इस बजट का लक्ष्य लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना, कारोबार मजबूत करना और अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/जनजाति की सभी महिलाओं की आकांक्षाओं को पूरा करना है। उन्होंने लोकसभा में 2020-21 का बजट पेश करते हुए पूर्व वित्तमंत्री एवं जीएसटी के शिल्पकार दिवंगत अरूण जेटली को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने जीएसटी को बड़ा संरचनात्मक बदलाव बताते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है और उपभोक्ताओं को एक लाख करोड़ रुपये का फायदा हो रहा है।     सीतारमण हल्दी जैसे पीले रंग की साड़ी पहन बजट पेश करने संसद पहुंची। उन्होंने लोकसभा में 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट को भी पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। सरकार ने 2014 से 2019 के दौरान राजकाज में व्यापक बदलाव किये हैं। 

1 अप्रैल 2020 से GST रिटर्न की नई सरलीकृत व्यवस्था

जीएसटी के परिपक्व होने के दौरान उसे कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। जीएसटी काउंसिल इन मुद्दों को सुलझाने के लिए सक्रिय है। 40करोड़ जीएसटी रिटर्न फ़ाइल किए गए हैं। 800करोड़ इनवॉइस अपलोड किए गए हैं। एक अप्रैल,2020से नई सरलीकृत रिटर्न व्यवस्था लागू की जा रही है।

जीएसटी से 60 लाख करदाता बढ़े: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी इनमें से एक है जिसने व्यवस्था में 60 लाख नए करदाता जोड़े हैं। निर्मला सीतारमण का कहना था कि कर की इस नई व्यवस्था से इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ है। उन्होंने दावा किया कि जीएसटी ने हर परिवार को हर महीने औसतन चार फीसदी की बचत हुई है।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि इसके बूते करीब 27 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से ऊपर लाया गया है। 

भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: सीतारमण

भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था।  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 2014-19 के दौरान औसत वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत से अधिक रही। इस दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रही। सीतारमण ने अपने बजट भाषण कई कल्याण योजनाओं मसलन सस्ता घर, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और आयुष्मान भारत का जिक्र किया। 

जीएसटी ने इंस्पेक्टर राज को खत्म किया: सीतारमण

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के रिटर्न का सरल स्वरूप अप्रैल 2020 से पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने लोकसभा में अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि जीएसटी ने इंस्पेक्टर राज को खत्म किया है और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मदद पहुंचायी है। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को एक लाख करोड़ रुपये की बचत हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद हर परिवार को मासिक व्यय में चार प्रतिशत की बचत हो रही है।’ उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में जीएसटी में दो लाख नये करदाता जुड़े हैं। इसके तहत 40 करोड़ रिटर्न दाखिल किये गये हैं तथा 105 करोड़ ई-वे बिल सृजित हुए हैं।

 

वित्त मंत्री ने शिक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वकालत की

 देश में  सर्वजनिक शिक्षा की बात की जा रही है।  इसको लेकर पिछले कई महीनो से देश के छात्र और शिक्षक सड़क पर संघर्ष कर रहे है।  लेकिन सरकार ने इन सभी पर ध्यान न रखेत हुए उच्च शिक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की वकालत की हैं।  इसके साथ ही वित्त मंत्री ने 19 हज़ार करोड़ रूपये शिक्षा के लिए  देने की बात भी कही है। उन्होंने शिक्षा में पीपी मॉडल की भी बात कही हैं। 

जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिये लायी जाएगी विस्तृत योजना: सीतारमण

जल संकट से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिये सरकार विस्तृत योजना लाने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की।     सीतारमण ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018 लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना

वित्तमंत्री ने कहा कि जिन किसानों के पास बंजर जमीनें हैं, उन्हें सौर बिजली इकाइयां लगाने और अधिशेष बिजली सौर ग्रिड को बेचने में मदद की जाएगी।  उन्होंने कहा कि कृषि बाजार को उदार तथा प्रतिस्पर्धी बनाने, कृषि आधारित गतिविधियों को सहायता उपलब्ध कराने और सतत फसल प्रतिरुप व प्रौद्योगिकी की जरूरत है।

उन्होंने बजट में किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना तथा राज्यों को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट मुख्यत : तीन बातों ‘आकांक्षी भारत,  आर्थिक विकास और कल्याणकारी समाज’ पर केंद्रित है।    उन्होंने कहा कि भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है।     वित्तमंत्री के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, निर्मला सीतारमण के सहयोगी मंत्री तथा सत्ता पक्ष के सांसद बार-बार मेजें थपथपाकर बजट घोषणाओं की सराहना करते देखे गये।

सरकार का 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य

सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण देने का लक्ष्य तय किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा नाबार्ड पुनर्वित्त योजना का विस्तार किया जाएगा।

अपना दूसरा बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि रेलवे जल्द खराब होने वाले सामान के परिवहन को शीत आपूर्ति श्रृंखला के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) में किसान रेल की स्थापना करेगा। इसके अलावा नागर विमानन मंत्रालय कृषि उत्पादों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों तक परिवहन के लिए कृषि उड़ान शुरू करेगा।  उन्होंने कहा कि सरकार क्लस्टर आधार पर एक जिले में एक बागवानी फसल को प्रोत्साहन देगी। 

पिछले पांच साल में आया 284 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

देश में 2014-19 के दौरान देश में 284 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए यह जानकारी दी।  उन्होंने कहा, ‘‘2014-19 के दौरान देश में 284 अरब डॉलर का एफडीआई आया। 2009-14 के दौरान देश को 190 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला था।’’  चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश में विदेशी निवेश का प्रवाह 15 प्रतिशत बढ़कर 26 अरब डॉलर रहा। 

 सबसे अधिक एफडीआई सेवा, कंप्यूटर साफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, वाहन और ट्रेडिंग क्षेत्रों को मिला। पहली छमाही में देश में सबसे अधिक आठ अरब डॉलर का एफडीआई सिंगापुर से आया। उसके बाद क्रमश: मारीशस, अमेरिका, नीदरलैंड और जापान का नंबर रहा।  सरकार ने पिछले साल ब्रांड खुदरा व्यापार, कोयला खनन और ठेका विनिर्माण पर विदेशी निवेश के नियमों को उदार किया था।

राज्यों को कृषि भूमि पट्टे, ठेका खेती को तीन केंद्रीय कानूनों को अपनाने को कहा : सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार ने राज्यों से कृषि भूमि पट्टे, विपणन और ठेका खेती के लिए तीन केंद्रीय मॉडल कानूनों को अपनाने के लिए कहा है। सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि किसानों को बंजर जमीन पर सोलर यूनिट लगाने की अनुमति दी जाएगी और उससे ग्रिड को बिजली आपूर्ति की जाएगी। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सोलर पंप लगाने के लिए 20 लाख किसानों को सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जलसंकट वाले 100 जिलों में व्यापक उपायों का प्रस्ताव भी सरकार ने रखा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा केंद्र ने किसानों को खाद के उचित इस्तेमाल और पानी का कम उपयोग करने तथा उर्वरकों के संतुलित प्रयोग को प्रोत्साहित करने की योजना का भी प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने कहा कि उर्वरक के संतुलित उपयोग से रासायनिक उर्वरक के उपयोग को बढ़ावा देने के चलन में बदलाव आएगा। 

बजट भाषण के बीच शेयर बाजारों में सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट भाषण के दौरान शुरुआती झटके के बाद घरेलू शेयर बाजार संभल गये और सीमित दायरे में चल रहे थे। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले दिवस की तुलना में करीब 30 अंक की मजबूती के साथ 40,753.18 अंक पर खुला। हालांकि बजट भाषण शुरू होती ही यह करीब 280 अंक गिरकर 40,444.48 अंक पर आ गया। बाद में इसने सुधार दर्ज की और गिरावट से उबरते हुए 44.31 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 40,767.80 अंक पर चल रहा था। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी शुरुआती गिरावट से उबरकर 12.25 अंक यानी 0.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,974.35 अंक पर चल रहा था। शुक्रवार को सेंसेक्स 40,723.49 अंक और निफ्टी 11,962.10 अंक पर बंद हुआ था।

जल्द खराब होने वाले उत्पादों की ढुलाई के लिये किसान ट्रेन का प्रस्ताव

सरकार ने फल और सब्जी जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिये किसान रेल का प्रस्ताव किया है। इसके तहत इन उत्पादों को रेफ्रिजरेटेड डिब्बों में ले जाने की सुविधा होगी। विशेष किसान रेलगाड़ियां सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत चलाने का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए किसानों के लाभ के लिए कई उपायों का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि जल्द खराब होने वाले सामान के लिए राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण को रेलवे पीपीपी मॉडल में किसान रेल बनाएगी। इससे ऐसे उत्पादों की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का चुनिंदा मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों के जरिये जल्द खराब होने वाले सामान की ढुलाई के लिये रेफ्रिजरेटेड पार्सल वैन का भी प्रस्ताव है।  जल्द खराब होने वाले फल, सब्जियों, डेयरी उत्पादों, मछली, मांस आदि को लंबी दूरी तक ले जाने के लिये इस तरह की तापमान नियंत्रित वैन की जरूरत है।

2025 तक टीबी उन्मूलन के लिए अभियान चलाएगी सरकार: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार 2025 तक क्षय रोग (टीबी) के उन्मूलन के लिए एक अभियान शुरू करेगी। सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए किफायती दामों पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए देश के सभी जिलों में जन औषधि केंद्रों का विस्तार करने का प्रस्ताव किया।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों पर लगाए करों से मिले राजस्व का इस्तेमाल अस्पताल बनाने में किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जिलों में अस्पताल बनाने तथा कृषि उत्पादों के लिए गोदामों के निर्माण के लिए संभाव्यता अंतर वित्त पोषण मुहैया कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण विकास और पंचायत राज के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जबकि कृषि तथा उससे संबद्ध गतिविधियों के लिए 1.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

सीतारमण ने कहा कि सरकार की योजना पशुधन उत्पादन बढ़ाने के लिए कृत्रिम वीर्यसेचन को 30 प्रतिशत से 70 प्रतिशत बढ़ाने की है। मछली उत्पादन 2022 तक 200 लाख टन तक बढ़ाने की योजना है।

सरकार नई शिक्षा नीति लाएगी, 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार शीघ्र ही नई शिक्षा नीति लेकर आएगी और सरकार को इस संबंध में दो लाख से ज्यादा सुझाव मिल चुके हैं। सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में शिक्षा के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में बाह्य वाणिज्यिक उधारी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है।सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विश्वविद्यालय का प्रस्ताव लाया जा रहा है। वहीं शीर्ष 100 संस्थान पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करें, इसकी भी योजना तैयार हो रही है।

 

परिवहन की बुनियादी संरचना के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव

वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में परिवहन क्षेत्र की बुनियादी संरचना के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि उड़ान योजना को समर्थन देने के लिए 2025 तक 100 और हवाई अड्डे विकसित किए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि 1,150 ट्रेनों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत चलाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की मदद से चार स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। मंत्री ने वादा किया कि पर्यटन गंतव्यों को जोड़ने के लिए निजी भागीदारी से चलने वाली तेजस जैसी और रेलगाड़ियां चलायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा रेल ट्रैक के साथ बड़ी सौर बिजली क्षमता के विकास का भी प्रस्ताव है। 

सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक आदेश जारी करेंगे : वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि इस साल के दौरान सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक आदेश जारी करेंगे। वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे देश में गुणवत्ता वाले सामान की बिक्री को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा और घटिया सामान के आयात पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। 

वित्त मंत्री ने कहा, ‘पिछले साल सितंबर मे मैंने उद्योग से सभी आवश्यक तकनीकी मानकों को समयबद्ध तरीके से अपनाने को कहा था। इस साल के दौरान सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक आदेश जारी करेंगे।’
 
करीब 5,000 उत्पादों के लिए तकनीकी नियमन तय करने का लक्ष्य है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को ये नियमन बनाने को कहा गया है। भारत हर साल करीब 11,500 उत्पादों का आयात करता है। मुख्य रूप से कच्चे तेल, सोने, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, दलहन, उर्वरक, मशीनी औजार और फार्मा उत्पादों का आयात किया जाता है।

मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिये नयी योजना का प्रस्ताव

वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में मोबाइल फोन, सेमी कंडक्टर एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के विनिर्माण के लिये एक नयी योजना का प्रस्ताव किया गया।  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने तथा इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर जिले को निर्यात का केंद्र बनाने की है। सीतारमण ने कहा कि सरकार का लक्ष्य राज्यों के स्तर पर मंजूरियां देने की व्यवस्था बहाल करने की है। उन्होंने कहा कि निवेशकों को नि:शुल्क निवेश परामर्श देने के लिये सरकार राज्यस्तरीय निवेश मंजूरी सेल बनाने का लक्ष्य बना रही है। 

पीएम कुसुम योजना का होगा विस्तार, 20 लाख किसानों को मिलेगा लाभ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को प्रधानमंत्री कृषि ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) के विस्तार की घोषणा की। इस योजना के तहत 20 लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी। वित्त मंत्री ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। किसान इन सोलर पंपों से बनने वाली अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति ग्रिड को भी कर सकेंगे।

मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में फरवरी 2019 में पीएम कुसुम योजना की शुरुआत की थी, जिसके लिए 34,422 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं। इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं। 

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