ब्राजील में बोल्सोनारो के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त लामबंदी

इस निष्कर्ष को लेकर किसी तरह का मतभेद नहीं है कि "बांह में वैक्सीन, थाली में खाना और बोल्सोनारो गद्दी छोड़ो" के नारे के साथ हुआ 19 जून का प्रदर्शन 29 मई की लामबंदी से कहीं ज़्यादा बड़ा था। आयोजकों के मुताबिक़ देश के सभी राज्यों के क़रीब 400 शहरों में इन प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। बारिश वाले कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन स्थगित ज़रूर कर दिये गये,इसके बावजूद लगभग साढ़े सात लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये।यह संख्या पिछले महीने हुए विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या से 25 % से ज़्यादा है।
लेवेंटे पॉपुलर दा जुवेंटुडे (जनवादी युवा विद्रोह) के राष्ट्रीय बोर्ड के जेसी दयाने ने बताया, "बोल्सनारो सरकार के ख़िलाफ़ जो असंतोष पहले से ही चुनावों में अभिव्यक्त हो चुका है, अब वह सड़कों पर भी दिखायी दे रहा है। 19 जून के विरोध प्रदर्शन में ज़्यादा लोग जुटे और इसमें भाग लेने वाले ऐसे लोग भी थे,जिन्हें पहले ही टीका लगाया जा चुका है। जहां 29 मई में प्रदर्शन करने वालों में ज़्यादातर नौजवानों की भागीदारी देखी गयी थी, वहीं 19 जून के प्रदर्शन में बुज़ुर्ग भी शामिल थे।
इस लामबंदी के आह्वान का हिस्सा रहे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का अनुमान भी ऐसा ही है।
इंटरसिंडिकल के निदेशक एडसन कार्नेइरो ने ऐलान करते हुए कहा, "देश में राजनीतिक विवाद अब दूसरे स्तर पर चला गया है। बोल्सोनारो को लेकर असंतोष बढ़ रहा है और हमारे देश में विरोध की भावना ज़ोर पकड़ रही है। कई ऐसे लोग,जिन्होंने जायर बोल्सोनारो को वोट दिया था, वे कल सड़कों पर उतर आये और राष्ट्रीय स्तर पर इस तबाही को लेकर काफ़ी कुछ कहने लगे।
देश भर में कोविड-19 से 500,000 लोगों की मौत हुई हैं और तक़रीबन 1 करोड़ 78 लाख लोग संक्रमित हुए हैं, प्रदर्शनकारियों ने मास्क का इस्तेमाल करते हुए और हैंड सैनिटाइज़र बांटते हुए इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों ने महामारी पर सीपीआई (सीनेट जांच समिति) की तरफ़ से दिये गये साक्ष्य का हवाला देते हुए अब तक हुई मौतों को लेकर एक्ज़क्यूटिव को ज़िम्मेदार ठहाराया है।
सीनेटर रैंडोल्फ़ रोड्रिग्स (रेड-एएम) के मुताबिक़, बाज़ार की क़ीमत के मुक़ाबले कम क़ीमत पर टीके की पेशकश करते हुए फ़ाइजर कंपनी की तरफ़ से तक़रीबन 100 ईमेल भेजे गये थे,लेकिन किसी का भी जवाब नहीं दिया गया। इसके अलावा, सरकार ने वैक्सीन के 11 अन्य अनुबंधों को नकार दिया था,जबकि उसने 84 अलग-अलग मौक़ों पर क्लोरोक्वीन नामक उस दवा को ख़रीदने की मांग की थी, जो sars-cov2 के ख़िलाफ़ असरदार साबित नहीं हुई है, इसके बावजूद सरकार ने इसे "शुरुआती इलाज" के किट में शामिल कर लिया था।
इंटरसिंडिकल के निदेशक ने पुष्टि करते हुए बताया, "अगर सरकार विज्ञान सम्मत तथ्यों के साथ न्यूनतम रूप से भी आगे बढ़ी होती, तो वह राज्य के गवर्नरों और मेयरों के साथ काम करने की कोशिश करती, और ब्राजील 70% उन मौतों से बच सकता था,जो बोल्सोनारो के नियंत्रण और संक्रमण के ज़रिये हर्ड इम्युनिटी का परीक्षण करने को लेकर अख़्तियार की जाने वाली नीति के संपूर्ण अभाव के कारण हुई थी।
प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर कई राजनीतिक नेताओं ने भी इस लामबंदी को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
वर्कर्स पार्टी ऑफ़ ब्राज़ील (पीटी) के अध्यक्ष ग्लीसी हॉफ़मैन ने लिखा, “बारिश और ठंड के बावजूद क्यूरिटिबा में विरोध हो रहा है ! हम सब मौत, नफ़रत और झूठ की इस सरकार से थक चुके हैं। इस लामबंदी के ज़रिये पूरे ब्राजील में यह संदेश मज़बूती के साथ गया है कि बोल्सोनारो गद्दी छोड़ो।”
Com chuva e frio em Curitiba teve resistência! Estamos todos exauridos desse governo da morte, do ódio e da mentira. Por todo o Brasil as manifestações aconteceram com o firme recado de #ForaBolsonaro pic.twitter.com/HMw9crNBKC
— Gleisi Hoffmann (@gleisi) June 19, 2021
महामारी को लेकर सीपीआई के सीनेटर और अध्यक्ष रेनान कैलहेरोस ने भी एक्ज़क्यूटिव की आलोचना की है। इस सांसद ने कहा, “मौत की इस सरकार को ख़ारिज करने वाले लोगों की यह लामबंदी महामारी के सिलसिले में ज़्यादा प्रासंगिक हो गयी है। राष्ट्रपति को छोड़कर पूरे ब्राजील के लोग 500,000 लोगों की मौत पर शोकसंतप्त है। यही बात उनके चरित्र को लेकर बहुत कुछ सामने रख देती है।"
As expressivas manifestações em repúdio ao governo da morte adquirem maior relevância em função da pandemia. O Brasil todo lamenta as 500 mil mortes. Menos o presidente. Isso diz muita coisa sobre seu caráter.#500MilMortos #CPIdaPandemia #cpidacovid #Vacinasalva pic.twitter.com/dHdkZpyyqW
— Renan Calheiros (@renancalheiros) June 20, 2021
फ़ेडरल सुप्रीम कोर्ट (STF) के मंत्री गिल्मर मेंडेस ने लिखा: "मुझे उम्मीद है कि जो सबक मिले हैं,उनसे आने वाले दिनों के लिए कहीं ज़्यादा न्यायपूर्ण और मददगार समाज का निर्माण होगा। अब सामाजिक ज़िम्मेदारी की बारी है। ”
Hoje atingimos a marca de 500 mil mortos pela #COVID19. Registro minha solidariedade pela legião de famílias e amigos enlutados. Espero que as lições aprendidas ergam uma sociedade mais justa e solidária para o futuro. Responsabilidade social já!
— Gilmar Mendes (@gilmarmendes) June 20, 2021
देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की निंदा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर के 17 देशों में ब्राजीलियाई और ग़ैर-ब्राजीलियाई लोगों ने विरोध प्रदर्शन किये।
जेसी दयाने ने इसका विश्लेषण करते हुए बताया, "इसमें कोई शक नहीं कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो पर सवाल उठाने और दबाव बनाने के लिहाज़ से इसका राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव पड़ेगा। हमारा मानना है कि इससे सरकार के प्रति असंतोष और भी बढ़ जायेगा,जिससे कि उनके ख़िलाफ़ महाभियोग चलाये जाने या अगले साल होने वाले चुनावों में उनकी हार के नतीजे के तौर पर भी सामने आ सकता है।
#ForaBolsonaro pelo mundo
O sábado #19J foi dia de manifestações contra Jair Bolsonaro em todo o Brasil e também no exterior. Imagens de Londres, no Reino Unido. #19JForaBolsonaro
Fotos: Democracy for Brasil/ Comite de Lutas em Londres pic.twitter.com/1RnwDyA1PO— Brasil de Fato (@brasildefato) June 20, 2021
अगला क़दम
अब जनांदोलन,राजनीतिक दल, और जनवादी मोर्चे,जिन्होंने 19 जून की लामबंदी का आह्वान किया था, वे सब मिलकर संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने की संभावना को देखते हुए अगले चरणों को तय करने के लिए एक बैठक आयोजित करेंगे।
एडसन कार्नेइरो के मुताबिक़ यह वक़्त सड़क पर विरोध को तेज़ करने का है, क्योंकि पारंपरिक मीडिया ने मौजूदा सरकार को लेकर अपना रुख़ बदल लिया है, हालांकि अभिजात्य वर्ग बोल्सनारो के आर्थिक एजेंडे का समर्थन अब भी कर रहा है।
ट्रेड यूनियन के नेता का कहना है, " नवउदारवाद के परंपरागत दक्षिणपंथ और धुर-दक्षिणपंथ के इस टकराव के बीच राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की एक परियोजना के इर्द-गिर्द बुन रहे इन जनांदोलनों की एकता ही ब्राजील में अगले दौर की राजनीतिक लड़ाई में बदलाव लायेगी।"
इसके साथ ही महाभियोग की मांग को लेकर एक "ज़बरदस्त अपील" की जा रही है,जिसमें बोल्सोनारो की जवाबदेही पूरी नहीं करने वाले 20 अपराधों की मलामत की गयी है। मौजूदा राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में अपने ख़िलाफ़ महाभियोग की 122 मांगों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
साभार: पीपल्स डिस्पैच
अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें
Mobilizations Against Bolsonaro Gain Strength and Mobilize Around 750 Thousand People
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