जेएनयू में एबीवीपी की हिंसा के खिलाफ छात्र लामबंद, प्रदर्शन

“वो क्यों इतना हमलावर है
उसको शायद कोई डर है”
ये शे’र जेएनयू पर हू-ब-हू खरा उतरता है। तभी अपनी हार से बौखलाए एबीवीपी के लोग, छात्रों पर हमला करते हैं और उनके बचाव में आए जेएनयू छात्र संघ के नव निर्वाचित अध्यक्ष एन साई बालाजी को भी निशाना बनाते हैं।
जेएनयू के छात्र इसे आरएसएस और बीजेपी की ओर से एक बार फिर जेएनयू पर हमला मान रहे हैं, जहां तमाम कोशिशों के बाद भी उसे पांव रखने की ज़मीन नहीं मिल रही है। आपको मालूम है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का छात्र संगठन है जैसे बीजेपी राजनीतिक संगठन। इस बार तमाम कोशिशों के बाद एबीवीपी को जेएनयू छात्र संघ चुनाव में किसी तरह बीस फीसद तक वोट तो हासिल हो जाता है, लेकिन इसी के साथ ऐसा पहली बार होता है कि एबीवीपी साइंस कॉलेज में भी पिछड़ती है और उसका केवल एक काउंसलर जीत पाता है। जब बाहर उनकी सरकार है...जब दो साल से जेएनयू के खिलाफ अंदर-बाहर तीखा ज़हरीला प्रचार चल रहा है, जब वे अपने पक्ष में पूर्वोत्तर के तीन-तीन मुख्यमंत्रियों का कैंपस में दौरा कराते हैं, इसके बाद भी जेएनयू की ऐसी हार उनके लिए बड़ा झटका है, जिसे शायद एबीवीपी संभाल नहीं पा रही है। खुद एबीवीपी के केंद्रीय कमेटी के नेता और जेएनयू के छात्र सौरभ शर्मा के लिए ये बड़ा झटका और सदमा है क्योंकि वे जेएनयू जीत कर 2019 में अपने लिए बीजेपी से लोकसभा चुनाव की सीट के सपने देख रहे थे। ऐसा उनकी राजनीति को करीब से जानने वाले छात्र कहते हैं।
जब सेंट्रल पैनल की चारों सीटों पर सयुंक्त वाम मोर्चे की जीत के जश्न में पूरा कैंपस डूबा था और लाल गुलाल फिजा में उड़ रहा था उसी समय एबीवीपी ने छात्रों पर हमला कर इसे नया मोड़ देनी की कोशिश की।
देर रात हुए हमले के बारे में छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन साई बालाजी खुद जानकारी देते हैं।
(फेसबुक पोस्ट का स्क्रीन शाट्स)
बालाजी अपने फेसबुक पेज पर लिखते हैं कि “विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने अचानक छात्रों पर हमला कर दिया। मुझे सतलज में मामले को देखने के लिए बुलाया गया। जेएनयूएसयू के चुने गए प्रतिनिधि के तौर पर मैं पवन मीना की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए गया जिस पर एबीवीपी के छात्रों ने लाठियों से हमला किया था। वहां पहुंचने पर मैंने देखा वो दिल दहलाने वाला था। सौरभ शर्मा के नेतृत्व में लोग हर उस छात्र के खून के प्यासे थे जिसे वो पवन मीना का मित्र समझ रहे थे। और इस तरह से वो छात्रों पर लाठियों से हमला कर रहे थे। उन लोगों ने खुलेआम मुझे, गीता और वहां मौजूद दूसरे छात्रों को धमकी दी कि अगर हममें से कोई भी हिंसा रोकने की कोशिश करेगा तो उसे उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। उसके बाद समूह मॉब में तब्दील हो गया और झेलम में जेएनयू के एक पूर्व छात्र अभिनय की पिटाई शुरू कर दी। इस भीड़ ने उनका पीछा किया और एक तरह से उनकी लिंचिंग कर दी। मैं दूसरे छात्रों के साथ अभिनय को बचाने के लिए दौड़ा जो उस पिटाई के बाद बिल्कुल अचेत हो गए थे। मैंने एंबुलेंस बुलवाकर उन्हें मेडिकल सहायता के लिए भेज दिया।
उसके बाद जो हुआ वो बेहद भयानक था। मुझे फिर भीड़ द्वारा धमकी दी गयी। मेरी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ छात्रों ने मुझे पीसीआर गाड़ी में बैठ जाने के लिए कहा। हालांकि आशुतोष मिश्रा और सौरभ शर्मा ने पीसीआर गाड़ी को रोक दिया और हमारे बगल में एक एबीवीपी के छात्र को बैठा दिया। ये दोनों छात्र लगातार पीसीआर रोकने और मुझे धमकाने की कोशिश कर रहे थे।
आश्चर्यजनक रूप से सौरभ शर्मा ने पीसीआर को झेलम और सतलज के बीच में रोक दिया और पीसीआर के भीतर बैठे एबीवीपी छात्रों ने पीसीआर वैन के दरवाजे को खोल दिया। दरवाजा खुलने पर और ज्यादा धमकियां देने के साथ पीसीआर के भीतर मुझ पर शारीरिक रूप से हमला किया गया। हमला करने वालों में वैन के बाहर मौजूद एबीवीपी के छात्र शामिल थे।
मैं अवाक रह गया और अपनी सुरक्षा को लेकर डरा हुआ था। मैंने पीसीआर से खुद को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले चलने के लिए कहा। मेरा स्वास्थ्य खराब हो रहा था और मैं दवा लेने के लिए वापस अपने छात्रावास आ गया। अब मैं शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन जा रहा हूं। मैं जेएनयू के छात्रों से सतलज के सामने इकट्ठा होने की अपील करता हूं। हम कुछ ही देर में वहां से जाएंगे।”
ये पूरा विवरण खुद हमले और हिंसा का शिकार हुए नव निर्वाचित अध्यक्ष बालाजी ने दिया है। अन्य कई चश्मदीद छात्रों ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए पोस्ट लिखी हैं। इस पूरी घटना में जो सबसे ख़तरनाक है, वो ये कि ये सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ। इस घटना कै बाद भी एबीवीपी वाले भीड़ के साथ परिसर में भय और आतंक का माहौल बनाने के लिए घूमते रहे।
इस मामले में वसंत कुंज थाने में बालाजी की तरफ से एबीवीपी और सौरभ शर्मा के खिलाफ नामजद शिकायत दी गई है। इस हिंसा के खिलाफ आज छात्र एकजुट हुए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों में विश्वविद्यालय प्रशासन से लेकर पुलिस तक के रवैये को लेकर तीखा गुस्सा है।
(शिकायत की कॉपी)
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