गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का इस्तीफ़ा

इसे बीजेपी के मुख्यमंत्रियों का फेल्यर कहा जाए या कुछ और, उत्तराखंड और कर्नाटक के बाद गुजरात में भी बीजेपी को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री बदलना पड़ा है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव से लगभग सवा साल पहले अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंप दिया।
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिये चुनाव दिसंबर 2022 में होने हैं।
रूपाणी (65) ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलने और अपना इस्तीफा सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पांच साल तक राज्य की सेवा करने का अवसर दिया गया। अब मेरी पार्टी जो काम देगी, मैं उसे करुंगा।’’
कुल मिलाकर बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। आपको याद होगा इससे पहले उतराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से इस्तीफा लेकर पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। उत्तराखंड में कुछ ही समय के भीतर ये तीसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस्तीफ़ा लेकर ऐन कोविड काल में तीरथ सिंह रावत को गद्दी सौंपी गई। लेकिन फिर चुनाव से कुछ पहले ही जुलाई में तीरथ सिंह रावत को भी बदलने की नौबत आ गई और फिर पुष्कर सिंह धामी को कुर्सी सौंपी गई। उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश के साथ ही 2022 की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
इसी तरह अभी जुलाई अंत में कर्नाटक में बीएस. येदियुरप्पा के इस्तीफा देने के बाद बीजेपी ने बसवराज एस बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया है। हालांकि कर्नाटक में चुनाव 2023 में होने हैं।
उत्तर प्रदेश में भी मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाएं चलीं, लेकिन वे परवान नहीं चढ़ीं। लेकिन इतना कहा जा सकता है कि बीजेपी नेतृत्व उत्तर प्रदेश में भी अगले चुनाव में सफलता को लेकर आश्वस्त नहीं है, बल्कि बुरी तरह आशंकित ही है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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