बुलेट ट्रेन के क्या मायने जब मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर चलती हैं खाली ट्रेनें

मुंबईअहमदाबाद रेल मार्ग पर करीब 40% से ज्यादा सीटें ट्रेनों में खाली जाती हैं जिसके चलते रेलवे का भारी नुकसान होता हैन्यूज एजेंसी आइएएनएस के अनुसार आरटीआई से मिले आंकड़ों केमुताबिक एक महीने में करीब 10 करोड़ का नुकसान होता है।रेलवे के इस नुकसान के सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल में उद्घाटन किए गए बुलेट ट्रेन परियोजना पर सवालखड़े होने लगे हैं ज्ञात हो कि ये परियोजना 1,10,000 करोड़ रूपए की है और मोदी के अहम परियोजनाओं में से एक यह दिखाया गया है कि बुलेट ट्रेन काफी महंगा होगा और इसके चलते 650 किमी लंबे रेल मार्ग पर भूमि तथा पर्यावरण को बहुत नुकसान होगा है।
बता दें कि मुंबई के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली ने यात्रियों तथा वित्तीय नुकसान के संबंध में आरटीआई से जवाब मांगा था। इस आरटीआई के जवाब में पश्चिमी रेलवे ने भारीनुकसान का खुलासा किया
उधर भारतीय रेलवे ने भी माना है कि उनके पास इस क्षेत्र में कोई भी नई ट्रेन चलाने की कोई योजना नहीं है।
आइएएनएस के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद के बीच सभी ट्रेनों की सीटों की स्थिति के बारे में गलगली द्वारा जानकारी मांगे जाने के जवाब में पश्चिमी रेलवे ने बताया कि पिछले तीन महीनों में मुंबई-अहमदाबाद की ट्रेनों में 40 प्रतिशत सीटें खाली रही और अहमदाबाद-मुंबई मार्ग पर 44 प्रतिशत सीटें खाली रही।
पश्चिमी रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक मनजीत सिंह ने आरटीआई के जवाब में कहा कि पहले से ही अहमदाबाद और मुंबई के बीच 32 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं जिनकी कुल सीट क्षमता735,630 है।
पिछले तिमाही के दौरान केवल 441,795 सीटें ही भरी जिससे 30,16,24,623 रुपए का राजस्व ही प्राप्त हुआ था, जबकि 44,29,08,220 रुपए की कुल अनुमानित आय के मुकाबले इस अवधि में14,12,83,597 रुपए का भारी नुकसान हुआ था। मुंबई से अहमदाबाद के वापसी यात्रा के लिए इसी तरह के आंकड़े उपलब्ध कराए गए।
पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद के डिवीजनल इंजीनियर जानकारी दी कि इस मार्ग पर कोई भी नई ट्रेन शुरू करने का किसी प्रकार का नया प्रस्ताव नहीं है।
गलगली ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर 72,696 सीटों की क्षमता वाली सबसे लोकप्रिय ट्रेन 12009 शताब्दी एक्सप्रेस में जुलाई-सितंबर की अवधि में केवल 36,117 सीटें ही भरी गई जबकिवापसी यात्रा में कुल 67,392 सीटों में केवल 22,982 ही फुल हो पाईं ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गलगली ने बताया कि बुलेट ट्रेन भारतीय करदाताओं के लिए सफेद हाथी साबित हो इससे पहले केंद्र तथा गुजरात सरकार को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।
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