बिहार : उत्तरपुस्तिका गायब होने का मामला हाईकोर्ट पहुँचा

एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक (मूल्यांकन केंद्र) गोपालगंज से दसवीं परीक्षा की 42,400 उत्तरपुस्तिका के गायब होने के मामले की शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई की गयी |
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार से चार सप्ताह में जबाब मांगा है | स्थनीय मिडिया के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को अधिवक्ता दीनू कुमार ने एक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लेकर जल्द सुनवाई करने का अनुरोध बुधवार को ही किया था| इसी पर मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर यह मामला शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया था |
हाईकोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह में लिखित शपथ पत्र के माध्यम से जबाब दाखिल करने को कहा है | ये मामला बिहार के गोपालगंज शहर में एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक स्कूल से साल 2018 के 10वीं की लगभग 42 हज़ार जाँची हुई उत्तरपुस्तिका गायब हो ने की है | पूरे मामले का खुलासा एक रिपोर्ट से हुआ जो एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक स्कूल की जाँच के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समीति को सौंपी गयी थी| बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने टेबलेईग के दौरान टॉपरों की कॉपियों की माँग की थी| जब कॉपियों को बिहार बोर्ड भेजा गया तो सामाजिक विज्ञान की दो, हिंदी की दो, संस्कृत की दो, गणित की दो, विज्ञान की दो, अंग्रेजी की दो समेत कुल 12 कॉपियों के गायब होने की जानकारी बोर्ड से स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को फोन पर इसकी जानकारी दी गयी| फिर आनन-फानन में प्राचार्य ने मूल्यांकन केंद्र को खुलवा कर जाँच शुरू की ,तब इस पुरे मामले का खुलासा हुआ | स्कूल प्रबंधन मिनी ट्रक से कॉपियों के गायब किये जाने की आशंका जताया जा रहा है|
उत्तरपुस्तिका के 200 खाली बैग बरामद
वही दूसरी ओर पुलिस जाँच टीम को गोपालगंज एसएस बालिका उच्चतर माध्मिक स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से 42400 उत्तरपुस्तिकाओ के गायब होने के मामले में पांचवें दिन एसआईटी की टीम ने पुलिस अधिकारियों के साथ स्कूल परिसर की छानबीन की | इस दौरान पुलिस को स्कूल परिसर की झाड़ियों सेउत्तरपुस्तिकाओ के 200 खाली बैग बरामद हुआ| जिन में उत्तरपुस्तिकाएं रखी हुई थी |
एसआईटी एसएस बालिका के एक शिक्षकेतर कर्मी (वे कर्मचारी जो शिक्षण कार्य से नही जुड़े है )की भूमिका को खंगाल रही है | कुछ मिडिया रिपोर्ट के अनुसार उधर हेडमास्टर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का बीपी फिर बढ़ गया| उनसे कई राउंड पूछताछ हो चुकी है जबकि, उनके द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में एक शिक्षकेतर कर्मी के संलिप्त होने की बात कही गयी है|
हेडमास्टर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव को चार माह बाद ही अक्तूबर में रिटायर होना था | इससे पहले ही कदाचार के आरोप के कारण उन्हें निलबिंत कर दिया गया है | उन पर अबतक कोई प्रथमिकी भी दर्ज़ नही हुई है |पुलिस ने उन्हें जाँच में सहयोग के नाम पर हिरासत में रखा हुआ है |
न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बिहार परीक्षा मुल्यांकन समिति के सदस्य श्री शाहजफर इमाम ने कहा की “एसएस बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से मूल्यांकन के बाद उत्तरपुस्तिका के गायब होने के मामले में बोर्ड अधिक दोषी है | बोर्ड की तरफ से मूल्यांकन केंद्र पर किसी भी प्रकार की कोई भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नही किए जाते है | बोर्ड और सरकार हमेशा ही अपने जिम्मेदारियों से भागती है” |
इन सब में सबसे ज्यदा अगर किसी का नुकशान हो रहा है तो वो वो छात्र है जिन्होने इस परीक्षा में भाग लिया था | ये उनके साथ एक धोखे से कम नही है | प्रशासन कह रहा है की उत्तरपुस्तिकाओ के गायब होने से कोई फर्क नही पड़ेगा लेकिन उत्तरपुस्तिकाओ के बिना कैसे होगी स्क्रूटनी इसका जबाब कोई नही दे रहा है | ये भी सत्य है की अगर उत्तरपुस्तिका नही मिली तो स्क्रूटनी कर पाना संभव ही नही है |
इन सब के बिच बिहार के वामपंथी छात्र संघठनो ने बिहार बोर्ड के हर वर्ष हो रहे धांधली और गड़बड़ीयो के खिलाफ बिहार बोर्ड के समक्ष विरोध-प्रदर्शनकिया |
प्रदर्शनकरी छात्रों ने कहा की “बार - बार परीक्षापरिणाम में गडबड़ी क्यों? जबाव दे बिहार सरकार की शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त क्यों हो रही है? शिक्षा और विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है | शिक्षा व्यवस्था का ऐसा हाल नहीं सहेंगे”।
प्रदर्शनकरी छात्र और विपक्षी दल बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर पर गंभीर आरोप लगऐ है ,वो माँग कर रहे की इनको बर्खास्त किया जाए |
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