अडानी मानहानि मामले में पत्रकार रवि नायर के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट

नई दिल्ली: अडानी समूह के सौदों सहित भारतीय जनता पार्टी की आर्थिक नीतियों और रफ़ाल सौदे जैसे व्यापारिक सौदों के बारे में विस्तार से लिखने वाले स्वतंत्र पत्रकार रवि नायर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उन्हें ये वारंट गुजरात के गांधीनगर में इस समूह द्वारा उनके खिलाफ दायर एक आपराधिक मानहानि के मुकदमे के संबंध में है।
दि वायर की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मुकदमे के लिए नायर को गांधीनगर की एक निचली अदालत में पेश होना है। चौंंकाने वाली बात यह है कि नायर को उनके खिलाफ "न तो सम्मन दिया गया और न ही शिकायत की कोई कॉपी दी गई"। पत्रकार ने दि वायर को यह भी कहा कि उन्हें यह नहीं बताया गया था कि किस रिपोर्ट या कौन से सोशल मीडिया पोस्ट के चलते इस समूह द्वारा मुकदमा दायर किया गया था।
नायर ने दि वायर को बताया, “मुझे यह भी नहीं पता था कि मेरे खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया। उन्हें पहले सम्मन जारी करना चाहिए था। अगर अदालत ने सम्मन भेजा है, तो वह मेरे पास कभी नहीं पहुंचा... मुझे कभी कुछ नहीं मिला।”
वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता ने ट्वीट करते हुए लिखा, नायर को "उनके खिलाफ अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा दर्ज शिकायत या अदालत का कोई सम्मन नहीं मिला है।” बता दें कि ठाकुरता के खिलाफ गुजरात स्थित औद्योगिक समूह ने जनवरी 2021 में इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली (ईपीडब्ल्यू) में 14 जून, 2017 को प्रकाशित एक लेख को लेकर मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
In the late-afternoon on Monday 25 July, independent journalist Ravi Nair was served with a bailable warrant for appearance in a court in Gandhinagar, Gujarat, by the Delhi police. He has not received any court summons or the complaint lodged by Adani Enterprises Ltd against him. — ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) July 26, 2022
नायर ने पिछले कुछ वर्षों में कई खोजपरक रिपोर्ट लिखी हैं, जिनमें से कुछ भाजपा की आर्थिक नीतियों और विवादास्पद रफ़ाल सौदे को लेकर काफी महत्वपूर्ण रही हैं।
नवंबर 2018 में नायर ने दि वायर के लिए एक रिपोर्ट लिखी थीं और ये सवाल किया था कि 36 रफ़ाल विमान के लिए बेंचमार्क मूल्य 5.2 बिलियन यूरो से 8.2 बिलियन यूरो तक कैसे बढ़ गया और किस आधार पर कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी प्रति जेट अधिक भुगतान करने के लिए सहमत हुई जबकि एमएमआरसीए के आरएफपी में वही प्रारूप उल्लिखित है?
नायर ने न्यूज़क्लिक के लिए कई विशेष रिपोर्ट भी लिखी हैं, जिनमें रफ़ाल से लेकर पवन हंस, सीएजी, चुनावी बांड आदि शामिल हैं।
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