अमृतसर रेल हादसा : रेलवे का जवाबदेही से इनकार

अमृतसर, 20 अक्टूबर। अमृतसर में रावण दहन देखने के दौरान ट्रेन की चपेट में आकर हुई 60 लोगों की मौत के बाद शनिवार को रेलवे ने इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया। उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने जारी बयान में कहा कि यह कार्यक्रम एक ऐसे क्षेत्र में हो रहा था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
बयान के अनुसार, वहां पर दशहरा कार्यक्रम आयोजित करने के बारे में न तो क्षेत्रीय प्रशासन और न ही कार्यक्रम आयोजक ने कोई सूचना दी।
उन्होंने कहा, "तो रेलवे से अनुमति लेने का सवाल ही नहीं उठता।"
उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम कार्यक्रम के समय मानवीय क्रॉसिंग के दरवाजे बंद थे।
एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने हालांकि यह स्वीकार किया कि डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) जालंधर-अमृतसर पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने आपातकालीन ब्रेक का उपयोग नहीं किया।
लेकिन इससे उलट रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी का कहना है कि जोड़ा फाटक पर जालंधर-अमृतसर डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे।
उधर, अधिकारी ने स्वीकार किया कि क्रॉसिंग पर खड़े व्यक्ति को नजदीकी स्टेशन को वहां कार्यक्रम की भीड़ इकट्ठी होने की सूचना देनी चाहिए थी।
स्टेशन मास्टर को सतर्क होना चाहिए था और बाद में उसे लोको पायलटों को सतर्क करना चाहिए था। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह घटना रेलवे के इंटरलॉक लेवल क्रॉसिंग से लगभग 340 मीटर की दूरी पर हुई।
लेकिन रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने संवाददाताओं को बताया, "ट्रेन तय स्पीड पर चल रही थी और ऐसी उम्मीद नहीं थी कि लोग ट्रैक पर खड़े होंगे। यह पूरी तरह से ट्रेसपासिंग का मामला है। रेलवे ट्रैक से जुड़े दशहरे कार्यक्रम के बारे में रेलवे को कई जानकारी नहीं दी गई थी।"
लोहानी ने कहा कि घटनास्थल दो स्टेशनों के बीच का हिस्सा है, जहां ट्रेन ट्रैक के मुताबिक नियत स्पीड पर चलती है।
लोहानी ने कहा कि रेलवे ने सड़क यातायात को विनियमित करने के लिए मानव लेवल क्रॉसिंग पर अपने स्टाफ की नियुक्ति की।
लोको पायलट की जिम्मेदारी के बारे में पूछे जाने पर लोहानी ने कहा, "हमारी शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे और स्पीड 90 किलोमीटर प्रतिघंटे से कम होकर लगभग 60-65 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई थी। हम अभी भी स्पीडोमीटर चार्ट की जांच कर रहे हैं।"
उन्होंने जनता से रेलवे ट्रैक पर नहीं चलने की हिदायत देते हुए कहा, "रेलवे नियमित तौर पर लोगों को जागरूक करता रहता है कि रेलवे ट्रैक पर चहलकदमी नहीं करें।"
शुक्रवार को धोबीघाट के निकट जोड़ा फाटक पर लगभग 700 लोगों की भीड़ रावण के विशाल पुतले का दहन देख रही थी तभी अमृतसर से होशियारपुर जा रही जालंधर-अमृतसर डीएमयू पैसेंजर ट्रेन शाम करीब सात बजे पटरी पर खड़े लोगों को रौंदती हुई गुजर गई।
10-15 सेकेंड के बाद ही वहां क्षत-विक्षत शव नजर आने लगे और वहां चीख-पुकार मचने लगी।
डॉक्टरों का कहना है कि कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने के कारण मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
मुख्यमंत्री भी आज घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। इसी के साथ पंजाब सरकार ने आज शनिवार को राज्य में शोक का ऐलान किया है। आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरन सभी ऑफिस और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। घटना की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।
रेल मंत्री पीयूष गोयल फिलहाल अमेरिका में हैं। उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और वह लौटने की तैयारी कर रहे हैं।
दुर्घटना के बाद शुक्रवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
(इनपुट आईएएनएस)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।