उत्तराखंड में जरूरत पड़ने पर बचाव एवं राहत कार्यों में मदद देंगे : संरा महासचिव

संयुक्त राष्ट्र: भारत में उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई भीषण बाढ़ में जानमाल के नुकसान पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने दुख जताया और कहा कि यदि जरूरत पड़ती है तो उत्तराखंड में जारी बचाव एवं राहत कार्यों में संगठन सहयोग देने के लिए तैयार है।
भीषण बाढ़ से वहां दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 125 से ज्यादा मजदूर लापता हैं। गंगा की सहायक नदियों-धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दहशत फैल गयी और बड़े पैमाने पर तबाही हुई।
एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को इस आपदा में बड़ा नुकसान हुआ है।
इस हादसे के बारे में गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, ‘‘रविवार को भारत के उत्तराखंड राज्य में ग्लेशियर टूटने और उसके परिणामस्वरूप आई बाढ़ में कई लोगों की मौत एवं दर्जनों लोगों के लापता होने की खबर से महासचिव बेहद दुखी हैं।’’
उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘महासचिव ने पीड़ितों के परिवारों, भारत के लोगों एवं सरकार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। यदि आवश्यकता पड़ती है तो संयुक्त राष्ट्र वहां जारी बचाव कार्य एवं मदद के प्रयासों में सहयोग देने के लिए तैयार है।’’
गुतारेस के वक्तव्य के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जो संवेदनाएं व्यक्त की हैं उनकी हम सराहना करते हैं।’’
इससे पहले संरा महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बाजेकिर ने कहा था कि उत्तराखंड में हालात पर वह नजर रख रहे हैं जहां ग्लेशियर टूटने के कारण विकराल बाढ़ आई है। अधिकारियों का कहना है कि सात शव मिल चुके हैं जबकि कम से कम 125 लोग लापता हैं।
बोजकिर ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत के उत्तराखंड की घटना से संबंधित खबरों पर नजर रख रहा हूं, जहां ग्लेशियर टूटने के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई तथा 140 लोग लापता हैं।
उत्तराखंड में बचाव कार्यों के लिए मैच फीस दान करेंगे पंत
चेन्नई: भारत के आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद बचाव कार्यों के लिए वह अपनी मैच फीस दान देंगे और अन्य लोगों को प्रोत्साहित करेंगे कि वे आगे आएं और योगदान दें।
पंत का जन्म रुड़की में हुआ है जो राज्य के हरिद्वार जिले में आता है।
पंत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘उत्तराखंड में लोगों के जान गंवाने की बेहद पीड़ा है। राहत कार्यों के लिए अपनी मैच फीस दान करना चाहूंगा और साथ ही लोगों से अपील करूंगा कि वे भी मदद करें।’’
इससे पहले 23 साल के इस क्रिकेटर ने रविवार को इस प्राकृतिक आपदा में लोगों की मौत पर शोक जताया था।
उन्होंने लिखा, ‘‘उत्तराखंड में बाढ़ से प्रभावित लोगों के परिवारों के प्रति शोक और संवेदनाएं हैं। उम्मीद करता हूं कि राहत कार्यों से मुश्किल में फंसे लोगों को मदद मिलेगी।’’
पंत ने यहां एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के तीसरे दिन 91 रन की शानदार पारी खेलने के बाद यह ट्वीट किया था।
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