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पुण्यतिथि पर विशेष: आज भी जल रही है मंगलेश डबराल की ‘कविता की लालटेन’

वरिष्ठ कवि, लेखक, पत्रकार मंगलेश डबराल की आज पहली पुण्यतिथि है। पिछले बरस 9 दिसंबर 2020 को कोरोना ने उनकी जान ले ली। न्यूज़क्लिक के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने मंगलेश जी के घर जाकर उनकी पत्नी-बेटी से बात की—घर का ताना बाना टटोला और उनके कुछ दोस्तों से बातचीत के बहाने खींचा वितान उनके जीवन के संघर्षशील दौर का। यह आज फिर से देखा-सुना जाना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देश के प्रतिष्ठित कवि, लेखक, पत्रकार मंगलेश डबराल की आज पहली पुण्यतिथि है। पिछले बरस 9 दिसंबर 2020 को कोरोना ने उनकी जान ले ली। उनका जाना समूचे साहित्यिक जगत के लिए बड़ा आघात रहा, खासतौर से वाम-प्रगतिशील धारा के लिए यह अपूर्णीय क्षति है।

न्यूज़क्लिक के लिए वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने मंगलेश जी के उनके निधन के बाद उनके घर जाकर उनकी पत्नी-बेटी से बात की—घर का ताना बाना टटोला, जिसके कण-कण में बसा हुआ है प्रेम-संगीत-पेंटिग और बिखरी हुई हैं कविताओं की पृष्ठभूमि। मंगलेश जी के कुछ दोस्तों से बातचीत के बहाने खींचा वितान उनके जीवन के संघर्षशील दौर का। यह आज फिर से देखा-सुना जाना चाहिए।

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