एसकेएम के विरोध प्रदर्शनों को मिला कांग्रेस का समर्थन

नयी दिल्ली: सरकार पर किसानों से किए गए वादों से मुकरने के आरोप लगाते हुए अग्निपथ सेना भर्ती योजना लाने के खिलाफ प्रदर्शन के संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान के प्रति कांग्रेस ने सोमवार को पुरजोर समर्थन व्यक्त किया।
एसकेएम ने रविवार को केंद्र सरकार के खिलाफ निराशा व्यक्त करते हुए आरोप लगाया था कि वह पिछले साल 9 दिसंबर को किसानों के आंदोलन वापस लेने के दौरान किसानों से किए गए लिखित वादों से पूरी तरह मुकर गई है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ''संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन खत्म किए 7 महीने हो चुके हैं। अभी तक एमएसपी एवं अन्य मांगों की गारंटी नहीं मिली। अजय मिश्रा आज भी मंत्रिमंडल में है। अपनी मांगों तथा किसानों के बेटों के लिए घातक अग्निपथ के खिलाफ ये पुनः प्रदर्शन करने जा रहे हैं। हम इनका पुरजोर समर्थन करते हैं।''
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन खत्म किए 7 महीने हो चुके हैं। अभी तक MSP एवं अन्य मांगों की गारंटी नहीं मिली। अजय मिश्रा आज भी मंत्रिमंडल में है।
अपनी मांगों तथा किसानों के बेटों के लिए घातक अग्निपथ के खिलाफ ये पुनः प्रदर्शन करने जा रहे हैं।
हम इनका पुरजोर समर्थन करते हैं।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 4, 2022
एसकेएम की रविवार को गाजियाबाद में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
संगठन ने एक बयान में कहा है कि सरकार द्वारा इस कथित ''विश्वासघात'' के विरोध में, 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई - शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस तक, देशभर में जिला स्तर पर ''विश्वासघात के खिलाफ विरोध'' जनसभाओं का आयोजन किया जाएगा।
इसके साथभीवलखीमपुर खीरी हत्याकांड के 10 महीने बाद भी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहने पर भी सवाल उठाए और इसे देश की कानून व्यवस्था के साथ एक भद्दा मजाक बताया ।
मोर्चा शुरू से किसानों को न्याय दिलवाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, और पीड़ित परिवारों को कानूनी व अन्य हर तरह की सहायता देता रहा है। इसी मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने के लिए आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी में 18-19-20 अगस्त को 75 घंटे का पक्का मोर्चा आयोजित करेगा, जिसमें देश भर से किसान नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे।
इस बैठक में किसान और मानवाधिकार आंदोलनों पर बढ़ते हुए दमन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में किसान नेता आशीष मित्तल को झूठे मामलों में फंसाने, बंगाल के फरक्का में अदानी के हाई-वोल्टेज तार का विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज, तथा छत्तीसगढ़ में विरोध कर रहे किसानों के दमन की भर्त्सना करता है। साथ ही सुश्री तीस्ता सीतलवाड़, आर०बी० श्रीकुमार, और मुहम्मद ज़ुबैर जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की गिरफ्तारी, पूरे देश में लोकतांत्रिक अधिकारों पर बढ़ते दमन का संकेत देती है। संयुक्त किसान मोर्चा इस लोकतांत्रिक संघर्ष में इन सभी कार्यकर्ताओं और संगठनों के साथ भी अपनी एकजुटता दिखाई है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
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