लखनऊ में भी दिन भर प्रदर्शन और झड़पें, नदवा कॉलेज भी 5 जनवरी तक बंद

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध देशभर में हो रहा है। इस बार विरोध की कमान संभाली है छात्रों ने। जामिया, डीयू, एएमयू,एचसीयू इत्यादि तमाम विश्वविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों के छात्र CAA के साथ अब जामिया इत्यादि के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का भी एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में लखनऊ के नदवा कॉलेज में रविवार रात और सोमवार सुबह प्रदर्शन हुआ। इसके अलावा लखनऊ के दूसरे कई यूनिवर्सिटी से भी प्रदर्शन की खबरें आई हैं।
दारुल उलूम नदवातुल उलेमा (नदवा कॉलेज) राजधानी लखनऊ का एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान है जो शहर के मध्य में लखनऊ विश्वविद्यालय के पास स्थित है। आज नदवा कालेज के मुख्य द्वार पर छात्रों और पुलिस में झड़प के हालात बन गये। पुलिस ने कॉलेज के द्वार बंद कर दिए। पुुलिस के मुताबिक अंदर छात्रों ने नारेबाजी की और पथराव भी किया। पुलिस ने छात्रों को परिसर से बाहर निकलने नहीं दिया।
नदवा कॉलेज में रविवार रात से ही छात्र जामिया विवि और एमएमयू के छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। कल देर रात करीब 200 से ज्यादा छात्रों ने अपने-अपने छात्रावासों से बाहर निकलकर सड़कों पर प्रदर्शन किया। छात्रों का विरोध मार्च शुरू होने के 10 मिनट बाद ही पुलिस पहुंच गई और उन्हें कॉलेज परिसर के अंदर भेज दिया।
नदवा कॉलेज के छात्रों को कॉलेज के अंदर भेजने के बाद पुलिस ने नदवा कालेज की घेराबंदी कर दी, लेकिन आसपास के इलाके में रहने वाले कॉलेज के दूसरे छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। जब यह छात्र सड़क पर आए तो इन्होंने केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाए और नागरिकता कानून वापस लेने की मांग की, लेकिन पुलिस ने इनको बल प्रयोग कर प्रदर्शन करने से रोकने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया। हालांकि पथराव में कोई घायल नहीं हुआ। आरोप है कि छात्रों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रबड़ बुलेट का प्रयोग किया।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने 'भाषा' को बताया ''आज सुबह नदवतुल उलेमा में छात्रों के एक गुट ने विरोध प्रदर्शन कर परिसर से बाहर आने का प्रयास किया लेकिन उन्हें परिसर से बाहर नहीं आने दिया गया। इस पर छात्रों ने परिसर के अंदर से पत्थर फेंके लेकिन इससे कोई घायल नहीं हुआ। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पुलिस बल के साथ मौजूद हैं और किसी भी छात्र को परिसर से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है ।''
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने संवाददाताओं को बताया ''एक मिनट से भी कम समय छात्रों का विरोध प्रदर्शन चला। पुलिस ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। अब छात्र अपने अपने छात्रावासों में चले गये हैं। अभी भी परिसर के बाहर पुलिस तैनात है ।''
प्रदर्शन के बाद नदवा प्रशासन ने कॉलेज को 5 जनवरी 2020 तक के लिए बंद करने का निर्णय लिया. कॉलेज प्रशासन ने सभी छात्रों से कॉलेज छोड़ने का फरमान जरी किया। जिसके बाद छात्रों ने अपने जरूरी सामान लेकर अपने शहरों को बसों और ट्रेनों से वापस जाने लगे। कॉलेज प्रशासन के सूत्रों ने बताया कि लखनऊ में 19 दिसंबर को होने वाले प्रदर्शन को देखते हुए कॉलेज को को खाली करा लिया गया है।
हालांकि प्रशासन और कालेज प्रशासन दोनों ने इसके ऊपर कोई औपचारिक टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। खबर लिखे जाने तक नदवे से आधे से ज्यादा छात्र अपने घरो को वापस जा चुके थे। जबकि भारी पुलिस बल अभी भी कॉलेज के बाहर तैनात हैं।
इसके अलावा लखनऊ के दूसरे कई यूनिवर्सिटी से भी प्रदर्शन की खबरें आई है। लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के बाहर भी छात्रों ने जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के पक्ष में प्रदर्शन किया।वहा भी पुलिस ने बल प्रयोग करके छात्रों को तितर-बितर किया।
बताया जा रहा है कि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन भी यूनिवर्सिटी बंद करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों ने बताया की प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी पर दबाव है की छात्रों को यूनिवर्सिटी से बहार भेजा जाए। वही लखनऊ में देर रात हुसैनाबाद के इलाके में घंटाघर पर होने वाले प्रदर्शन को पुलिस ने दबाव बनाकर रद करवा दिया है।
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डीजीपी ने कहा ''राजधानी लखनऊ के अलावा सोमवार को सुबह से पूरे प्रदेश में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामले में अज्ञात छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच जनवरी तक के लिये छुट्टी घोषित कर छात्रों से छात्रावास खाली करने को कहा है। वहां आज सुबह से अभी तक कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है।''
सिंह ने कहा कि अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवायें बंद रखने के आदेश दिये गये हैं । पूरे प्रदेश में फिलहाल शांति बनी हुई है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
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