पेगासस मामले की जांच की मांग को लेकर विपक्षी दलों का संसद परिसर में प्रदर्शन
नयी दिल्ली: कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने पेगासस स्पाईवेयर का उपयोग करके राहुल गांधी समेत कई प्रमुख व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
लोकसभा और राज्यसभा के कई कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक नेता कनिमोई और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और कई अन्य सांसद इस मौके पर मौजूद थे।
विपक्षी सांसदों ने अपने हाथ में एक बड़ा बैनर ले रखा था जिस पर ‘हम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग करते हैं’ लिखा हुआ था।
उन्होंने ‘जासूसी बंद करो’ और ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ’ के नारे भी लगाए।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ ने दावा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के कुछ रसूखदार लोगों सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि है किए गए हों।
पेगासस विवाद: गुजरात कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की
अहमदाबाद: कांग्रेस ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर अपने नेताओं और अन्य व्यक्तियों की कथित तौर पर जासूसी किये जाने के खिलाफ गुजरात के गांधी नगर में शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया।
पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित चावड़ा और गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पहले बैनर लिये भाजपा नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांधीनगर सर्किट के बाहर जमा हुए। बाद में, चावड़ा, धनानी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने राजभवन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपा जाना है।
धनानी ने पत्रकारों से कहा, ' नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी कराके भाजपा उनके खिलाफ साजिश कर रही है। यह निगरानी एक अघोषित आपातकाल के समान है। यह लोगों के निजता के अधिकार का प्रत्यक्ष उल्लंघन है। हमने राष्ट्रपति के लिए राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। हम पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग कर रहे हैं।'
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।