मुद्रा अवमूल्यन व वेतन का भुगतान न करने को लेकर इराक़ में प्रदर्शन

इराक में सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए उन निर्णयों के खिलाफ पिछले दो दिनों से प्रदर्शन हुए हैं जिनमें दैनिक मज़दूरी पाने वाले हजारों सरकारी कर्मचारियों की मज़दूरी देने में देरी के साथ-साथ करेंसी का अवमूल्यन (डिवैल्यू) शामिल है। इस रिपोर्ट को सोमवार 21 दिसंबर को कई मीडिया संस्थान ने प्रकाशित किया है।
कई इराकी शहरों में सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों प्रदर्शनकारी शामिल थे, जिन्होंने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इराकी दिनार के मूल्य को पांचवें हिस्से तक घटाने की सरकार की योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके चलते आम इराकी नागरिकों के लिए उनके दैनिक खर्चों में भी कई तरह की समस्याएं पैदा हुईं साथ ही साथ देश में व्यापार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।
एक दिन पहले दक्षिणी इराकी शहर बसरा में विरोध प्रदर्शन हुए जिसमें पिछले नौ महीनों से वेतन का भुगतान न करने पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए शहर के कई मुख्य मार्गों को अवरुद्ध करते हुए हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए थे।
सोमवार का विरोध प्रदर्शन जो राजधानी बगदाद, पूर्वी इराक के शहर कुट, मध्य इराकी शहर नजफ के साथ-साथ तेल-समृद्ध बसरा में फैला हुआ था। इस प्रदर्शन में शामिल हुए कई दुकानदार और छोटे व्यापारियों ने कहा कि मुद्रा के अवमूल्यन के परिणामस्वरूप आवश्यक वस्तुओं और अन्य मूलभूत वस्तुओं की कीमतों में अचानक वृद्धि होगी और वस्तुओं को आयात करने के लिए उनकी क्रय शक्ति भी कम हो जाएगी जिसके परिणामस्वरूप देश में विभिन्न आयातित वस्तुओं की कमी हो सकती है।
बगदाद के ताहिर चौक पर प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ लिखे कुछ बैनर और पोस्टर लिए हुए थे जिस पर लिखा था "सरकार को दीनार के सामने गिर जाना चाहिए"। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए एक डॉलर के मुकाबले 1182 इराकी दिनार की वर्तमान दर को बहाल करने की मांग की है जिसे सरकार ने अपने फैसले में एक डॉलर के मुकाबले 1460 दिनार कर दिया है।
चिंताशील व्यवसायियों के साथ साथ अन्य लोग जैसेकि इराक के कई वरिष्ठ नागरिक जो पेंशन पर जिंदा हैं उनका कहना है कि नई विनिमय दर के अनुसार समायोजन के बाद उनका पेंशन भी कम हो जाएगा जो कीमतों में वृद्धि के साथ है उनके खर्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
इराक की सरकार ने देश के विदेशी भंडार को बाहर निकलने से रोकने के लिए मुद्रा अवमूल्यन को एक आवश्यक उपाय के रूप में समझाने की कोशिश की है। देश में 2021 में होने वाले संसदीय चुनावों के मद्देनजर सुधार पैकेज के भाग के रुप में सरकार ने निकट भविष्य में होने वाले अन्य कठोर नियमों की भी योजना बनाई है, जैसे कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती, कर दरों में बड़े पैमाने पर वृद्धि शामिल है।
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