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देश में लॉकडाउन अब दो हफ़्ते और बढ़ा, 17 मई तक जारी रहेंगी पाबंदियां

इसी के साथ गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 को ग्रीन जोन घोषित किया है।
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Image courtesy: The Economic Times

दिल्ली : देश में 3 मई को ख़त्म हो रहे लॉकडाउन को और दो सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया है। इस तरह अब सोमवार से लॉकडाउन का तीसरा दौर शुरू होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 पर स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद यह फैसला लिया गया।
अब यह लॉकडाउन 17 मई तक जारी रहेगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मंत्रालय ने चार मई से दो हफ्तों की अवधि के लिये लॉकडाउन बढ़ाने का आदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जारी किया है।

इसी के साथ गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान कर दी। हालांकि इनके सामान्य परिचालन पर अभी रोक लगी रहेगी।

इससे पहले आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज जोन और 319 को ग्रीन जोन घोषित किया है।

इन इलाकों में कोविड-19 मामलों की संख्या, मामलों के दोगुना होने की दर, जांच की क्षमता और निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इन्हें श्रेणीबद्ध किया गया है।

‘कंटेनमेंट ऑपरेशन’ के लिए जिलों के इस वर्गीकरण को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा तीन मई से अपनाया जाएगा। तीन मई को लॉकडाउन का दूसरा चरण समाप्त होना था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है।

इस सूची को हर सप्ताह या उससे पहले भी संशोधित किया जाएगा और इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों को सूचित किया जाएगा।

इस नए वर्गीकरण में मुम्बई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और अहमदाबाद जैसे महानगर शहरों को रेड जोन में रखा गया है।

कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जिलों के इस नए वर्गीकरण की घोषणा की गई।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीती सूदन ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम जमीनी स्तर पर कोविड-19 के एक केन्द्रित प्रबंधन के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान करें।’’

उन्होंने कहा कि जिलों को पहले हॉटस्पॉट्स / रेड-जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन के रूप में नामित किया गया था। इन्हें भी सामने आए नए मामलों और उनके दोगुने होने की दर के आधार पर वर्गीकृत किया गया था।

सूदन ने पत्र में कहा, ‘‘ मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ने के बाद, जिलों का वर्गीकरण अब व्यापक मानदंडों के आधार पर किया जा रहा है। यह वर्गीकरण बहु-तथ्यात्मक है और बढ़ते मामलों, उनके दोगुने होने की दर, जांच की क्षमता, निगरानी एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर इनका वर्गीकरण किया जा रहा है।’’

पत्र के अनुसार किसी भी क्षेत्र को ग्रीन जोन में तभी रखा जाएगा यदि वहां कोविड-19 का कोई पुष्ट मामला न हो या पिछले 21 दिन में जिले में कोई मामला सामने ना आया हो।

वहीं कोई भी रेड या ऑरेंज जोन में शामिल जिले क्रमश: 28 और 14 दिन तक कोई नया मामला सामने ना आने के बाद ग्रीन जोन में आ सकते हैं।

इस सूची में दिल्ली के 11 जिलों को रेड जोन (हॉटस्पॉट्स) घोषित किया गया है। वहीं महाराष्ट्र के 14 जिले रेड जोन, 16 ऑरेंज जोन और छह ग्रीन जोन में शामिल हैं। गुजरात के नौ जिले रेड जोन, 19 ऑरेंज जोन और पांच ग्रीन जोन में हैं।

वहीं मध्य प्रदेश के नौ जिले रेड जोन, 19 ऑरेंज जोन और 24 ग्रीन जोन में हैं। राजस्थान के आठ रेड, 19 ऑरेंज और छह जिले ग्रीन जोन में हैं।

उत्तर प्रदेश के 19 जिले रेड जोन, 36 ऑरेंज जोन और 20 ग्रीन जोन में हैं। जबकि तमिलनाडु के 12 जिले रेड जोन, 24 ऑरेंज और एक ग्रीन जोन में हैं।

गोवा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम पूरी तरह ग्रीन जोन में है।

तेलंगाना के छह जिले रेड, 18 ऑरेंज और नौ ग्रीन जोन में हैं। आंध्र प्रदेश के पांच जिले रेड जोन, सात ऑरेंज जोन और एक ग्रीन जोन में है। पश्चिम बंगाल के 10 जिले रेड जोन, पांच ऑरेंज और आठ ग्रीन जोन में हैं।

असम, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, मेघालय, पुडुचेरी और त्रिपुरा जैसे कुछ राज्यों में कोई भी रेड जोन नहीं है।

कुछ राज्यों द्वारा ‘‘ कुछ क्षेत्रों को रेड-जोन में शामिल करने का मुद्दा’’ उठाए जाने पर सचिव ने कहा कि यह एक गतिशील सूची है।

सचिव ने कहा कि राज्य स्तर पर क्षेत्र से मिली जानकारी और अतिरिक्त विश्लेषण के आधार पर राज्य उपयुक्त रूप से अतिरिक्त रेड और ऑरेंज जोन घोषित कर सकते हैं।

सूदन ने कहा, ‘‘ हालांकि राज्यों को मंत्रालय द्वारा रेड/ऑरेंज जोन में शामिल जिलों में कोई ढील नहीं देनी चाहिए।’’

एक या अधिक नगर निगम वाले जिलों के निगमों और जिलों के अन्य क्षेत्रों को अलग-अलग इकाइयों के रूप में माना जा सकता है। अगर इन इकाइयों में 21 दिन तक कोई मामला सामने ना आए तो इन्हें रेड या ऑरेंज जोन से हटाया जा सकता है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोविड-19 के अभी तक 35,365 मामले सामने आए हैं और 1,152 लोगों की इससे जान जा चुकी है। तक़रीबन 25.63 फ़ीसदी यानी 9,065 मरीज़ों को ठीक भी किया जा चुका है। इस तरह देश में अब सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ कर 25,148 पहुंच गयी है।

लॉकडाउन से फंसे प्रवासी मज़दूरों, छात्रों, तीर्थयात्रियों को विशेष ट्रेनों के जरिये लाने को मंजूरी

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की वजह से फंसे लोगों को उनके राज्य ले जाने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल करने की शुक्रवार को अनुमति प्रदान कर दी।

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे लोगों-जैसे कि प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और छात्रों को अब विशेष ट्रेनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए राज्य और रेलवे बोर्ड आवश्यक प्रबंध करेंगे।’’

ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन में कुछ समस्याएं आने का जिक्र करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को फिर से पत्र लिखकर दोहराया है कि खाली वाहनों सहित ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों के आवागमन के लिए अलग से किसी पास की जरूरत नहीं है।

आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे अन्य लोगों के आवागमन को रेल मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विशेष ट्रेनों के माध्यम से अनुमति है।

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय आवागमन को लेकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करेगा।

गृह सचिव ने कहा, ‘‘रेल मंत्रालय टिकट बिक्री, ट्रेन स्टेशनों पर भौतिक दूरी और अन्य सुरक्षा कदमों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।’’

दिल्ली, मुंबई, अन्य शहरों तथा ग्रीन जोन में सोमवार से परिवहन आवागमन पर प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछे जाने पर श्रीवास्तव ने कहा कि किसी को भी गृह मंत्रालय के नए दिशा-निर्देशों का इंतजार करना चाहिए।

उन्होंने देश में लॉकडाउन स्थिति से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के योगदान को भी रेखांकित किया।

श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ने देश में जिला प्रशासन के तहत काम करने के साथ ही कोविड-19 रोगियों के लिए 32 अस्पताल उपलब्ध कराए हैं, पृथक-वास केंद्रों की स्थापना करने, सूखा राशन और भोजन वितरण तथा रक्तदान शिविरों में मदद की है।

उन्होंने कहा कि रायपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक बटालियन ने एक लाख किलोग्राम चावल का वितरण किया है। देशभर में तैनात तीन लाख कर्मियों वाला बल कोविड-19 से संबंधित एक कॉल सेंटर तथा एक टेलीमेडिसिन केंद्र और जागरूकता शिविर भी चला रहा है।

श्रीवास्तव ने कहा कि सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जहां भारत-नेपाल सीमा पर फंसे लोगों की मदद कर रहा है, वहीं केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआईएसएफ) की अग्निशमन इकाई की टीम संक्रमणमुक्ति के काम में जिला प्रशासन की मदद कर रही हैं। सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) ने यह सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं पर गश्त बढ़ा दी है कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति देश में घुसने में सफल न होने पाएं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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